बेस्ट एथलेटिक्स कोच ‘विजय’ का गुरुकुल से है गहरा नाता

आचार्य की एक सीख ने बदला जीवन।
कुरुक्षेत्र, वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक 27 सितम्बर : हरियाणा के मुख्यमंत्री श्री नायब सिंह सैनी द्वारा ‘बेस्ट एथलेक्टिस कोच’ पुरस्कार से सम्मानित हुए विजय कुमार मलिक का गुरुकुल कुरुक्षेत्र से गहरा नाता रहा है और खेलों में उन्हें लाने का श्रेय भी गुरुकुल कुरुक्षेत्र के तत्कालीन प्राचार्य और वर्तमान में गुजरात एवं महाराष्ट्र के महामहिम राज्यपाल आचार्य देवव्रत को जाता है। दरअसल, गुरुकुल कुरुक्षेत्र में छात्रावास में रहने के दौरान आचार्य देवव्रत ने विजय कुमार के अन्दर छिपी खेल प्रतिभा को पहचाना और उसे एथलेटिक्स में मेहनत करने के लिए प्रेरित किया। इतना ही नहीं विजय की खेल प्रतिभा को निखारने के लिए जो आवश्यक थीं, वे सभी सुविधाएं भी आचार्यश्री ने उपलब्ध करवाई जिसका परिणाम आज सभी के समक्ष है। यह शब्द बेस्ट कोच के पुरस्कार से नवाजे गये विजय कुमार ने दूरभाष पर गुरुकुल प्रतिनिधि से कहे। विजय कुमार ने कहा कि आचार्य देवव्रत की प्रेरणा से ही उन्होंने गुरुकुल कैम्पस में एथलेटिक्स की ‘ए,बी,सी’ सीखी। आचार्यश्री के ध्येय वाक्य ‘नीयत साफ-मंजिल आसान और कठिन परिश्रम’ को जीवन में आत्मसात किया और देखते ही देखते उनका जीवन पूरी तरह बदल गया। विजय ने बताया कि गुरुकुल में अध्ययन के दौरान वे प्रातः 03 बजे ही उठकर प्रैक्टिस करते थे।
बता दें कि विजय कुमार वर्ष 2009 से 2011 तक गुरुकुल कुरुक्षेत्र के विद्यार्थी रहे। इस बीच उन्होंने उत्कृष्ट खेल प्रतिभा के दम पर विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में जिला और राज्य स्तर पर अनेक पुरस्कार जीते। आचार्य देवव्रत ने उनकी अद्भुत खेल प्रतिभा को पहचाना और गुरुकुल में ही उन्हें बेहतर प्रशिक्षण उपलब्ध करवाया जिसकी बदौलत एथलेटिक्स में वे आगे बढ़े और आज इस मुकाम पर पहुंचे। एथलेक्टिस में विजय कुमार के नाम कई उपलब्धियां है। चीन में हुए एशियाई खेलों में पैरा एथलेटिक्स चैम्पियनशिप में चक फेंकने में गोल्ड मेडलिस्ट प्रणव सूरमा को विजय ने ही प्रशिक्षण दिया जिसके लिए पंचकूला में हुए एक समारोह में मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने उन्हें 30 लाख रुपये का चैक भेंट कर सम्मानित किया। बहरहाल, अपने पुराने छात्र को इस मुकाम पर देखकर गुरुकुल परिवार में भी खुशी का माहौल है।