भागवत श्रवण संसार का सर्वश्रेष्ठ सत्कर्म है : केशव कृष्ण

भागवत श्रवण संसार का सर्वश्रेष्ठ सत्कर्म है : केशव कृष्ण।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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कथा में पहुंचे बड़ी संख्या में श्रद्धालु।
कुरुक्षेत्र, 20 अप्रैल : सैक्टर 7 के शिव मंदिर में आयोजित श्रीमद भागवत कथा के पहले दिन व्यासपीठ से प्रसिद्ध कथावाचक श्री राधा कृष्ण चरणानुरागी केशव कृष्ण ने पहले दिन श्रीमद् भागवत महिमा की महिमा बारे बताया। उन्होंने कहा कि भक्तों को भगवान की कृपा प्राप्त करने के लिए नियमित रूप से भागवत श्रवण करना चाहिए। भागवत श्रवण संसार का सर्वश्रेष्ठ सत्कर्म है। जिस स्थान पर भागवत कथा होती है, वहां स्वयं भगवान विराजमान होते हैं। सभी मनुष्यों को समाज में अच्छे काम करना चाहिए व जीवों के प्रति दया की भावना रखना चाहिए। कथा वाचक केशव कृष्ण ने कहा कि सत्य का मार्ग कठिन जरूर होता है, सत्य का साथ कभी नहीं छोड़ना चाहिए। भगवान श्रीकृष्ण ने गीता में कहा कि फल की चिंता किए बिना कर्म करना चाहिए। बिना कर्म कुछ संभव नहीं होता है। जो मनुष्य अच्छा कर्म करता है उसे अच्छा फल मिलता है व गलत कर्म करने वाले को बुरा फल मिलता है। इसलिए अच्छा कर्म ही करना चाहिए। कथावाचक ने भागवत महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि एक मार्ग दमन का है तो दूसरा उदारीकरण का। भागवत कथा श्रवण मात्र से ही पापों से मुक्ति मिलती हैं। भागवत कथा एक ऐसा अमृत है कि इसे जितना भी पीया जाए, आत्मा तृप्त नहीं होती हैं। उन्होंने कहा कि भक्ति के दो पुत्र हैं-पहला ज्ञान व दूसरा वैराग्य। भागवत कथा वह कथा हैं जिसे सुनते ही ज्ञान व वैराग्य जाग जाये। जो कथा ज्ञान व वैराग्य जगाए, वह पाप में कैसे ढकेल सकती हैं। नारद मुनि ने भक्ति को प्रेमारूपा बताया है। कथा के साथ साथ भजन संगीत भी प्रस्तुत किया गया। बड़ी संख्या में लोग भागवत कथा सुनने पहुंचे।
व्यासपीठ पर कथा वाचक एवं श्रद्धालु।