हरियाणा: जयराम विद्यापीठ में तीसरे दिन की भागवत कथा

जयराम विद्यापीठ में तीसरे दिन की भागवत कथा।

हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
दूरभाष – 9416191877

मानव के जीवन में दुखों का कारण स्वयं उसका अपना स्वभाव है : आचार्य श्याम भाई ठाकर।
बुद्धि और शक्ति ईश्वर की कृपा व आराधना के बगैर प्राप्त नहीं हो सकती है : आचार्य श्याम भाई ठाकर।
भागवत कथा श्रवण करने पहुंचे अनेकों संत महापुरुष।
   
कुरुक्षेत्र, 30 नवम्बर : देश के विभिन्न राज्यों में संचालित श्री जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी के सान्निध्य में गीता जयंती महोत्सव 2022 के अवसर पर जयराम विद्यापीठ में भागवत पुराण की कथा के अवसर पर तीसरे दिन व्यासपीठ से भागवत भास्कर आचार्य श्याम भाई ठाकर ने कहा कि मानव के जीवन में दुखों का कारण स्वयं उसका अपना स्वभाव है और मानव को अपनी जीवन शैली के स्वभाव को सुधारना कठिन कार्य करना है। तीसरे दिन की कथा में स्वामी महेश मुनि बड़ा अखाड़ा, संत ज्ञानेश्वर अवधूत आश्रम,षडदर्शन साधुसमाज के उपाध्यक्ष महंत गुरुभगत सिंह निर्मल अखाड़ा, स्वामी मंगत नाथ गोरख नाथ, स्वामी रोशन पुरी एवं महंत विशाल दास नाभिकमल सहित अनेकों संत महापुरुष भी पहुंचे। तीसरे दिन की कथा प्रारंभ से पूर्व परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी एवं यजमान परिवार ने संत महापुरुषों के साथ व्यासपीठ को नमन कर पूजन किया। कथा वाचक आचार्य श्याम भाई ठाकर ने कहाकि कहा कि कोई भी कार्य बुद्धि व शक्ति के बगैर नहीं हो सकता है। बुद्धि और शक्ति ईश्वर की कृपा व आराधना के बगैर प्राप्त नहीं हो सकती है। उन्होंने कहाकि मंदिर में श्रद्धा और भक्ति के साथ ही परमात्मा का साक्षात्कार हो सकता है। हमारा मन शुद्ध होगा तभी परमात्मा की कृपा होगी। जहां भक्त है वहीं सिद्ध है। उन्होंने कथा में राजा परीक्षित के जीवन का वर्णन करते हुए धर्म, अर्थ, काम व मोक्ष की महत्ता पर प्रकाश डाला। आचार्य ठाकर ने बताया कि 84 लाख योनियां भुगतने के पश्चात मानव देह की प्राप्ति होती है। इसलिए इस देह को उपयोग व्यर्थ कामों में ना करके जनकल्याण व ईश्वर भक्ति में समर्पित कर दें। कथा में बताया कि भागवत कथा कर्म को महत्व देती है। सात्विक कर्मों से ही मुक्ति संभव है। कथा में संगीतमयी भजनों से श्रोता तथा श्रद्धालु झूम उठे। आचार्य ठाकर ने कथा में कहाकि मोक्ष प्राप्ति का द्धार ही मानव जीवन है, जो हमें परमात्मा मिलन और सत्कर्म करने के लिए प्रभु देते हैं, मानव जीवन मिलने के बाद परमात्मा को मनाने की कोशिश करते रहना चाहिए। उन्होंने कहाकि यह तभी संभव होगा, जब हम संसार की मोह -माया का त्याग कर प्रभु की शरण में जायेंगे। इस अवसर पर तीसरे दिन की कथा के समापन पर भागवत कथा यजमान परिवार ने व्यासपीठ पर भागवत पुराण की आरती की। कथा में सेवानिवृत्त आयुक्त टी के शर्मा, जयराम शिक्षण संस्थान के निदेशक एस.एन. गुप्ता, राजेंद्र सिंघल, के.के. कौशिक एडवोकेट, कुलवंत सैनी, डी.के. गुप्ता, टेक सिंह लौहार माजरा, सुरेंद्र गुप्ता, पवन गर्ग, के.सी. रंगा, हरि सिंह, राजेश सिंगला, ईश्वर गुप्ता, चंद्रभान कमोदा, सुनील गर्ग, संजीव गर्ग, सुनील गौरी, जयपाल शर्मा, महिला मंडल की संगीता शर्मा व संतोष यादव, रणबीर भारद्वाज, आचार्य राजेश लेखवार, सतबीर कौशिक, रोहित कौशिक इत्यादि भी मौजूद थे।
जयराम विद्यापीठ में भागवत कथा में श्री जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी एवं कथावाचक भागवत भास्कर आचार्य श्याम भाई ठाकर। कथा में श्रद्धालुओं की उपस्थिति।

Read Article

Share Post

VVNEWS वैशवारा

Leave a Reply

Please rate

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

हरियाणा: जयराम महिला पॉलिटेक्निक में टैलेंट शो का आयोजन

Wed Nov 30 , 2022
जयराम महिला पॉलिटेक्निक में टैलेंट शो का आयोजन। हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।दूरभाष – 9416191877 छात्राओं ने रैम्प वॉक कर जलवे दिखाए। कुरुक्षेत्र, 30 नवम्बर : देश के विभिन्न राज्यों में संचालित श्री जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष एवं श्री जयराम शिक्षण संस्थान के चेयरमैन ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी की प्रेरणा से […]

You May Like

Breaking News

advertisement