कवि जनार्दन प्रसाद झा की 118 वी जयंती मनाई गई
पूर्णिया
पूर्णिया कॉलेज पूर्णिया के हिंदी विभाग द्वारा संस्थापक प्रधानाचार्य एवं छायावादी युग के प्रमुख कवि श्री जनार्दन प्रसाद झा द्विज की 118वीं जयंती सेमिनार हॉल में कोरोना प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए मनाई गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधानाचार्य डॉ मोहम्मद कमाल ने किया अपने संबोधन में दूध जी के प्रति सम्मान व्यक्त करते हुए कहा कि आज की तारीख एक तरह से तवारीख है। द्विज जी मनुष्यता की समझ के कवि थे। मुख्य अतिथि के रूप में डॉ निरुपमा राय शोभायमान थी उन्होंने द्विज के संबंध में कई रोचक एवं सूचनात्मक जानकारी दी तथा उन्होंने द्विज जी के सम्मान में अपनी कविता “श्रद्धा सुमन” का पाठ भी किया। पूर्णिया विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ कामेश्वर पंकज सर ने अपने संबोधन में द्विज जी की प्रमुख कहानी “परित्यक्ता” का जिक्र किया जो प्रेम और वात्सल की अद्भुत कहानी थी। पूर्णिया विश्वविद्यालय के सीनेट सदस्य एवं प्रसिद्ध साहित्यकार श्रीमती नूतन आनंद एवं प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता एवं रंगकर्मी श्री देव आनंद सर ने भी अपने विचार रखे। कला भवन से जुड़े प्रसिद्ध रंगकर्मी एवं विकारी ठाकुर से सम्मानित श्री उमेश आदित्य जी ने भी द्विज जी के साहित्य के बारे में अपने विचार रखे। पूर्णिया के प्रसिद्ध कवि श्री संजय सिंह सनातन ने अपने संबोधन में कहा कहा कि द्विज जी से संबंधित रचनावली प्रकाशित हो। पूर्णिया के चिकित्सक एवं प्रसिद्ध साहित्यकार डॉ के के चौधरी ने द्विज जी से संबंधित रोचक संस्मरण सुनाए तथा उन्होंने कहा कि द्विज जी कविता और कहानी दोनों में समान अधिकार से लिखते थे। कला भवन से जुड़ी डॉक्टर निशा प्रकाश ने भी द्विज जी की कविता का पाठ अपने अंदाज में किया। अंग्रेजी विभाग के प्राध्यापक डॉ सी के मिश्रा ने द्विज जी के प्रति अपने संबोधन में कहा कि महापुरुषों का कोई वर्गीकरण नहीं होना चाहिए वह हमारे धरोहर हैं। अर्थशास्त्र के प्रोफेसर श्री सुनील कुमार ने द्विज जी के प्रसाद और प्रेमचंद जैसे व्यक्तियों के सोहबत की चर्चा की। इस सारस्वत कार्यक्रम के शुभ अवसर पर राजनीतिक विज्ञान के विभागाध्यक्ष डॉ देव नारायण यादव, दर्शनशास्त्र विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ अनीता माहतो, उर्दू विभाग के डॉ इजहार हुसैन, एवं डॉक्टर मुजाहिद हुसैन, जंतु विज्ञान के विभागाध्यक्ष श्री शैलेंद्र कुमार राकेश, परीक्षा नियंत्रक डॉ मनोज कुमार सेन, डॉ सीता कुमारी डॉ सबिता ओझा प्रो.अमृता सिंह आदि शिक्षक एवं शिक्षकेतर कर्मचारी उपस्थित थे। हिंदीं विभाग के छात्र सतनारायण हरिजन, स्नेहिल कांत स्नेही, कोमल, भावना आदि ने उपस्थित होकर इस कार्यक्रम को सफल बनाया। मंच संचालन डॉ अंकिता विश्वकर्मा ने किया तथा धन्यवाद ज्ञापन हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष श्री ज्ञानदीप गौतम ने किया कार्यक्रम का समापन राष्ट्रगान से किया गया