तनाव मुक्त जीवन के लिए भाईचारा जरूरी : कौशिक

हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
दूरभाष – 9416191877

भगवान के सच्चे भक्तों का त्यौहार है होली।

कुरुक्षेत्र, 16 मार्च :- होली एक राष्ट्रीय व सामाजिक पर्व है। यह रंगों का त्यौहार है। इस बार यह त्यौहार फाल्गुन पूर्णिमा वीरवार, 17 मार्च को मनाया जाएगा।
कुरुक्षेत्र यज्ञ मंदिर ट्रस्ट दु:खभंजन मार्ग कुरुक्षेत्र के सचिव वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक ने जानकारी देते हुए बताया कि किस प्रकार भगवान विकट परिस्थितियों में भी अपने भक्तों की रक्षा करते हैं। उन्होंने कहा कि भगवान के सच्चे भक्तों का त्यौहार है होली। इस पर्व पर आपसी वैर त्याग कर दुश्मन को भी गले लगा लेना चाहिए और जीवन को तनावमुक्त होकर जीना चाहिए। कौशिक जी ने बताया कि विशेष तौर पर यह त्यौहार भी भगवान के परम भक्त प्रह्लाद से संबंधित है। प्रह्लाद हृण्यकश्यप का पुत्र तथा भगवान विष्णु का भक्त था। हृण्यकश्यप प्रह्लाद को विष्णु पूजन से मना करता था। उसके विष्णु भक्ति न छोडऩे पर राक्षसराज हृण्यकश्यप की बहन होलिका को अग्रि में न जलने का वरदान प्राप्त था। हृण्यकश्यप ने उस वरदान का लाभ उठाकर लकडिय़ों के ठेर में आग लगाई और प्रह्लाद को बहन की गोद में देकर अग्रि में प्रवेश की आज्ञा दी। होलिका ने वैसा ही किया। कौशिक के अनुसार देव योग विष्णु कृपा से प्रह्लाद तो बच गया, लेकिन होलिका जलकर भस्म हो गई और इस प्रकार भगवान ने अपने भक्त की रक्षा की। उन्होंने बताया कि भक्त प्रह्लाद की स्मृति और असुरों के नष्ट होने की खुशी में इस पर्व को मनाया जाता है। इसी दिन मनु का जन्म भी हुआ था, इसलिए इसे मनुवादितिथि भी कहते हैं।
इस पर्व को नव सम्वत् का आरंभ तथा वसंतागमन के उपलक्ष्य में भी मनाया जाता है। वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक ने बताया कि यही एक त्यौहार ऐसा है जिसमें सभी समुदाय के लोग हर प्रकार के गिले-शिकवे दूर कर उत्साहपूर्वक बच्चे, बुजुर्ग व सभी आपस में मिलकर होलिका पर्व मनाते हैं। भविष्य पुराण के अनुसार नारद जी ने महाराज युधिष्ठिर से कहा कि राजन् फाल्गुन पूर्णिमा के दिन सब लोगों को अभय दान देना चाहिए, जिससे सारी प्रजा उल्लासपूर्वक रहे। इस दिन सभी बच्चे, बड़े गांव व शहरों में लकडिय़ां इकट्ठी कर और गोबर से बने उपले इकट्ठे कर होलिका का पूर्ण सामग्री सहित विधिवत् पूजन करते हैं। माताएं अपने बच्चों की मंगलकामना के लिए कंडी बनाती हैं, जिसे धागे से विभिन्न प्रकार के मेवे व बेर-पताशे इत्यादि से पिरोया जाता है और होलिका पर भी अर्पण किया जाता है। होलिका दहन के समय होलिका के सम्मुख बैठकर पूजा-अर्चना करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है। वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक ने बताया कि ऋद्धि-सिद्धि प्राप्त करने वाले व्यक्ति लोक कल्याण के लिए इस पर्व की रात्रि में अनुष्ठान करते हैं। रोग निवारण व नवग्रह शांति के लिए रात्रि में अपने इष्ट के मंत्राजाप से शुभ फल प्राप्त होता है। इस दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से अकस्मात धन की प्राप्ति होती है।
इस बार गजकेसरी योग में मनाया जाएगा होलिका पर्व।
होलिका दहन का शुभ मुहूर्त।
नारद पुराण के अनुसार फाल्गुन पूर्णिमा की रात्रि को भद्रारहित प्रदोष काल में होलिका दहन करना चाहिए। होलिका दहन के लिये विशेष मुहूर्त का ध्यान रखना चाहिए।
इस बार होलिका दहन 17 मार्च बृहस्पतिवार को किया जाएगा। होलिका दहन का शुभ मुहूर्त सूर्यास्त के बाद रात्रि 9 बजकर 01 मिनट से लेकर रात्रि 10 बजकर 13 मिनट तक रहेगा।
वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।

Read Article

Share Post

VVNEWS वैशवारा

Leave a Reply

Please rate

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

आज़मगढ़: लंगड़ा अभियान है जारी पुलिस मुठभेड़ में लुटेरा अपराधी हुआ है घायल

Wed Mar 16 , 2022
लंगड़ा अभियान है जारी पुलिस मुठभेड़ में लुटेरा अपराधी हुआ है घायल पुलिस के लिए बना था सर दर्द लुटेरा मेराज दूसरा लुटेरा जीशान भागने में रहा सफल आजमगढ़: पुलिस ने मुठभेड़ में एक लुटेरे को गिरफ्तार करने में सफलता पाई है। पुलिस के लिए बना सिर दर्द लुटेरा पुलिस […]

You May Like

advertisement