हरियाणा में बिना सत्र सवाल पूछने की व्यवस्था से कनेडियन विधायक गदगद

हरियाणा में बिना सत्र सवाल पूछने की व्यवस्था से कनेडियन विधायक गदगद।

हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
दूरभाष – 9416191877

सस्केचेवान में 65 दिन चलते हैं सत्र, दोनों राज्यों ने सांझी की संसदीय परंपराएं।

चंडीगढ़, 10 अप्रैल :
हरियाणा के विधायकों को मिले बिना सत्र सवाल पूछने के अधिकार से कनेडियन विधायक गदगद नजर आए। वहीं, कनाडा में शैडो कैबिनेट की व्यवस्था हरियाणा के विधायकों को प्रभावित करती नजर आई। सोमवार को हरियाणा निवास में विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता की अध्यक्षता में आयोजित कनेडियन प्रांत सस्केचेवान और हरियाणा विधान सभा की विशेष कॉन्फ्रेंस में ऐसी अनेक व्यवस्थाएं चर्चा का केंद्र रही। यह कॉन्फ्रेंस हरियाणा विधान सभा और सस्केचेवान विधान सभा ने एक-दूसरे के साथ विधायी अनुभवों, लोकतांत्रिक मूल्यों पर आधारित विरासत और संसदीय कार्यप्रणाली की जानकारी को सांझा करने के लिए की। कॉन्फ्रेंस के बाद सस्केचेवान के शिष्टमंडल ने हरियाणा विधान भवन समेत कैपिटल कॉम्पलैक्स का दौरा किया।
सस्केचेवान विधान सभा के अध्यक्ष रैंडी वीक्स ने बताया कि उनके यहां विधान सभा में सत्र के दिनों की अवधि स्थायी रूप से निर्धारित है। वहां हर साल मुख्य सत्र 25 दिन का रहता है, जो अक्तूबर माह के चौथे बुधवार से शुरू होता है। बुधवार का दिन उसी शर्त पर टाला जाता है अगर इस दिन चुनाव आयोग ने आम चुनाव निर्धारित कर दिए हो। ऐसी स्थिति में सत्र वीरवार से शुरू होता है। बजट सत्र 40 बैठकों का होता है। इस प्रकार साल में कुल 65 दिन सदन की कार्यवाही चलती है। वहां सप्ताह में 4 दिन सत्र की बैठकें होती हैं तथा प्रत्येक दिन 3 घंटे ही कार्यवाही के लिए निर्धारित है।
वहीं, हरियाणा विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता, उपाध्यक्ष रणवीर गंगवा और प्रदेश के विधायकों ने हरियाणा की संसदीय परंपराओं और नियमों को कनेडियन शिष्टमंडल के साथ सांझा किया। विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता ने हरियाणा में स्थापित ई-विधान सभा, नेवा सेवा केंद्र, सत्र की बैठकों की बढ़ी समयावधि, ड्रा प्रणाली, शून्यकाल, 3 सवाल पूछने की व्यवस्था, सरकार की ओर से 5 दिन पूर्व विधेयक का मसौदा भेजने, कार्यवाही का सीधा प्रसारण, हिन्दी में कामकाज तथा विधायकों के सम्मान के लिए किए गए प्रावधानों पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने लोकतंत्र की मजबूती के लिए आपसी सौहार्द से मिलजुल कर कार्य करने का आह्वान भी किया। उन्होंने कहा कि कार्यपालिका को उत्तरदायी बनाना विधानपालिका की जिम्मेदारी है। इसके लिए विधानमंडलों का प्रभावी होना आवश्यक है। हरियाणा विधान सभा उपाध्यक्ष रणवीर गंगवा ने सस्केचेवान विधान सभा के प्रश्नकाल और दिनों की अवधि के बारे में सवाल पूछे।
हरियाणा से विपक्ष के विधायक भारत भूषण बत्रा ने कहा कि हरियाणा में विस अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता के नेतृत्व में विधायिका को प्रभावी बनाने के लिए बड़ी संख्या में अभिनव प्रयोग शुरू हुए हैं। उन्होंने देश की न्याय प्रणाली पर भी जानकारी सांझा की। बत्रा ने कहा कि विधान सभा अध्यक्ष ने प्रदेश के विधायकों को हर माह सरकार से 3 सवाल पूछने का अधिकार दिलाकर सरकार की जवाबदेही तय की है।
विधायक नरेंद्र गुप्ता ने सस्केचेवान में आर्थिक रूप से पिछड़े वर्गों के लिए किए जा रहे प्रयासों के बारे में जिज्ञासा प्रकट की। उन्होंने कहा कि भारत में अनुसूचित जातियों और पिछड़े वर्गों के उत्थान के लिए चलाई जा रही योजनाओं के बारे में भी जानकारी सांझा की।
विधायक सीमा त्रिखा ने भारतीय संस्कृति में राम के आदर्श का महत्व बताया। उन्होंने कहा कि राम यहां के कण-कण में और हर व्यक्ति की जुबां पर रहता है, जिस कारण यहां अभिवादन भी राम-राम बोल कर किया जाता है। उन्होंने सस्केचेवान शिष्टमंडल को भी राम-राम बोल कर अभिवादन किया। विधायक अफताब अहमद ने भारत और कनाडा की विधायी व्यवस्थाओं में विद्यमान समानता के बिंदु रखे।
विधायक गीता भुक्कल ने सस्केचेवान में महिला विधायकों, आंत्रप्रेन्योर और वकीलों की मिलने वाली सुविधाओं पर जिज्ञासा प्रकट की। उन्होंने अनुसूचित जातियों और पिछड़े वर्गों के आरक्षण के बार में भी जानकारी मांगी। इस पर केडियन प्रतिनिधियों ने बताया कि उनके यहां इस प्रकार के आरक्षण देने का प्रावधान नहीं है।
विधायक वरुण चौधरी ने हरियाणा और सस्केचेवान की तुलना करते हुए कहा कि दोनों प्रदेशों के इतिहास तथा भौगोलिक, जनसांख्यिकी और विकास ढांचे में मूलभूत अंतर हैं। विधायक सत्यप्रकाश जरावता ने कहा कि सस्केचेवान रोजगार सृजन के क्षेत्र में सराहनीय कार्य कर रहा है, वहीं भारत मानव संसाधन के स्किल के लिए विश्व विख्यात है। इसलिए दोनों राज्यों में बेहतर तालमेल से परस्पर हितों को आगे बढ़ाया जा सकता है।
विधायक घनश्याम दास अरोड़ा हरियाणा के पंचायती राज व्यवस्था और शहरी निकाय विभाग के बारे में जानकारी दी। उन्होंने इस संबंध में सस्केचेवान में जनप्रतिनिधियों की स्थिति और पंचायत व शहरी निकाय विभागों में महिलाओं की स्थिति पर भी सवाल पूछे। नयनपाल रावत ने जनप्रतिनिधियों के अधिकार और कर्तव्यों पर सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि हमारे संविधान ने जनप्रतिनिधियों को अनेक प्रकार के अधिकार दिए हैं, इसलिए उन्हें जनसेवा को अपना कर्तव्य समझ कर कार्य करना चाहिए।
कॉन्फ्रेंस में सस्केचेवान विधान सभा के अध्यक्ष रैंडी वीक्स, विधान सभा के सदस्य वारेन केडिंग, विधान सभा के सदस्य नथानिएल टीड, अंतर्राष्ट्रीय संबंधों के निदेशक स्कॉट हंटर, विधान सभा के कर्मचारी आइरिस लैंग, हरियाणा विधानसभा के सचिव आर.के. नांदल और अधिकारीगण व कर्मचारी मौजूद रहे।
हरियाणा निवास में सोमवार को आयोजित सस्केचेवान और हरियाणा विधान सभा की विशेष कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते विस अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता।
सस्केचेवान और हरियाणा विधान सभा की कॉन्फ्रेंस के बाद प्रतिनिधिमंडलों का सामूहिक चित्र।
सस्केचेवान विधान सभा के अध्यक्ष रैंडी वीक्स को सम्मानित करते हरियाणा विधान सभा अध्यक्ष ज्ञान चंद गुप्ता।

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