बिहार: डेंगू से घबराने की नहीं बल्कि बचाव और सुरक्षित रहने की जरूरत: सिविल सर्जन

डेंगू से घबराने की नहीं बल्कि बचाव और सुरक्षित रहने की जरूरत: सिविल सर्जन

मच्छरदानी का इस्तेमाल करना स्वास्थ्य के लिए बेहतर: डॉ आरपी मंडल

पहले डेंगू हो चुके व्यक्तियों को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत: सोनिया मंडल

बारिश के मौसम में लोगों पर अपने और अपने परिवार को संक्रमित होने वाली बीमारियों से बचाने की जिम्मेदारी बढ़ गई है। इस मौसम में डेंगू का भी खतरा बढ़ने लगता है। वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के अपर निदेशक सह राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी डॉ अशोक कुमार ने पत्राचार कर इस बाबत आवश्यक दिशा निर्देश दिया है। उन्होंने कहा  है कि राज्य में बरसात का मौसम शुरू हो चुका है। जिस कारण बिहार के अधिकांश जिलों में डेंगू एवं अन्य मौसमी बीमारियों का प्रकोप बढ़ने की संभावना है। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग काफी सतर्क है। स्थानीय स्तर पर सिविल सर्जन और जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी सहित स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी और कर्मी जिलेवासियों को जागरूक कर बचाव और सुरक्षित रहने के लिए प्रेरित कर रहे हैं।

डेंगू जैसी बीमारी से घबराने की नहीं बल्कि बचाव और सुरक्षित रहने की जरूरत: सिविल सर्जन
सिविल सर्जन डॉ अभय प्रकाश चौधरी ने बताया कि डेंगू एक गंभीर बीमारी है। जो एडीज एजिप्टी नामक प्रजाति के मच्छरों से फैलता है। इसके कारण प्रत्येक वर्ष बहुत लोगों की मृत्यु हो जाती है। जब कोई मच्छर डेंगू बुखार से ग्रस्त किसी रोगी को काटता  और फिर वही मच्छर जब किसी स्वस्थ व्यक्ति को काट लेता है, तो उसका वायरस स्वस्थ व्यक्ति के खून में पहुंच जाता है। जिस कारण स्वस्थ व्यक्ति को भी डेंगू बुखार हो जाता है। मच्छर के एक बार काटने से भी डेंगू होने की संभावना प्रबल रहती है। इन सभी बीमारियों से बचाव और सुरक्षित रहने के लिए विशेष रूप से सतर्कता बरतने की आवश्यकता है। डेंगू से घबराने की जरूरत नहीं बल्कि इससे बचने की जरूरत है। डेंगू के लक्षण की जानकारी अधिकांश लोगों को नही रहती है। जिस कारण समय रहते उसका उपचार नहीं हो पाता है। नजदीकी स्वास्थ्य संस्थानों के चिकित्सकों से चिकित्सीय परामर्श लेकर इससे बचाव किया जा सकता है।

सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करना स्वास्थ्य या संक्रमित बीमारियों के लिए बेहतर: डॉ आरपी मंडल

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ राजेंद्र प्रसाद मंडल ने बताया कि पूर्णिया पूर्व में डेंगू के एक भी मरीज आभी तक नहीं है। हालांकि इससे बचने के लिए दिन में भी सोते समय मच्छरदानी का इस्तेमाल करना स्वास्थ्य या संक्रमित बीमारियों के लिए बेहतर साबित होता है। मच्छर भगाने वाली क्रीम या दवा का प्रयोग दिन में करना स्वास्थ्य के लिए कारगर उपाय होता है। पूरे शरीर को ढकने वाले कपड़े पहनना चाहिए। घर के सभी कमरों की ठीक से सफाई, टूटे-फूटे बर्तनों, कूलर, एसी, फ्रीज में पानी जमा नहीं होने देना, पानी टंकी और घर के आसपास अन्य जगहों पर भी पानी नहीं होना, घर के आसपास साफ-सफाई का विशेष रूप से ध्यान रखना चाहिए और कीटनाशक दवा का इस्तेमाल करने से डेंगू जैसी बीमारियों से बचा जा सकता है।

पहले डेंगू हो चुके व्यक्तियों को ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत: सोनिया मंडल
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण सलाहकार सोनिया मंडल ने बताया कि बरसात के दिनों में डेंगू एवं चिकनगुनिया के मरीज की संख्या बढ़ जाती है। डेंगू या अन्य बीमारियों से संक्रमित करने वाले मच्छर दिन में ही काटते और स्थिर एवं साफ पानी में पनपते हैं। अगर किसी भी व्यक्ति के शरीर में तेज बुखार, बदन, सिर एवं जोड़ों में दर्द और आंखों के पीछे दर्द हो तो सतर्क हो जाएं। इतना ही नहीं बल्कि आपके त्वचा पर लाल धब्बे या चकते का निशान, नाक- मसूढ़ों से या उल्टी के साथ रक्तस्राव होना और काला पखाना होना डेंगू के लक्षण हैं। इन लक्षणों के साथ यदि तेज बुखार हो तो तत्काल नजदीकी अस्पताल जाएं और अपना इलाज करवाएं। यदि किसी व्यक्ति को पहले डेंगू हो चुका है तो उसे ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। ऐसे व्यक्ति दोबारा डेंगू बुखार की आशंका होने पर सरकारी अस्पताल या फिर चिकित्सकों से संपर्क करें।

डेंगू बुखार के मुख्य लक्षण: –

  • डेंगू वायरस से संक्रमित होने के 3 से 14 दिनों के बाद ही किसी व्यक्ति में लक्षण दिखते हैं।
  • डेंगू वायरस के खून में फैलने के एक घंटे में ही संधियों में दर्द शुरू हो जाता और व्यक्ति को 104 डिग्री तक बुखार भी आता है।
  • उच्च रक्तचाप का तेजी से गिरना और हृदयगति का कम होना।
  • आंखों का लाल होना और दर्द होना।
  • चेहरे पर गुलाबी दाने निकलना डेंगू का सूचक है।
  • भूख ना लगना, सिर दर्द, ठंड लगना, बुखार आना। इन चीजों के साथ डेंगू की शुरुआत होती है।
  • यह सभी लक्षण डेंगू के पहले चरण में होते हैं। यह चार दिन तक चल सकते है।
  • डेंगू के दूसरे चरण में बढ़ा हुआ शरीर का तापमान कम हो जाता और पसीना आने लगता है। इस समय शरीर का तापमान सामान्य होकर रोगी बेहतर महसूस करने लगता है। लेकिन यह एक दिन से ज्यादा नहीं रहता।
  • डेंगू के तीसरे चरण में शरीर का तापमान पहले से और अधिक बढ़ने लगता और पूरे शरीर पर लाल दाने दिखने लगते हैं।

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