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उत्तराखंड:आउटसोर्स कर्मियों से जुड़े फैसले के विरोध के बाद सीएस ने स्थिति स्पष्ट की

उत्तराखंड:आउटसोर्स कर्मियों से जुड़े फैसले के विरोध के बाद सीएस ने स्थिति स्पष्ट की,
सागर मलिक

*कार्यरत अस्थायी/आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की सेवाओं पर नहीं पड़ेगा असर – मुख्य सचिव

मुख्य सचिव ने कहा, शासनादेश का आशय भविष्य में रिक्त होने वाले पदों से है*

देहरादून। आउटसोर्स, संविदा कर्मियों की भर्ती ओर रोक सम्बन्धी सरकार के आदेश के विरोध के बाद मुख्य सचिव को स्थिति स्पष्ट करनी पड़ी।

सरकारी विभागों में आउटसोर्स, संविदा, दैनिक वेतन, कार्यप्रभावित, नियत वेतन, अंशकालिक और तदर्थ कर्मचारियों की भर्ती पर रोक से, इस तरह की सेवा शर्तों के तहत पहले से कार्यरत कर्मचारियों की सेवाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

मुख्यसचिव आनंद वर्द्धन ने स्पष्ट किया है कि, इस रोक का आशय मात्र भविष्य में होने वाली भर्तियों से है।
मुख्य सचिव आनंद वर्द्धन ने कहा है कि सरकारी विभागों में आउटसोर्स, संविदा, दैनिक वेतन, कार्यप्रभावित, नियत वेतन, अंशकालिक और तदर्थ कर्मचारियों की भर्ती पर रोक संबंधित ताजा शासनादेश का, इस तरह की व्यवस्था के तहत पहले से कार्यरत कर्मचारियों की सेवाओं पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

उन्होंने बताया कि उक्त शासनादेश में स्पष्ट किया गया है कि, भविष्य में रिक्त पदों पर अब मात्र नियमित भर्तियां ही की जाएंगी। मुख्य सचिव ने कहा कि कोई भी शासनादेश पिछली तिथि से लागू नहीं होता, इस कारण इस शासनादेश का असर भी आगामी भतिर्यों पर होगा, पहले से कार्यरत कर्मचारी इससे प्रभावित नहीं होंगे। सभी विभाग इसी क्रम में शासनादेश का पालन सुनिश्चित करेंगे।

गौरतलब है कि ताजा आदेश वे बाद विभिन्न विभागों में नियुक्त आउटसोर्स व संविदा कर्मियों ने विरोध जताना शुरू कर दिया है। ये सभी नियमितीकरण की नियमावली जारी करने की बात कहते हुए हाईकोर्ट के उस फैसले की भी बात कर रहे हैं, जिसमें 2018 से पहले दस साल की सेवा कर चुके कर्मियों को नियमित करने का आदेश दिया था।

बहरहाल, उपनलकर्मी समेत हजारों संविदा व तदर्थ कर्मी इस शासनादेश के बाद असमंजस में है। हालांकि, मुख्य सचिव ने रविवार को स्थिति साफ करने की कोशिश की है।

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