बॉडी को ठंड के दिनों में प्यास का सिग्नल नहीं देता-डा आफताब आलम
अररिया
ठंड के दिनों में बॉडी को प्यास का सिग्नल नहीं मिलता है,इसलिए हम लोगों को ठंड के दिनों में थोड़ा थोड़ा गर्म गुनगुने पानी पीते हुए रहना चाहिए ,ताकि बॉडी में पानी की संतुलन बनी रहे। उक्त बातें शहर स्थित बरमाशेल के सामने अपने क्लिनिक में जाने माने फिजिशियन डॉ मो आफताब आलम ने कहीं। उन्होने कहा कि ठंड का मौसम शुरू हो गया है सुबह शाम अधिक कुहासे के साथ शीत ठंड शुरू हो गई है ,ऐसे में बीपी,शुगर,वाले मरीजों खासकर बुजुर्गों व बच्चों को कुछ एहतियात बरतनी होगी। थोड़ी सी सावधानी बरत कर जाड़े के मौसम का लुत्फ उठाया जा सकता है। चिकित्सक आफताब आलम ने कहा कि मौसम का बदलाव के समय सतर्क रहना बहुत जरूरी होता है । सर्द गर्म का प्रभाव सब पर पड़ता है, पर इनका सबसे ज्यादा असर बच्चों व बूढ़ों पर होता है। इसलिए सर्द गर्म व मौसम में बदलाव के समय बच्चों पर विशेष ध्यान देना चाहिए। सर्दी के समय सामान्य सर्दी, जुकाम, फुलू, साइनोसाइटिस सहित अन्य समस्याएं बढ़ जाती हैं। ठंड में तापमान में कमी के साथ-साथ ठंडी हवाओं का असर भी शरीर पर होता है । कुछ सावधानियां बरतकर ठंड का लुत्फ उठाया जा सकता है। शहर के युवा चिकित्सक डॉक्टर आफताब आलम ने ठंड के समय ज्यादा पानी की कमी से किडनी में प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है और पशीना नहीं निकलने की वजह से शरीर में नमक की मात्रा भी बढ़ जाती है। डा आफताब आलम कहते हैं कि ठंड के समय रक्त धमनिया सिकुड़ जाती हैं , जिससे रक्तचाप बढ़ने की संभावना हो जाती है । ठंड के समय धूप निकलने पर हल्का-फुल्का व्यायाम अवश्य करनी चाहिए। वही सर्द के मौसम में लोग अपने बदन में अभी दो से तीन स्तर तक का गर्म कपड़े पहने और कहा कि सर्दी के मौसम में शरीर को प्यास का सिग्नल नहीं देता है। इसलिए जिस्म ( बॉडी ) में पानी का संतुलन बनाए रखने के लिए गुनगुने पानी पीते रहना चाहिए।