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बदलते हुए मौसम में अपने इम्यून सिस्टम को मजबूत करके और खान पान में बदलाव से अपनी सेहत का रखे ख्याल डॉ. अनेजा

हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
ब्यूरो चीफ – संजीव कुमारी दूरभाष 9416191877

कुरुक्षेत्र 5 अप्रैल : मेडिकल ऑफिसर, ऐडमिनिस्ट्रेटर एवं आरएसएसडीआई मेंबर डॉ. अनेजा ने बताया कि मौसम में बदलाव हो रहा है। दिन में हल्की गर्मी और रात में ठंडक महसूस हो रही है। जिसकी वजह से जुकाम, बुखार, सिरदर्द, पेट दर्द, बदन दर्द, आंखों में जलन, एक्जिमा और फ्लू जैसी बीमारियां बढ़ रही हैं। यह ऐसा मौसम है जब अस्थमा के मरीजों के लिए भी परेशानियां बढ़ जाती हैं. कमजोर इम्यून सिस्टम वालों को ज्यादा समस्याएं होती हैं। ऐसे में इस मौसम में दिनचर्या में कुछ बदलाव की जरूरत होती है, जिससे सेहत को किसी तरह की दिक्कतें न हो। बदलते मौसम में सुबह-शाम ठंड रहती है और दोपहर में तापमान बढ़ जाता है, ऐसे में गर्मी लगने पर ज्यादातर लोग पंखा चला लेतेहैं लेकिन ऐसी गलती करने से बचना चाहिए, क्योंकि बीमारी की यही सबसे बड़ी वजह है। इससे सर्दी-गर्मी हो सकती है और बुखार भी हो सकता है। इसलिए गर्मी महसूस हो तो आराम से बैठ जाएं, कुछ देर में तापमान सामान्य हो जाएगा।
डॉ. अनेजा ने बताया कि ऐसे लोग जो बहुत जल्दी जुकाम और बुखार की चपेट में आते हैं, इसका मतलब उनका इम्यून सिस्टम कमजोर है. ऐसे में उन्हें खानपान में बदलाव कर ऐसी चीजें खानी चाहिए, जो रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाए. अपनी डाइट में ग्रीन टी या ब्लैक टी शामिल कर सकते हैं. हालांकि, दिन में एक-दो कप से ज्यादा न पीएं. कच्चा लहसुन, दही, ओट्स, विटामिन डी और विटामिन सी फूड्स का सेवन करें। चावल, गेहूं, सेब और ड्राई फ्रूट्स खाएं, फल और सब्जियां खाने में रखें। इनमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट बीमारियों से बचाने का काम करते है।
फ्लू और जुकाम से बचने के लिए अपनी हाथों को साफ रखें। अगर कहीं हैंडवाश, साबुन नहीं मिल रहा तो अपने पास सैनेटाइजर रखें. अस्थमा मरीज खुद को गर्म रखने की कोशिश करें और डॉक्टर के बताए गाइडलाइन का पालन करें। एक्जिमा होने पर स्किन पर नारियल या सूरजमुखी ऑयल लगाते रहें।
संतुलित आहार पूरे साल एक अच्छा विचार है। हालाँकि, जब आप नए मौसम के करीब पहुँचते हैं, तो अपने आहार में कुछ समायोजन करने से मदद मिल सकती है। जब शुष्क या कठोर गर्मी आ रही हो, तो पर्याप्त मात्रा में पानी पीने पर ध्यान देना ज़रूरी है। हालाँकि पर्याप्त पानी पीना ज़रूरी है, लेकिन आप नारियल पानी, नींबू का रस, मौसमी फलों का रस, छाछ और ऐसे अन्य विकल्पों से अपनी हाइड्रेशन की ज़रूरतों को पूरा कर सकते हैं। इसके अलावा, यह भी सुनिश्चित करें कि आपको अपने भोजन विकल्पों के माध्यम से सही पोषण मिले। अपने आहार में स्थानीय और मौसमी उपज को शामिल करने का प्रयास करें।
एक गतिहीन जीवनशैली से हृदय संबंधी बीमारियों,मोटापे,उच्च रक्तचाप, अवसाद और बहुत कुछ का खतरा बढ़ सकता है। इसके अलावा, नियमित शारीरिक गतिविधि आपको कुछ स्वास्थ्य लाभ प्राप्त करने में मदद कर सकती है । यदि “व्यायाम” शब्द आपको डराता है, तो जान लें कि शारीरिक रूप से सक्रिय रहने के लिए आपको जिम में वजन उठाने में समय बिताने की ज़रूरत नहीं है। आप टहलना, जॉगिंग करना, नृत्य करना या यहाँ तक कि कुछ पिलेट्स या योग करना चुन सकते हैं। सुनिश्चित करें कि आपके द्वारा चुनी गई शारीरिक गतिविधि आपके लिए उपयुक्त है और लंबी अवधि तक टिकाऊ है।
डॉ. अनेजा ने बताया कि नींद आपकी सेहत को सुनिश्चित करने के सबसे महत्वपूर्ण पहलुओं में से एक है। हर रात 7-9 घंटे की अच्छी नींद लेना आपके स्वास्थ्य को बनाए रखने और बीमारियों के जोखिम को कम करने के लिए महत्वपूर्ण है। आप एक नींद का शेड्यूल बनाकर, हर दिन कुछ समय धूप में बिताकर और एक अनुकूल नींद के माहौल में रहकर अपनी नींद की गुणवत्ता को बेहतर बनाने की दिशा में काम कर सकते हैं।

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