डा. आशीष अनेजा ने विश्व किडनी दिवस पर आमजन को किया जागरूक

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।

धूम्रपान,जेनेटिक,खराब खान-पान एवं लाइफस्टाइल किडनी रोग का कारण : डॉ. अनेजा।

कुरुक्षेत्र, 14 मार्च : कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के स्वास्थ्य केन्द्र के एडमिनिस्ट्रेटर, गैपियो सदस्य, आरएसएसडीआई मेंबर एवं मेडिकल ऑफिसर, डॉ. आशीष अनेजा ने विश्व किडनी दिवस पर आमजन को जागरूक करने के लिए बताया कि कुल मिलाकर किडनी हमारे पूरे शरीर को स्वस्थ बनाए रखने में मदद भूमिका निभाती है। ऐसे में इसके स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता फैलाने के मकसद से हर साल 14 मार्च को वर्ल्ड किडनी डे मनाया जाता है। इन दिनों तेजी से बदलती लाइफस्टाइल और खानपान की गलत आदतों की वजह से लोग कई समस्याओं का शिकार हो जाते हैं।
भारत में हर साल तकरीबन 2 लाख लोगों किडनी से जुड़ी बीमारियों का शिकार होते हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह यह है कि शुरुआती स्टेज में इस बीमारी का पता ही नहीं लगता। दोनों किडनियों के 60 प्रतिशत डैमेज हो जाने के बाद शरीर पर इसके लक्षण नजर आने शुरू होते हैं। भारत में ही नहीं बल्कि दुनियाभर में किडनी से प्रभावित लोगों की संख्या तेजी से बढ़ रही है। तो किडनी से जुड़ी समस्याओं से बचाव के लिए नियमित रूप से जांच और एक हेल्दी लाइफस्टाइल बेहद जरूरी है। गुर्दे की कार्यप्रणाली की निगरानी और गुर्दे की बीमारी के लक्षणों का जल्द पता लगाने के लिए नियमित स्वास्थ्य जांच आवश्यक है। शीघ्र पता लगने से समय पर कार्रवाई और देखभाल संभव हो पाती है। लगातार तनाव से उच्च रक्तचाप होने की संभावना बढ़ सकती है, जो किडनी रोग के लिए एक जोखिम कारक है। तनाव कम करने के लिए ध्यान, गहरी साँस लेने के व्यायाम या शौक का आनंद लेने का प्रयास करें।
डा. अनेजा ने कहा कि हर रात 7- 9 घंटे की गहरी नींद का लक्ष्य रखें। नींद की खराब गुणवत्ता और अपर्याप्त नींद की अवधि किडनी के कार्य और समग्र स्वास्थ्य पर नकारात्मक प्रभाव डाल सकती है।
लाइफस्टाइल, एक्सरसाइज की कमी और धूम्रपान करना आदि किडनी रोग के मुख्य कारण होते हैं। डॉ. अनेजा ने बताया कि किडनी को स्वस्थ रखने के इन बातों का रखें ख्याल नियमित अपने लिए समय निकालें, व्यायाम एक सेहतमंद जिंदगी के आवश्यक है, अपनी दिनचर्या में योग और वॉक को शामिल करें, अपनी आहार पर विशेष ध्यान दें, भोजन में नमक और वसा की मात्रा कम कर लें, अपनी डाइट में ताजे फल और सब्जियों को शामिल करें, तनावमुक्त जीवन जिएं, तनाव अधिक होने पर योगा व ध्यान के द्वारा इस पर नियंत्रण करें, धूम्रपान का सेवन बिल्कुल बंद कर दें, यह किडनी के साथ ही कई बीमारियों का कारक है, स्वस्थ शरीर के लिए भरपूर नींद लें।
फिट रहें और गतिहीन जीवनशैली से बचें ,स्वस्थ संतुलित आहार लें, रक्त शर्करा के स्तर की जाँच करें और उसका प्रबंधन करें, रक्तचाप के स्तर की जाँच करें और उसे बनाए रखें , उचित तरल पदार्थ पियें (8 कप, लगभग 2 लीटर प्रति दिन),
तम्बाकू सेवन से परहेज, नॉन- स्टेरायडल एंटी- इंफ्लेमेटरी (NSAIDS) के नियमित सेवन से बचें।

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