श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के महन्त गंगा सागर भारती के ब्रह्मलीन होने पर संत समाज और सनातन धर्म समाज को हुई बड़ी क्षति संत समाज में शोक

हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के महंत गंगा सागर भारती का शनिवार को हुआ कैलाश वास। ब्रह्मलीन महंत गंगासागर भारती को शनिवार सुबह कुरुक्षेत्र में दी गई समाधि। भारत साधु समाज के प्रदेशाध्यक्ष मंहत बंसीपुरी व अखाड़ों के कई महंतों ने दी श्रद्धांजलि।
खेलमंत्री संदीप सिंह, विधायक सुभाष सुधा, भाजपा के प्रदेश महामंत्री डा. पवन सैनी,राष्ट्रीय संत सुरक्षा परिषद, भद्रकाली मंदिर के सहित संस्था प्रतिनिधियों ने जताया शोक।

कुरुक्षेत्र 21 अगस्त :- श्रीपंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी और कुरुक्षेत्र के विख्यात प्राचीन कौरव पांडव मंदिर, बाबा श्रवण नाथ हवेली के महंत गंगा सागर भारती का शनिवार को 75 वर्ष की आयु में कैलाशवास हो गया। ब्रह्मलीन महंत गंगा सागर भारती के बाल्यकाल से साथी रहे भारत साधु समाज के प्रदेशाध्यक्ष एवं स्थाणु तीर्थ कुरुक्षेत्र के महंत बंसीपुरी महाराज ने कहा कि वे कर्मठ साधु थे। बाल्यकाल से ही उन्होंने साधु का जीवन धारण कर लिया था। ब्रह्मलीन गंगा सागर भारती श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के तीन बार महंत बने और प्राचीन कौरव पांडव मंदिर बाबा श्रवण नाथ हवेली के 18 वर्षों से महंत थे।
महंत बंसी पुरी महाराज ने कहा कि उन्होंने देश में कई धार्मिक यात्राओं के साथ स्थाणीश्वर महादेव मंदिर,ब्रह्मसरोवर के मध्य स्थित सर्वेश्वर महादेव मंदिर और बाबा श्रवण नाथ हवेली की सेवा के साथ कुशलता के साथ संचालन किया। वे श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के महंत एवं प्रबंधक गुरु कपिल मुनी जी महाराज के शिष्य थे और कई वर्षों तक बाबा श्रवण नाथ वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय पिहोवा के अध्यक्ष रहे। उनके कुशल नेतृत्व में धर्म के साथ शिक्षा का प्रचार प्रसार भी हुआ। स्वामी निर्भय गिरी ने कहा कि महंत गंगा सागर भारती जी का शनिवार करीब एक बजे कैलाशवास हो गया, जिसके बाद सुबह 9 बजे उन्हें समाधि दी गई। इस दौरान अखाड़ा के सचिव अरुणाय तीर्थ के महंत विश्वनाथ गिरी, बगुलामुखी मंदिर धनीपुरा के महंत भीमपुरी, महंत लक्ष्मीनारायण पुरी, लक्ष्मीनारायण मंदिर के महंत अनूपगिरी, रोशनपुरी और साधु समाज ने श्रद्धासुमन अर्पित किए।
श्रीगीता ज्ञान संस्थानम के संस्थापक स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कहा ब्रह्मलीन महंत गंगा सागर भारती में कर्म से साधुता के लक्षण थे। कर्मठता, सनातन धर्म के प्रति उनकी निष्ठा और अध्यात्म के साथ सेवा भावना, जो किसी भी संत के जीवन को गरिमा प्रदान करती है, वह उनके जीवन कार्यों में रही। उनका अपना एक व्यक्तित्व था। उनके कैलाशवास से संत समाज के साथ और सनातन धर्म समाज को भी इससे एक बड़ी क्षति हुई है।
महंत गंगा सागर भारती के देहवसान पर हरियाण के खेल एवं युवा मामले मंत्री संदीप सिंह, थानेसर विधायक सुभाष सुधा, भाजपा के प्रदेश महामंत्री डा. पवन सैनी,षड्दर्शन साधुसमाज के अध्यक्ष संत ज्ञानेश्वर महाराज, राष्ट्रीय संत सुरक्षा परिषद संत प्रकोष्ठ के प्रदेशाध्यक्ष वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक, श्रीदेवीकूप भद्रकाली शक्तिपीठ के पीठाध्यक्ष पंडित सतपाल शर्मा,श्री शिव शक्ति दुर्गा गायत्री मन्दिर के महन्त वासुदेवानंद गिरि, श्री गोविन्दानंद आश्रम की महन्त सर्वेश्वरी गिरि, शिव शक्ति पीठ अरुणाय के महन्त स्वामी वेद पुरी, श्रीजयराम संस्था के सत्यवान ब्रह्मचारी, वरिष्ठ अधिवक्ता केके कौशिक, ब्राह्मण एवं तीर्थोद्धार सभा के अध्यक्ष पवन शर्मा ने इसे संत समाज को क्षति बताते हुए इस घटना पर शोक जताया है।

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