पर्यावरण को बचाने के लिए सभी को बदलनी होगी अपनी जीवन शैली : आराधना

पर्यावरण को बचाने के लिए सभी को बदलनी होगी अपनी जीवन शैली : आराधना।

हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
दूरभाष – 9416191877

सेशन जज आराधना साहनी ने विश्व पर्यावरण दिवस पर एडीआर सेंटर में किया पौधारोपण। सैशन जज आराधना साहनी ने वितरित किए पौधे।
उमंग समाज सेवी संस्था के सहयोग से सुती बैग का भी किया गया वितरण।

कुरुक्षेत्र 5 जून : जिला एवं सत्र न्यायाधीश आराधना साहनी ने कहा कि प्रकृति से हमें बहुत कुछ मिलता है तो हमारी भी जिम्मेदारी बनती है कि इसकी सुरक्षा और संरक्षण करें। मगर देखने में आता है कि मनुष्य प्रकृति से दूर जा रहा है। पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने का खामियाजा हम भुगत भी रहे हैं। कभी बाढ़ आ जाती है तो, कभी बादल फटने की खबरें आती है, किसी जगह पर पानी सूख रहा है तो, कहीं की जमीन आग उगल रही है। ये सब क्लाइमेंट बदलने की वजह से हो रहा है। इन सब बदलती परिस्थितियों के पीछे हमारी खराब होती जीवनशैली है। इसलिए बदलती जीवनशैली में सुधार की आवश्यकता है।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश आराधना साहनी सोमवार को एडीआर सेंटर में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर आयोजित पौधारोपण अभियान का शुभारंभ करने के उपरांत बातचीत कर रही थी। इससे पहले सेशन जज आराधना साहनी, एडीजे रजनीश कुमार शर्मा, एडीजे आशु कुमार जैन, एडीजे पायल बंसल, सीजेएम जतिन गर्ग, एसीजेएम सतीश कुमार, जेएमआईसी संदीप कौर, जेएमआईसी डा. मौनिका खनगवाल, जेएमआईसी शेर सिंह, न्यायाधीश विक्रमजीत सिंह, सीजेएम एवं डीएलएसए के सचिव नितिन राज ने एडीआर सेंटर में पौधा रोपण किया। इस दौरान सेशन जज आराधना साहनी ने उपस्थित जन को पौधे और उमंग समाज सेवी संस्था के सहयोग से सुती बैग भी वितरित किए गए और पॉलिथीन का प्रयोग न करने की शपथ भी दिलवाई गई।
सेशन जज आराधना साहनी ने कहा कि स्वयं एक पेड़ लगाना चाहिए और इसके लिए दूसरों को भी प्रेरित करना चाहिए। प्लास्टिक का उपयोग जरूरत पड़ने पर करें। घर पर बने कपड़े या जूट के थैलों का ही प्रयोग करें। थोड़ी दूरी के कामों के लिए साइकिल चलाई जा सकती है। जिसके बहुत सारे लाभ है। शरीर तंदुरुस्त रहने के साथ ही बीमारियां कोसों दूर रहती हैं। इस असीम ब्रह्मांड में करोड़ों ग्रह नक्षत्र हैं। मगर पृथ्वी ही एकमात्र ऐसा ग्रह है। जिसके ऊपर जीवन संभव है। हम सब के छोटे से प्रयास से यह धरती स्वर्ग से भी सुंदर बन सकती है। इसलिए प्राकृतिक संसाधनों का दोहन कम से कम करें। सीजेएम नितिन राज ने कहा कि एडीआर सेंटर द्वारा समय-समय पर ऐसे जागरूकता कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है ताकि आमजन को ज्यादा से ज्यादा जागरूक किया जा सके।

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