शोषणकारी और दमनकारी”–एमबीबीएस बॉन्ड के खिलाफ आवाज बुलंद

“शोषणकारी और दमनकारी”–एमबीबीएस बॉन्ड के खिलाफ आवाज बुलंद
एंटी-क्राइमएंटी-नारकोटिक्स (इंडिया) विंग ने सरकार को चेताया, प्रतिभा पलायन का खतरा
(पंजाब)फिरोजपुर, 25 सितम्बर 2025 [कैलाश शर्मा जिला विशेषण संवाददाता]:-
पंजाब सरकार द्वारा एमबीबीएस छात्रों के लिए लागू की गई नई बॉन्ड नीति को लेकर विरोध तेज हो गया है। एंटी-क्राइम एंटी-नारकोटिक्स (इंडिया) विंग ने इसे दमनकारी, शोषणकारी और अन्यायपूर्ण करार देते हुए मुख्यमंत्री और सेहत मंत्री को ईमेल के माध्यम से ज्ञापन सौंपा है और इस नीति को तत्काल वापस लेने की मांग की है।
नई नीति के तहत छात्रों को सरकारी सेवा में कम से कम दो वर्ष तक काम करना अनिवार्य होगा, अन्यथा ₹20 लाख का जुर्माना अदा करना पड़ेगा। इतना ही नहीं, छात्रों से ₹20-20 लाख मूल्य के दो संपत्ति गारंटर प्रस्तुत करने की भी शर्त रखी गई है।
संगठन के पदाधिकारियों ने कहा कि यह कदम छात्रों और उनके परिवारों पर भारी आर्थिक बोझ डाल रहा है। पहले से ही बढ़ती ट्यूशन फीस के बीच यह नीति गरीब और मध्यमवर्गीय परिवारों के लिए असहनीय साबित होगी। जिन परिवारों के एक से अधिक बच्चे चिकित्सा शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं, उनके लिए कई गारंटी जुटाना व्यावहारिक रूप से असंभव है।
चेयरमैन संदीप गुलाटी, प्रेसीडेंट राजेश लूना और जिला अध्यक्ष सूरज मेहता,वरिष्ठ उपाध्यक्ष(पंजाब) निर्मल जीत अरोड़ा एवं गौरव डोडा ने संयुक्त बयान जारी करते हुए कहा, “नए डॉक्टरों को बेहद कम मानदेय पर जबरन सेवा के लिए बाध्य करना शोषण है। इस नीति से मेधावी छात्र पंजाब से किनारा कर लेंगे और राज्य को प्रतिभा पलायन का सामना करना पड़ेगा।”
विंग का कहना है कि डॉक्टरों की कमी को दूर करने के लिए सरकार को इस प्रकार के कठोर नियमों की बजाय बेहतर कार्य वातावरण, सम्मानजनक वेतन और सहयोगी व्यवस्थाएँ उपलब्ध करानी चाहिए। यही कदम युवाओं को सार्वजनिक क्षेत्र में टिकने के लिए प्रोत्साहित करेंगे।
विंग ने स्पष्ट किया कि वह प्रभावित छात्रों और परिवारों के साथ मजबूती से खड़ा है और सरकार से इस फैसले को वापस लेने की जोरदार मांग करता है।