संत समागम में प्रदेश भर के कबीर पंथियों ने किया सहभागिता
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जांजगीर चांपा 08 फरवरी 2023/ अफरीद (जांजगीर):- गौरव ग्राम अफरीद में आयोजित पंच दिवसीय संत समागम समारोह का समापन सात्विक यज्ञ एवं चौका आरती से संपन्न हुआ। कुदुरमाल के मठाधीश महंत मोती दास जी साहेब के निर्देशन में चौका आरती संपन्न हुआ जिसमें प्रदेश भर से संतों महंतों एवं कबीर पंथियों ने सहभागिता किया। 27 जनवरी से 31 जनवरी तक आयोजित संत समागम में प्रदेश भर के अलग-अलग स्थानों के संतों का आगमन हुआ जिन्होंने अपने गीत, संगीत एवं प्रवचनों के द्वारा कबीर पंथ में प्रचलित विचारधारा एवं अवधारणाओं को आम जनमानस के समक्ष सरलता एवं सहजता से सरल शब्दों में प्रस्तुत किया।
समापन के पूर्व 31 जनवरी को कुदुरमाल के महंत मोतीदास साहब का प्रवचन हुआ जिनका भव्य स्वागत किया गया। महंत मोती दास जी साहब के स्वागत के लिए प्रत्येक घरों के सामने चौक एवं रंगोली सजा तथा पुष्प वर्षा कर उन्हें संत समागम स्थल पर विराजित किया गया। अंतिम दिवस एक फरवरी को आनंदी चौका आरती के बाद समस्त श्रद्धालुओं एवं आगंतुकों के लिए प्रसाद की व्यवस्था किया गया था। इसके अतिरिक्त प्रत्येक दिवस दिन-रात भजन, कीर्तन एवं प्रवचन के माध्यम से कबीर की वाणी को प्रस्तुत करने वाले आगंतुकों, संत महंतों, श्रद्धालुओं एवं संगीतकारों के लिए भोजन के लिए भंडारा का व्यवस्था किया गया था।
संत समागम में सूर्यवंशी समाज के जांजगीर-कोरबा परिक्षेत्र के पदाधिकारियों ने अध्यक्ष एल. डी. गढ़वाल एवं पूर्व अध्यक्ष उदल किरण के साथ संत समागम में सहभागिता कर सत्संग का लाभ लिया। संत समागम में मदन खरे गौद, कीर्ती लाल प्रधान अमलडीहा, सुख सागर सूर्यवंशी भड़ेसर, बोधीराम सूर्यवंशी खोखरा, संत राम बौद्ध भैसमुड़ी, विश्राम खरे खोखरा, जगदीश सूर्यवंशी कोसमंदा, रामनारायण प्रधान भोजपुर आदि के प्रस्तुतिकरण को दर्शकों द्वारा विशेष प्रशंसा मिली। आयोजन समिति के सदस्यों ने इस महाआयोजन में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन किया जिसमें डॉ. रथ राम पालेकर, जवाहर लाठिया, हेतराम पालेकर, लक्ष्मण बेनी, भागीरथी बनाफर, प्रीतम पालेकर, रामकृष्ण दिगस्कर, महंत फूलसाय बनवा, पंडित घासी राम सूर्यवंशी, पुरूषोत्तम बनाफर, कमलेश पालेकर, भागीरथी बनाफर, मनहरण पालेकर, रोहित बनवा, रेशम लाल बौद्ध, हेमंत लाठिया, फोटो लाल लाकेश, भुवन दिगस्कर, खीखन करियारे, चुरामन लाठिया, मिलन बनाफर, प्रकाश किरण, सुभाष लाठिया, बद्री बनवा, चंद्रहास लाठिया, राजू खरे, गनपत सूर्यवंशी, जोगीराम लाठिया, रामेश्वर बनवा, वैद्य मनहरण लाठिया, परमेश्वर बनवा, धरम लाल बनाफर, आरती लाठिया, दिलचंद पालेकर, अरुण बनाफर, चंदन पालेकर, गीता बनाफर, परमेश्वर बनवा, राजकुमार पालेकर एवं कृष्णा बनवा सहित अनेक कार्यकर्ता गण शामिल थे।
पंच दिवसीय संत समागम का संचालन प्रो. गोवर्धन सूर्यवंशी, अशोक बनवा, सनत सूर्यवंशी, इंद्रसेन बनाफर, सुजीत पालेकर, आदि ने संयुक्त रूप से किया। संत समागम में बड़ी संख्या में मातृ शक्तियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करा कर कबीर भजन के माध्यम से महिलाओं के सशक्तिकरण एवं वर्तमान समय में हो रहे योगदान को गीतों के माध्यम से प्रस्तुत किया जिसमें संतोषी हंसराज सकरेली, सावित्री देवी सूर्यवंशी भंवरेली, दिल बाई सूर्यवंशी बघौदा एवं गंगा बाई सूर्यवंशी बिलासपुर का नाम विशेष उल्लेखनीय है। संत समागम के अंतिम दिवस चौका आरती के दिन तीस से अधिक श्रद्धालुओं ने अपने परिवार, समाज, प्रदेश एवं देश के सुख शांति के लिए सामूहिक चौका आरती में अपनी सहभागिता किया।