वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
आर्य समाज के प्रतिनिधि मंडल ने किया विरासत का अवलोकन।
कुरुक्षेत्र : युवा पीढ़ी के लिए मील का पत्थर साबित होगी लोक सांस्कृतिक विरासत, यहां पर हरियाणा तथा उत्तर भारत की विरासत का जो सांस्कृतिक खजाना संकलित किया गया है वह आने वाले दिनों में युवा पीढ़ी को अपनी लोक सांस्कृतिक धरोहर से जोड़ेगा। यह उद्गार दिल्ली विधान सभा के पूर्व अध्यक्ष एवं दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री योगानन्द शास्त्री ने विरासत दि हेरिटेज विलेज के अवलोकन के पश्चात कहे। उन्होंने कहा कि विरासत के माध्यम से हरियाणा के लोक सांस्कृतिक स्वरूप को जिस तरीके से दिखाया जा रहा है वह अपने आप में अनूठा एवं अनुपम कार्य है। उन्होंने कहा कि हरियाणा के लोक पारंपरकि दरवाजों को यहां पर नवीन स्वरूप में प्रस्तुत कर लोक संस्कृति के संरक्षण का कार्य किया है। विरासत में पुरानी विषय-वस्तुओं का जो अद्भुत संग्रह है वह आने वाली पीढ़ी के लिए पीढिय़ों के इतिहास को दर्शायेगा। उन्होंने कहा कि विरासत आने वाले दिनों में एक ऐसा संस्थान बनेगा जो फिल्मांकन के लिए उत्तर भारत में अद्भुत स्थल होगा। इस मौके पर झज्जर गुरुकुल के संग्रहालय के क्यूरेटर विरजानन्द ने कहा कि विरासत में हरियाणा के सांस्कृतिक इतिहास को जिस स्वरूप में प्रस्तुत किया गया है वह अपने आप में किसी अजूबे से कम नहीं है। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में विरासत हरियाणा नहीं उत्तर भारत के लिए सांस्कृतिक स्थल के रूप में विकसित होगा। इस मौके पर स्वामी दयानंद सभा के मंत्री कन्हैयालाल आर्य ने विरासत के अवलोकन के पश्चात कहा कि विरासत में हरियाणा की लोक पारंपरिक विषय-सामग्री को जिस तरीके से संकलित किया गया है वह अपने आप में अनूठा कार्य है। आने वाली पीढ़ी के लिए यह संकलन वरदान साबित होगा। इस अवसर पर विरासत के समन्वयक डॉ. महासिंह पूनिया ने आर्य समाज के प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों का स्वागत किया और उनसे विरासत की भावी योजनाओं के विषय में विस्तार से चर्चा की।