पूर्व न्यायाधीश डॉ. आनंद वर्धन शर्मा मानवाधिकार कार्यकर्ता के रूप में उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय विधि पुरस्कार से सम्मानित

कुरूक्षेत्र, प्रमोद कौशिक 1 सितंबर : पूर्व न्यायाधीश डॉ. आनंद वर्धन शर्मा को मानवाधिकार कार्यकर्ता के रूप में उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए प्रतिष्ठित अंतर्राष्ट्रीय विधि पुरस्कार (संयुक्त राष्ट्र एवं मानवाधिकार उच्चायुक्त कार्यालय तथा भारतीय बार एसोसिएशन) से सम्मानित किया गया। उनके सम्मानित किए जाने को लेकर कुरुक्षेत्र के मानवाधिकार पदाधिकारियों महेश शर्मा, संजीव शर्मा, शिब्बू शर्मा और अन्य कार्यकर्ताओं में खुशी की लहर है। जानकारी देते हुए समाजसेवी महेश शर्मा ने बताया कि भारतीय बार एसोसिएशन, भारतीय बार काउंसिल द्वारा इंडियन हैबिटेट सेंटर नई दिल्ली में आयोजित अंतरराष्ट्रीय विधि नियम सम्मेलन/सम्मेलन में डॉ. आनंद वर्धन शर्मा, पूर्व न्यायाधीश, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के मुख्य राष्ट्रीय संयोजक एवं आईसीएचआर के सदस्य, संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार उच्चायुक्त, जिनेवा, स्विट्जरलैंड को सम्मानित किया गया। उन्होंने बताया कि संयुक्त राष्ट्र के दिशा-निर्देशों के तहत भारतीय बार एसोसिएशन ने विभिन्न अंतर्राष्ट्रीय विधि संगठनों के साथ मिलकर “वैश्विक आर्थिक शासन तथा सीमा पार आतंकवाद पर केंद्रित विधि नियम के सिद्धांत” विषय पर विधि नियम वार्तालाप आयोजित कियागया। इस अवसर पर भारतीय आवास केंद्र में आयोजित सम्मेलन में 32 देशों के न्यायविदों, कार्यकर्ताओं, राजदूतों, वकीलों, विभिन्न देशों के बार एसोसिएशन के सदस्यों और कई अन्य प्रमुख हस्तियों ने भाग लिया।
इस सम्मेलन के मुख्य आकर्षण माननीय डॉ. आनंद वर्धन रहे। डॉ. आनंद वर्धन शर्मा द्वारा विधि, मानवाधिकार, पर्यावरण आदि के क्षेत्र में उनके निरंतर उत्कृष्ट प्रदर्शन और शिक्षा एवं मानवाधिकार के क्षेत्र में उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए प्राप्त किया गया दूसरा निरंतर पुरस्कार है। उनके कार्यों को विश्व के प्रतिष्ठित सर्वोच्च अंतर्राष्ट्रीय प्राधिकरणों द्वारा मान्यता और सराहना मिली है। माननीय सर्वोच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति जे.के. माहेश्वरी, न्यायमूर्ति एन. कोटिश्वर सिंह और माननीय न्यायमूर्ति वी. राम सुब्रमण्यन (अध्यक्ष, राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग, भारत) ने डॉ. आनंद वर्धन को यह पुरस्कार प्रदान किया है।
पूर्व न्यायाधीश डॉ. आनंद वर्धन शर्मा।