आरोग्य स्वास्थ्य मेला में मुफ्त मिलीं स्वास्थ्य सेवाएं
✍️ संवाददाता दिव्या बाजपेई
कन्नौज । कोविड-19 पर काफी हद तक नियंत्रण पाने के बाद मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेलों का आयोजन दोबारा शुरू हुआ। जिले के सभी पीएचसी, सीएचसी और स्वास्थ्य उप केंद्रों पर आयोजित इस मेले में मरीजों की निशुल्क जांच और दवाइयां दी गईं। रविवार को आयोजित हुए मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेले पर मुख्य चिकित्साधिकारी डा.विनोद कुमार ने कहा कि बीते कई महीनों कोविड-19 के बढ़ते संक्रमण से मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेला आयोजित नहीं हो पा रहा था। फिलहाल खुशी की बात है कोविड प्रोटोकाल के साथ यह आयोजन हम दोबारा करने का प्रयास कर रहे हैं। कोरोना काल ने हमें यही सिखा दिया है कि स्वास्थ्य अब हमारी प्राथमिकता है। इसमें लापरवाही हम सभी के लिए घातक होगी। इसलिए मेरी अपील है कि हर रविवार को आयोजित होने वाले मुख्यमंत्री आरोग्य मेले में कोविड प्रोटोकाल का पालन करते हुए लोग मेले में आएं और स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ लें। आरोग्य मेला के नोडल अधिकारी व एसीएमओ डा.धीरेन्द्र आर्या ने बताया कि शासन के निर्देश पर जिले के सभी सामुदायिक व प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों व उपकेन्द्रों में मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेलों का आयोजन किया गया। मेला कराने का उद्देश्य स्पष्ट है कि एक ही छत के नीचे लोगों को अधिकाधिक स्वास्थ्य सुविधाएं, जांच, उपचार और दवाएं आदि उपलब्ध हो तथा अधिक से अधिक लोग लाभान्वित हों।
उन्होंने बताया कि इस दौरान जिले में दूर दराज के इलाकों व मलिन बस्तियों में रहने वाले करीब 2,252 लोगों को इस दिन सेहत का वरदान मिला। आरोग्य मेले में ग्रामीण महिलाएं, पुरुष और बच्चे पहुंचे,जिनका चिकित्सकों की टीम ने स्वास्थ्य परीक्षण कर दवाइयां वितरित कीं । आयुष्मान का गोल्डेन कार्ड भी बना मुख्यमंत्री जन आरोग्य मेले में आयुष्मान भारत योजना के स्टॉल लगा कर 250 लाभार्थियों के गोल्डेन कार्ड भी बनाए गए। नोडल अधिकारी. डा.जे.पी सलोनिया ने बताया कि प्रत्येक रविवारीय स्वास्थ्य मेले में प्रयास होगा कि ज्यादा से ज्यादा केंद्रों पर कैंप लगा कर लाभार्थियों को गोल्डेन कार्ड की सुविधा प्रदान की जाए। लाभार्थियों ने सराहा । पीएससी इन्दरगढ़ पहुंचे ग्राम मकरन्दापुर के निवासी लाभार्थी नीरज शाक्य ने बताया कि मैं मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेला के आयोजन से बहुत संतुष्ट हूं। यहां तो घर के सभी लोग एक साथ आकर अपना-अपना इलाज करवा सकते हैं। मैंने भी अपनी समस्या पर डॉक्टर से परामर्श ले लिया। मुख्यमंत्री आरोग्य स्वास्थ्य मेलों में गोल्डन कार्ड बनवाने, गर्भावस्था एवं प्रसवकालीन परामर्श, पूर्ण टीकाकरण एवं परिवार नियोजन संबंधी साधनों एवं परामर्श की व्यवस्था रही। इसके साथ ही संस्थागत प्रसव संबंधी जागरूकता, जन्म पंजीकरण परामर्श, नवजात शिशु स्वास्थ्य सुरक्षा परामर्श एवं सेवाएं, बच्चों में डायरिया एवं निमोनिया की रोकथाम के साथ ही टीबी, मलेरिया, डेंगू, फाइलेरिया, कुष्ठ आदि बीमारियों की जानकारी, जांच एवं उपचार की नि:शुल्क सेवाएं दी गई। पीएचसी पर जो जांचें नहीं हो पाईं उन मरीजों को जांच के लिए सीएचसी अथवा जिला चिकित्सालय रेफर कर दिया गया।