महाराष्ट्र एवं केरल राज्यों से उत्तर प्रदेश में आने वाले यात्रियों के उचित क्वारंटाइन तथा कोविड जाँच के सम्बंध में दिशा निर्देश जारी


आजमगढ़ 03 मार्च– जिला मजिस्ट्रेट राजेश कुमार ने बताया कि महाराष्ट्र एवं केरल राज्यों से उत्तर प्रदेश में आने वाले यात्रियों के उचित क्वारंटाइन तथा कोविड जाँच के सम्बंध में दिशा निर्देश निर्गत किये गये हैं।
उन्होने बताया कि वर्तमान में महाराष्ट्र एवं केरल राज्य में कोरोना वायरस के नवीन प्रकरण अत्यधिक संख्या में प्रतिदिन संसूचित हो रहे हैं। विगत अनेक सप्ताह से आजमगढ़ जनपद, उत्तर प्रदेश में कोविड रोग के नवीन प्रकरणों की संख्या बहुत ही कम या नहीं के बराबर हैं। ऐसी स्थिति में कोविड रोग के नये मामलों को रोकने के लिये अधिक संक्रमण वाले प्रदेशों से आने वाले यात्रियों के उचित क्वारंटाइन तथा कोविड संक्रमण की जाँच कराया जाना अत्यधिक आवश्यक है, ताकि कोरोना वायरस के नवीन संचरण की सम्भावना को न्यूनतम किया जा सके। इस सन्दर्भ में शासन के दिशा-निर्देशों का अनुपालन सुनिश्चित कराया जायेगा।
उन्होने कहा कि महाराष्ट्र एवं केरल से हवाई मार्ग से आने वाले यात्रियों की एयरपोर्ट पर एन्टीजन जॉच कराई जाय। लक्षणयुक्त होने पर आरटीपीसीआर का नमूना लिया जाय। रेलमार्ग एवं बस आदि से आने वाले यात्रियों की सूचना सम्बंधित परिवहन कर्ता से प्राप्त कर निगरानी एवं आवश्यकतानुसार टेस्टिंग की कार्यवाही की जाय। मुख्य चिकित्साधिकारी तथा जिला सर्विलांस इकाई के सम्पर्क नम्बरों तथा क्वारंटाइन एवं जॉच सम्बंधी दिशा निर्देशों का उल्लेख करते हुये प्रचार सामग्री सभी रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों पर प्रदर्शित की जाय। मुख्य चिकित्साधिकारी आजमगढ़ अपने स्तर से जनपद में स्थपित रेलवे स्टेशनों, बस अड्डों से इन दो राज्यों से आने वाले यात्रियों की सूची प्राप्त कर जनपदीय सर्विलांस दलों को उपलब्ध कराना सुनिश्चित करेंगे, ताकि इन यात्रियों के सर्विलांस, क्वारंटाइन तथा जॉच की उचित व्यवस्था की जा सके। यात्रियों से भी यह अपेक्षित होगा कि वे स्वयं भी अपने विषय में जनपद के मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय अथवा जनपदीय सर्विलांस यूनिट को सुचना दें। नगरीय क्षेत्रों में मोहल्ला निगरानी समितियों तथा ग्रामीण क्षेत्रों में ग्राम निगरानी समितियाँ अपने क्षेत्र में इन दो राज्यों से वापस आने वाले यात्रियों की स्थिति तथा इन यात्रियों द्वारा क्वारंटाइन में रहने के नियमों का अनुपालन किये जाने पर निगरानी रखें। ऐसे किसी यात्री के लक्षणयुक्त हो जाने अथवा क्वारंटाइन के नियमों का अनुपालन न करने की स्थिति में अपने नजदीकी स्वास्थ्य केन्द्र/जिला सर्विलांस इकाई/जनपदीय कमांड सेंटर को दूरभाष से सूचित करें। जनपद में स्वास्थ्य इकाइयों तथा निगरानी समितियों द्वारा एक्यूट रेस्पिरेटरी इन्फेक्शन के रोगियों की संख्या की सघन निगरानी की जाय तथा किसी भी क्षेत्र में इस प्रकार के रोगियों की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि होने की स्थिति में कम्युनिटी सर्विलांस तथा कोविड जॉच हेतु नमूने एकत्र करने की कार्यवाही सुनिश्चित की जाय।

इसी के साथ ही महाराष्ट्र एवं केरल राज्य से जनपद में आने वाले यात्रियों के लक्षणयुक्त होने की स्थिति में ऐसे सभी यात्रियों की तत्काल अनिवार्य रूप से आरटीपीसीआर विधि द्वारा जॉच करायी जाय। धनात्मक पाये जाने पर अनिवार्य रूप से होम अथवा फैसिलिटी आइसोलेशन में रखा जाय। आरटीपीसीआर विधि द्वारा जॉच में ऋणात्मक पाये गये यात्री भी अनिवार्य रूप से जनपद आगमन के उपरान्त एक सप्ताह तक क्वारंटाइन में रहेंगे। उपरोक्त आदेशों का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराया जाए।

किसानों की आय बढ़ाने में सहायक हो रही है व्यावसायिक फूलों की खेती

आजमगढ़ 03 मार्च– फूलों का मानव जीवन से अटूट सम्बन्ध रहा हैं। जन्म से लेकर मृत्यु तक सभी संस्कारों तथा उत्सवों में फूलों की उल्लेखनीय भूमिका रहती है। किसी भी धर्म, जाति, वर्ग, क्षेत्र विशेष के उत्सवों, विवाह व विभिन्न संस्कार, त्यौहारों में फूलों की आवश्यकता होती है। रंग बिरंगे सुगन्धित पुष्प जीवन में सुखद वातावरण का निर्माण करके प्रेरणा, स्फूर्ति तथा सृजनात्मक प्रवृतियों का विकास करते है। एक समय था जब फूलों की खेती करना तो दूर की बात, इसकी कल्पना तक नहीं की जा सकती थी। समय के बदलाव के साथ-साथ परिस्थितियॉ भी बदली तथा फूलों को अपनी आवश्यकताओं के अनुरूप मानव ने उगाना शुरू किया। विश्वस्तर पर फूलों की बढ़ती मांग के फलस्वरूप फूलों की खेती का व्यवसायीकरण पिछले कई दशकों में बढ़ता गया है, और भारत में व्यापार के लिए फूलों की खेती के महत्व को भी समझा जाने लगा। आज भारतवर्ष के 3.00 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल पर फूलों की खेती की जा रही है। फूलों की खेती खुले खेत में तथा ग्रीनहाउस में भी उत्पादन किया जा रहा है। उत्तर प्रदेश में किसानों द्वारा फूलों की खेती की जा रही है और उससे उनकी आमदनी में बढ़ोत्तरी हो रही है।
प्रदेश में खुले फूलों की खेती करने लिए गुलाब, गुलदाउदी, क्रोसेन्ड्रा, गेंदा, चमेली, रजनीगंधा, मोलिया, गैलारडिया, गोम्फरेना, कमल, कनेर तथा चाईना ऐस्टर आदि की खेती खुले वातावरण में की जाती हैं इन पुष्पों के उत्पादन में भारत का दर्जा विश्व में द्वितीय स्थान पर है। उ0प्र0 सहित देश में लगभग 0.81 मिलियन टन फूलों का वार्षिक उत्पादन हो रहा है। उत्तर प्रदेश में खुले फूलों की खेती की जाती है। जिसके अन्तर्गत किसानों को उद्यान विभाग द्वारा आवश्यक सहायता दी जाती है।
कर्तित फूलों की खेती में मुख्यतः गुलाब, कारनेशन, गुलदाउदी, ग्लैडियोलस, लिलियम, जरबेरा, आर्किड, एन्थरिंयम, एलस्ट्रोरिया, टयूलिप इत्यादि की खेती खुले खेत एवं नियंत्रित वातावरण में की जाती है। उच्च श्रेणी के कर्तित फूलों कों मुख्यतः निर्यात किया जाता है, जबकि इससे निम्न श्रेणी की गुणवत्ता वाले फूलों को घरेलू बाजार में बेचा जाता हैं कर्तित फूलों का उत्पादन प्रदेश में काफी हो रहा है। कर्तित फूलों के उत्पादन में सबसे महत्वपूर्ण योगदान कर्नाटक व उत्तर प्रदेश का है। फूलों के क्रय-विक्रय के लिए सुव्यवस्थित नीलामी घर भी उपलब्ध है तथा कई नये नीलामी घर प्रस्तावित पंक्ति में है।

फूलों का प्रतिवर्ष निर्यात भारतवर्ष से लगभग 20703 मैट्रिक टन है, जिसकी अनुमानित लागत लगभग 500 करोड़ रूपये है। यूरोप, जापान, आस्ट्रेलिया, मध्यपूर्वी देशों में निर्यात किया जाता हैं। सूखे फूल अमेरिका, यूरोप, श्रीलंका, आस्ट्रेलिया, रूस एवं खाड़ी देशों में सुखे फूल एवं गमले वाले पौधों का निर्यात किया जा रहा है। इन सभी फूलों में से सूखे फूलों का निर्यात में महत्वपूर्ण योगदान है। फूलों से विभिन्न मूल्यवर्धित उत्पाद जैसे माला लड़ी, वेणी, गजरा, पुष्प-विन्यास, पंखुड़ी, गुलकन्द, गुलाब का अर्क, इत्र, पॉटपुरी ग्रीटिंग कार्ड, पेपर वेट, बुके आदि तैयार करते हुए विक्रय कर प्रदेश के किसान अपनी आय में वृद्धि कर रहे है।

आजमगढ़ 03 मार्च– सहायक रोजगार सहायता अधिकारी तनुजा यादव ने बताया कि सेवायोजन विभाग द्वारा एक नये प्रयास के तहत सेवामित्र पोर्टल तैयार किया जा रहा है। जिसका उद्देश्य विभिन्न प्रकार की सेवाओं जैसे-(इलेक्ट्रीशीयन, ब्यूटीशियन, प्लम्बर, सिविल कान्ट्रेक्टर्स आदि) को प्रत्येक व्यक्ति के द्वार तक पहुँचाना है। जिसमें इन सेवाओं से जुड़ी संस्थाओं को आनबोर्ड किया जाना है, इसमें सेवा प्रदाताओं की 4 श्रेणियाँ बनाई गई है। प्रथम श्रेणी के सेवा प्रदाता का वार्षिक टर्नओवर रू0 25,00,000 हो तथा उसके अन्तर्गत 30 व्यक्ति कार्य करते हों, दूसरी श्रेणी के सेवा प्रदाता हेतु वार्षिक टर्नओवर रू0 10,00,000 तथा उसके अन्तर्गत 15 व्यक्ति कार्य करते हों, तीसरी श्रेणी के सेवा प्रदाता का वार्षिक टर्नओवर रू0 5,00,000 हो तथा उसके अन्तर्गत 10 व्यक्ति कार्य करते हों, चौथी श्रेणी के सेवा प्रदाता के पास एक वर्ष का नया स्टार्टअप रजिस्ट्रेशन, पैन कार्ड, जीएसटी रजिस्ट्रेशन होना चाहिए। इस श्रेणी में टर्नओवर, मिनिमम व्यक्तियों की बाध्यता नहीं है।

भविष्य में इस पोर्टल का शुभारम्भ होने के पश्चात इसके प्रचार-प्रसार एवं निःशुल्क कालसेण्टर की सुविधा प्रशिक्षण एवं सेवायोजन निदेशालय द्वारा उपलब्ध करायी जाएगी। अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए क्षेत्रीय सेवायोजन कार्यालय आजमगढ़ से सम्पर्क किया जा सकता है।

आजमगढ़ 03 मार्च– जिला समाज कल्याण अधिकारी विनोद कुमार सिंह ने बताया है कि राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजनान्तर्गत वेबसाईट में एनआईसी के माध्यम से आधार ऑथेन्टिकेशन हो चुकी है, अब नवीन आवेदन पत्र करने वाले आवेदक बिना आधार नम्बर अंकित किये आवेदन नही कर सकते हैं। उक्त योजनान्तर्गत वेबसाइट का नाम परिवर्तन हुआ है जो कि ीजजचरूध्ध्ेचल.नचण्हवअण्पद के स्थान पर ीजजचेरूध्ध्ेचल.नचण्हवअण्पद साइट परिवर्तित की गयी है। तत्क्रम में ीजजचेरूध्ध्ेचल.नचण्हवअण्पद साइट पर ही राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन का आनलाइन कार्य सम्पादित किय जायेगा।

आजमगढ़ 03 मार्च– जिला समाज कल्याण अधिकारी विनोद कुमार सिंह ने बताया है कि सभी वर्गो के दशमोत्तर छात्रवृत्ति एवं शुल्क प्रतिपूर्ति योजनान्तर्गत संस्थान स्तर पर अग्रसारित करते हुए अवशेष आवेदनों के अग्रसारण एवं विश्वविद्यालय/ एफिलियेटिंग एजेन्सी एवं छात्र/छात्राओं की त्रुटि सही करने हेतु समय-सारणी जारी की गयी है। जिसके अन्तर्गत 05 मार्च 2021 से 10 मार्च 2021 तक प्रदेश के अन्दर व बाहर सम्बन्धित विश्वविद्यालय एवं अन्य एफिलियेटिंग एजेन्सी के नोडल अधिकारी द्वारा लॉक करने से अवशेष रह गये शिक्षण संस्था, पाठ्यक्रम का प्रकार एवं फीस आदि का अंकन करना तथा उसकी प्रमाणिकता को आनलाईन डिजिटल हस्ताक्षर से सत्यापित करना। (केवल अवशेष रह गयी संस्थाओं हेतु), 04 मार्च 2021 से 08 मार्च 2021 तक छात्र/छात्रा द्वारा आनलाईन आवेदन पत्र की हार्ड एवं संलग्न अभिलेखों से छात्र/छात्रा के समस्त विवरण का शिक्षण संस्थान द्वारा मिलान किया जाना एवं आनलाईन आवेदन प्राप्त कराना, सत्यापित एवं अग्रसारित करना, 13 मार्च 2021 से 15 मार्च 2021 तक संदेहास्पद डाटा को कारणों सहित छात्र/संस्था एवं कल्याण अधिकारियों के लॉगिन पर प्रदर्शित किया जाना एवं आनलाईन आवेदन में की गयी त्रुटियों को छात्र द्वारा ठीक करके पुनः आवेदन आनलाइन सबमिट किया जाना, आवेदन पत्र भरने के 01 दिन के अन्दर विलम्बतम 16 मार्च 2021 तक आनलाईन आवेदन पत्र की त्रुटियों को ठीक करने छात्र-छात्राओं द्वारा समस्त वांछित अभिलेख संलग्नकों सहित शिक्षण संस्था में जमा किया जाना तथा 14 मार्च 2021 से 17 मार्च 2021 तक छात्र/छात्रा द्वारा सही किये गये आनलाईन आवेदन पत्र की हार्डकापी एवं संलग्न अभिलेखों से छात्र/छात्रा के समस्त विवरण का शिक्षण संस्थान द्वारा मिलान किया जाना एवं आनलाईन आवेदन पुनः प्राप्त करना, सत्यापित एवं अग्रसारित किया जायेगा।

आजमगढ़ 03 मार्च– जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी जेपी सिंह ने अवगत कराया है कि दिव्यांगजनों को निःशुल्क मोटराइज्ड ट्राईसाइकिल दिये जाने का प्राविधान है। नियमावली में प्रदत्त नियमों व निर्देशों के अनुसार पात्र एवं इच्छुक दिव्यांगजन अपना आनलाइन आवेदन दिनांक 08 मार्च 2021 तक वेव पोर्टल ीजजचध्ध् ीकण्नचीहण्पद पर आनलाइन आवेदन कर आवेदन पत्र समस्त संलग्नकों सहित कार्यालय जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी, विकास भवन, आजमगढ़ में जमा कर सकते हैं।
निःशुल्क मोटराइज्ड ट्राईसाइकिल योजनान्तर्गत लाभ लेने हेतु ऐसे दिव्यांगजन जो मस्क्यूलर डिस्ट्रोफी, स्ट्रोक, सेरेब्रल पॉलिसी, हीमोफिलिया आदि से ग्रसित हो या व्यक्ति उपर्युक्त की भाँति शारीरिक स्थिति में हो। उनकी अच्छी दृष्टि हो, मानसिक स्थिति अच्छी हो, कमर के उपर का हिस्सा (भाग) स्वस्थ्य हो, दिव्यांगजन मोटराइज्ड ट्राईसाइकिल पर बैठकर अपने हाथों से उपकरण का संचालन करने में सक्षम हो व चिकित्साधिकारी द्वारा उसकी दिव्यांगता 80 प्रतिशत या उससे अधिक हो। नियमावली के अनुसार प्रत्येक दिव्यांगजन को मोटराइज्ड ट्राईसाइकिल के वास्तविक मुल्य का अधिकतम रू0 25000 (पचीस हजार मात्र) का अनुदान प्रति दिव्यांगजन को देय होगा, यदि मोटराइज्ड ट्राईसाइकिल की कीमत रु0 25000 (पचीस हजार) से अधिक है तो अतिरिक्त धनराशि का प्रबन्ध स्वयं दिव्यांगजन को करना होगा। जिसकी भरपाई मा0 सांसद निधि, मा0 विधायक निधि या सीएसआर के माध्यम से करानी होगी। ऐसे दिव्यांगजन जिनकी आयु 16 वर्ष या 16 वर्ष से अधिक है एवं जनपद के स्थायी निवासी है। ऐसे दिव्यांगजन या उनके परिवार की समस्त श्रोतों से वार्षिक आय रू0 180000 अधिक नहीं है, तहसील द्वारा निर्गत आय प्रमाण पत्र हो। ऐसे दिव्यांगजन जो हाईस्कूल या उच्चतर कक्षाओं में अध्ययनरत हैं, को वरीयता प्रदान की जायेगी, जिसके सम्बन्ध में संस्थान के संस्थाध्यक्ष द्वारा प्रदत्त प्रमाण पत्र कार्यालय को उपलब्ध कराना अनिवार्य होगा। योजना प्रथम आवक प्रथम पावक के सिद्वान्त के आधार पर लाभान्वित किया जायेगा। पात्र दिव्यांगजन यूडीआईडी (विशिष्ट दिव्यांगता पहचान पत्र) कार्यालय में प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। जनपद स्तर पर तकनीकी समिति द्वारा शारीरिक स्थिति की सक्षमता का भौतिक परीक्षण होने के उपरान्त पात्र पाये जाने पर अनुमोदन समिति द्वारा अनुमोदनोपरान्त कार्यवाही की जायेगी।
उन्होने बताया कि दिव्यांगता प्रमाण पत्र 80 प्रतिशत या उससे अधिक का हो, मुख्य चिकित्साधिकारी द्वारा निर्गत किया गया हो। वार्षिक आय प्रमाण पत्र रू0 180000 से अधिक न हो जो तहसील द्वारा निर्गत किया गया हो। निवास प्रमाण पत्र, विद्यार्थी वर्ग हेतु हाईस्कूल का शैक्षिक प्रमाण पत्र, आवेदक अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति का है तो जाति प्रमाण पत्र, यूडीआईडी (विशिष्ट दिव्यांगता पहचान पत्र) कार्ड, दिव्यांगता दर्शाता हुआ एक पासपोर्ट साईज का नवीन फोटोग्राफ, मोबाईल नम्बर संलग्न करना होगा।

जिला दिव्यांगजन सशक्तीकरण अधिकारी ने सभी पात्र दिव्यांगजनों से अपेक्षा किया है कि अपना आवेदन पत्र समस्त अभिलेखों सहित आनलाइन वेवसाइट पोर्टल ीजजचध्ध् ीकण्नचीण्पद पर प्रदर्शित हो रहे प्रारूप पर भरकर अभिलेख सहित आवेदन करें, जिससे उन्हें नियमानुसार इस योजना से लाभान्वित कराया जा सके।

महिलाओं को आत्मनिर्भर एवं स्वावलम्बी बनाये जाने के लिए मिशन शक्ति कार्यक्रम – निकष सिंह

आजमगढ़ 03 मार्च– जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी साहित्य निकष सिंह ने बताया है कि जनपद आजमगढ़ में महिलाओं को आत्मनिर्भर एवं स्वावलम्बी बनाये जाने के लिए मिशन शक्ति कार्यक्रम के अन्तर्गत उ0प्र0 अल्पसंख्यक वित्तीय एवं विकास निगम लि0 जो राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम दिल्ली की स्टेट चैनेलाइजिंग एजेंसी है तथा अल्पसंख्यकों के लिए टर्म लोन योजना, बिरासत योजना, शैक्षिक ऋण योजना तथा माइक्रो फाइनेंसिंग योजना के अन्तर्गत उसका क्रियान्वयन किया जाना है। निगम की इन ऋण योजनाओं मे नई रोशनी, उस्ताद, हुनरहॉट, सीखो और कमाओ इत्यादि योजनाओं के प्रशिक्षणार्थियों को प्राथमिकता के आधार पर ऋण दिये जाने हैं।
उक्त के सम्बन्ध में सम्पूर्ण जानकारी के लिए जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी आजमगढ़ के कार्यालय में किसी भी कार्य दिवस में सम्पर्क कर सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त कर उसका लाभ उठा सकते हैं।

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