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दिग्गजों ने किया हाइड्रोजन ऊर्जा पर मंथन

एसवीएसयू और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यशाला संपन्न।

पलवल, प्रमोद कौशिक : श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय और अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद के संयुक्त तत्वावधान में हाइड्रोजन एनर्जी पर आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला शुक्रवार को संपन्न हुई। दो दिन चली इस कार्यशाला में देश भर के विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों से आए विशेषज्ञों ने हाइड्रोजन ईंधन की संभावनाओं पर मंथन किया। कार्यशाला के समापन पर मुख्यातिथि के रूप में पहुंची कुलसचिव प्रोफ़ेसर ज्योति राणा ने कहा कि हाइड्रोजन ईंधन के रूप में क्रांतिकारी विकल्प साबित होगी। इस पर व्यापक अनुसंधान की आवश्यकता है। प्रोफेसर ज्योति राणा ने कहा कि यह पर्यावरण, देश की अर्थव्यवस्था और प्रगति से जुड़ा हुआ पहलू है। प्रत्येक नागरिक को इस दिशा में जागरूक होने की आवश्यकता है।
कार्यशाला के अंतिम दिन श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के ग्रीन टेक्नोलॉजी डिपार्टमेंट के अध्यक्ष प्रोफेसर सुनील कुमार गर्ग ने हाइड्रोजन ऊर्जा के सतत और आत्मनिर्भर भविष्य पर अपना वक्तव्य प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि ग्रीन एनर्जी पर सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस भी स्थापित किया जा सकता है।
आईआईआईटी इलाहाबाद के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. उपेंद्र कुमार ने हाइड्रोजन आधारित ऊर्जा पर और जेसी बॉस यूनिवर्सिटी के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अनुराग प्रकाश ने मॉलिक्यूलर और पॉलिमर पर प्रकाश डाला। आईओसीएल के निदेशक रिसर्च डॉ. आलोक शर्मा ने ग्रीन एनर्जी के स्रोत और भविष्य पर व्याख्यान दिया, जबकि इसी संस्थान के उप महानिदेशक डॉ. तपन बेरा ने भारत में हाइड्रोजन इकोसिस्टम पर व्याख्यान प्रस्तुत किया।
कार्यशाला के समन्वयक और स्किल फैकल्टी ऑफ़ एप्लाइड साइंस एंड ह्यूमैनिटी के डीन प्रोफ़ेसर आर एस राठौड़ ने इस अवसर पर कहा कि इस कार्यशाला में हुए मंथन से कई महत्वपूर्ण बिंदु निकल कर सामने आए हैं। इनका शोध, इंडस्ट्री और अकादमिक दृष्टिकोण से भविष्य में फ़ायदा मिलेगा। उन्होंने कार्यशाला का प्रतिवेदन भी प्रस्तुत किया।
डॉ. हिमानी वार्षणेय ने अतिथियों का आभार ज्ञापित किया। इस अवसर पर कार्यशाला की सह समन्वयक डॉ. कल्पना महेश्वरी, डीन प्रोफेसर कुलवंत सिंह, डॉ. मोहित श्रीवास्तव, डॉ. संतोष यादव, डॉ. मनोज, डॉ. नकुल, डॉ. सोहन लाल, डॉ. मनोज, ज्योति नैन, मीनाक्षी कौल, राहुल मलिक, हेमंत और प्रियम श्योराण सहित काफ़ी संख्या में शिक्षक, प्रतिभागी, शोधार्थी और विद्यार्थी उपस्थित थे।
कार्यशाला में मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करती कुलसचिव प्रोफ़ेसर ज्योति राणा।

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