मन्दसौर से ब्यूरो चीफ मंगल देव राठौर की खास रिपोर्ट
भाग्यवान लोगों के परिवार में होता है कन्याओं का जन्म
मन्दसौर । कन्या का जन्म उसी घर में होता है जिस परिवार पर मां लक्ष्मी की असीम कृपा हो। लक्ष्मी स्वरुप कन्या का जन्म होने पर माता-पिता के कई जन्मों के भाग्य उदित होते हैं। जिन माता-पिता को कन्यादान का अवसर प्राप्त होता है उनके मोक्ष के मार्ग स्वयं ही तय हो जाते हैं। कन्या अपने माता-पिता के साथ ससुराल पक्ष का भी उद्धार करती है। घर में कन्या का जन्म नहीं होने पर माता-पिता किसी भी गरीब परिवार की कन्या का विवाह कर पूरा पुण्य प्राप्त कर सकते हैं। जितना पुण्य अपनी बेटी का विवाह करने से प्राप्त होता है उससे 100 गुना ज्यादा पुण्य गरीब परिवार की बेटी का विवाह करने में प्राप्त होता है।
यह बात भागवत प्रवक्ता पं. मुकेश शर्मा नारायणजी ने कही। वे संजीत रोड पर पेट्रोल पंप के पास चल रही श्रीमद भागवत कथा के छटे दिवस व्याहस पीठ से कथा श्रवण करा रहे थे। उन्होंने कहा कि बेटियां ही वह संतान होती है जिसे सर्वप्रथम अपने माता-पिता के दुख दर्द की चिंता होती है। जिस इंसान को अपनी बेटी का विवाह एवं गरीब बेटी के विवाह का अवसर प्राप्त नहीं होता। अपने जीवन में तुलसी विवाह निश्चित करना चाहिए। तुलसी विवाह करने पर भी कई बेटियों के विवाह करने के समान पुण्य की प्राप्ति होती है। बेटियों के जन्म पर आज भव्य महोत्सव मनाया जाता है। यह पल हमारे भगवान श्रीकृष्ण ठाकुरजी को भी बड़ा सुंदर लगता है। श्रीमद भागवत कथा के छठे दिवस में पं. नारायणजी ने भगवान श्रीकृष्ण एवं रुकमणि विवाह महोत्सव का सुंदर वर्णन किया। भगवान श्रीकृष्ण-रुकमणि विवाह महोत्सव पर भक्तोंं ने खूब जमकर नृत्य किया। श्रीमद भागवत कथा पांडाल में विश्वकर्मा परिवार द्वारा तुलसी विवाह किया गया। मदनलाल विश्वकर्मा के यहां भगवान श्रीकृष्ण ठाकुरजी की बारात का आगमन हुआ।