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सरकार को बताना चाहिए चंडीगढ में हरियाणा का स्टेटस क्या है : अशोक अरोड़ा

विधायक अशोक अरोड़ा ने विधानसभा में कुरुक्षेत्र को राजधानी बनाने की उठाई मांग।
कहा, थानेसर की जनसमस्याओं को उठाया विधानसभा सत्र में, सरकार नही दे पाई कोई जवाब।
पत्रकार वार्ता कर अशोक अरोड़ा ने सरकार को घेरा, कहा, प्रदेश की जनता से सरकार का कोई सरोकार नही है।

कुरुक्षेत्र (प्रमोद कौशिक) 23 दिसंबर : थानेसर विधायक व पूर्व मंत्री अशोक अरोड़ा ने कहा है कि हरियाणा विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दौरान उन्होने कुरुक्षेत्र की कई मांगों को विधानसभा पटल पर रखा है। उन्होने कुरुक्षेत्र को हरियाणा की राजधानी बनाने की मांग उठाई। अशोक अरोड़ा मंगलवार को केडीबी रोड़ स्थित अपने प्रतिष्ठान पर पत्रकार वार्ता के दौरान पत्रकारों से रूबरू हो रहे थे। इस दौरान उनके साथ पार्षद मनु जैन, चंदगी राम, सुभाष मिर्जापुर व अन्य भी मौजूद रहे। पत्रकारों से रूबरू होते हुए अरोड़ा ने कहा कि केंद्र सरकार ने चंडीगढ में नई हरियाणा विधानसभा बनाने के प्रस्ताव को स्वीकृति नही दी लेकिन इस पर हरियाणा सरकार और भाजपा चुप्पी साधे हुए हैं। जबकि पंजाब हरियाणा बंटवारे के समय 40 प्रतिशत चंडीगढ हरियाणा के हिस्से आया था। ऐसी स्थिति में सरकार को बताना चाहिए कि चंडीगढ में हरियाणा का स्टेटस क्या है? अरोड़ा ने विधानभा में कुरुक्षेत्र को हरियाणा की राजधानी बनाने की मांग करते हुए कहा कि अब समय आ गया है कि हरियाणा को नई राजधानी बनानी चाहिए और इसके लिए कुरुक्षेत्र से बेहतर कोई स्थान नही हो सकता। उन्होने कुरुक्षे की समस्याओं को लेकर अनेक ध्यानाकर्षण प्रस्ताव दिए थे लेकिन किसी को भी स्वीकार नही किया गया। कांग्रेस द्वारा लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर बोलते हुए मुख्यमंत्री नायब सैनी विधानसभा सत्र में कांग्रेस द्वारा पूछे गए किसी भी सवाल का जवाब नही दिया।
अशोक अरोड़ा ने कहा कि मीडिया में 10 सालों से कहा जा रहा है कि कुरुक्षेत्र का बाईपास बनाया जाएगा लेकिन जमीनी स्तर पर कुछ नही है। विधानसभा सत्र में उन्होने सरकार से कुरुक्षेत्र के रिंग रोड़ बनाने की बात की लेकिन सरकार ने कोई जवाब नही दिया। इसके अलावा कुरुक्षेत्र- ढांड-कैथल मार्ग को फोरलेन करने की मांग को विधानसभा में उठाया। अशोक अरोड़ा ने कहा कि कुरुक्षेत्र- ढांड-कैथल मार्ग पर बहुत ज्यादा ट्रैफिक है, जिस कारण इस सड़क पर काफी दुर्घटनाएं होती हैं। यह मार्ग कुरुक्षेत्र को 152 व 152डी से जोड़ता है। उन्होने मांग की कि इस मार्ग को फॉरलेन बनाया जाए ताकि इस मार्ग पर हो रही दुर्घटनाओं में कमी आए। इसके अलावा उन्होने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के टीचिंग व नॉन टीचिंग स्टॉफ को जॉब गारंटी देने की मांग उठाई। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के मैस कर्मचारी आज भी सिर्फ 11 हजार रूपए प्रति माह के हिसाब से काम कर रहे हैं। ये कर्मचारी 40-40 साल से यहां काम कर रहे हैं इसके बावजूद इनको बहुत कम सैलरी मिल रही है, इन्हे भी जॉब सिक्योरिटी दी जाए।
अशोक अरोड़ा ने कहा कि उन्होने विधानसभा में हरियाणा की राई बिरादरी को बैकवर्ड श्रेणी मे रखने की आवाज को उठाया। उन्होने कहा कि राई बिरादरी के हरियाणा में मुंडाखेड़ा, ज्योतिसर व हरियापुर गाँव हैं। इस बिरादरी के लोगों को पंजाब व राजस्थान में बैकवर्ड श्रेणी में रखा गया है। इन गांवों के राई बिरादरी के लोगों को भी बैकवर्ड श्रेणी में रखा जाए ताकि ये भी सरकार की योजनाओं का लाभ उठा सकें। अरोड़ा ने कहा कि उन्होने इनके अलावा भी मुद्दों पर विधानसभा में जनता की आवाज को बुलंद किया है।
सरकारी अस्पताल में एक एक बैड पर कई मरीज।
अशोक अरोड़ा ने कहा कि कुरुक्षेत्र के सरकारी अस्पताल की ये हालत है कि एक एक बैड पर कई कई मरीज हैं। उसने दिशा की बैठक में भी इस मुद्दे को उठाया था कि अस्पताल के प्रशासनिक ब्लॉक को किसी अस्पताल में शिफ्ट किया जाए ताकि वह जगह मरीजों के लिए प्रयोग की जा सके। इस बार दिशा की बैठक में भी उसने यह बात की तो प्रशासन ने कहा है कि सीएमओ को आर्डर जारी किए हैं कि यह काम किया जाए।
लाखों पद पडे हैं हरियाणा मे खाली
अशोक अरोड़ा ने कहा है कि विधानसभा में हरियाणा में खाली पड़े पदों का मुद्दा भी उठाया। उन्होने कहा कि हरियाणा में अध्यापकों के पद खली पडे हैं, 50 प्रतिशत प्रिंसीपल के पद खाली हैं, डॉक्टरोंं के साथ साथ 40 प्रतिशत फार्माशिस्टों के पद खाली पडे हैं। ऐसे में कैसे जनता को सही दवाई मिल सकेगी। इसके अलावा एमएसडब्ल्यू के मेल व फिमेल के पद खाली पडे हैं। 39 प्रतिशत पद कांस्टेबलों के खाली पड़े हैं तो कैसे प्रदेश में कानून व्यवस्था सुचारू हो पाएगी।
पत्रकारों से रूबरू होते विधायक अशोक अरोड़ा।

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