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15 हजार के लालच में महिला बनी तीन करोड़ की फर्जी रजिस्ट्री की गुनहगार, गई जेल

दीपक शर्मा (जिला संवाददाता)

बरेली : धोखेबाज विजय अग्रवाल और लेखपाल गैंग के कारनामे एक से बढ़कर एक हैं। उन्होंने एक गरीब मजदूर महिला को जालसाजी में फांसकर उसका घर बरबाद कर दिया। 15 हजार रुपये का लालच देकर उसके नाम फर्जी वसीयत करवाकर तीन करोड़ की आठ रजिस्ट्री करवा लीं। एसपी सिटी मानुष पारीक के निर्देश पर एसआईटी ने महिला को गिरफ्तार कर लिया। महिला ने बताया कि लेखपाल गैंग ने उसे 15 हजार रुपये दिये थे। बताया कि उसके मालिक टैक्स से बचने के लिये टुकड़ों में जमीन की रजिस्ट्री करवा रहे हैं, कोई गलत काम नहीं है। उनके झांसे में आकर महिला ने फर्जी बैनामे कराये। बारादरी पुलिस ने शनिवार को पीलीभीत के जहानाबाद थाने के गांव गोछ निवासी रेनू को जेल भेज दिया।
लेखपाल गैंग के धोखेबाजों से महिला की मुलाकात 16 अक्टूबर को हुई। 18 अक्टूबर को उसका आधार कार्ड बनवाया गया। 19 को महिला की वसीयत हुई। 21 को महिला का बैंक में खाता खुलवाया गया। 24 को महिला के पीलीभीत के पते को नवाबगंज के पते बसीनगर से बदलवाया गया। इसके बाद 1760 वर्ग गज के प्लाट के आठ बैनामे कराये गये। हर एक बैनामे की कीमत 37 लाख रुपये दिखाई गई। हर बैनामे में महिला रेनू के खाते में पांच लाख रुपये ट्रांसफर हुये, लेकिन अगले एक घंटे में ही पांच लाख रुपये महिला के खाते से अमित के खाते में ट्रांसफर हो गये। इस तरह धोखेबाजों ने महिला को अपने जाल में फांसकर करोड़ों की जमीन हड़पने की साजिश तैयार की।
बारादरी के आकाशपुरम निवासी मोहम्मद इलियास ने 3 जनवरी 2025 को शिकायत दर्ज कराई थी कि उनके प्लॉट का फर्जी बैनामा कर लेखपाल सावन कुमार और उसके साथियों ने कब्जा कर लिया। इलियास ने बताया कि उन्होंने प्लॉट का बैनामा करवाकर जरूरी दस्तावेज, बीडीए अप्रूवल, जीएसटी पंजीकरण और बिजली कनेक्शन तक ले रखा था। इसके बावजूद, 25 अक्टूबर 2024 को सावन कुमार ने अपने सहयोगियों अमित कुमार, चंदन खां, अंकित त्रिपाठी और रेनू के साथ मिलकर प्लॉट पर जबरन कब्जा कर लिया। अंकित, अंकिश और अंकेश एक ही व्यक्ति के तीन नाम हैं। अंकित, कारोबारी विजय अग्रवाल का मैनेजर है। विजय अग्रवाल के इशारे पर ही अंकित, रिटायर्ड लेखपाल सावन कुमार जायसवाल और अमित राठौर फर्जी तरीके से जमीनों पर कब्जे किये।
55 वर्षीय रेनू पत्नी महेंद्र नाथ ने अपने पहले पति के भांजे रेलवे कालोनी निवासी दीपक की बातों में आकर लेखपाल सावन जायसवाल और उसके साथियों से मिली थी। पुलिस पूछताछ के दौरान आरोपी महिला ने बताया कि उसकी पहली शादी नवाबगंज के इंद्रपाल से हुई थी। पति की मौत के बाद उसने दूसरी शादी महेंद्र नाथ से की थी। पहले पति का भांजा दीपक उर्फ सूरज ने महिला को मिलवाया था। लेखपाल गैंग गाड़ी भेजकर महिला को बुलाता था। महिला को स्टेशन रोड के एक होटल में रखा गया था। इसके बाद जब आरोपियों पर एफआईआर शुरू हुईं तो उन्होंने महिला को गायब करने की कोशिश की। हालांकि महिला उनसे झगड़ा कर रेलवे कालोनी चली गई थी। महिला को गायब करते इससे पहले ही पुलिस ने आरोपियों को दबोच लिया। इंस्पेक्टर धनंजय कुमार पांडेय, इंस्पेक्टर क्राइम अरविंद सिंह, दरोगा रोहित शर्मा, अखिलेश उपाध्याय, हेड कांस्टेबल रविन वालियान, महिला कांस्टेबल मोनी ने आरोपी महिला को गिरफ्तार कर जेल भेजा।

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