कुपोषण मुक्ति के लिए पोषण वाटिका में लहलहा रही हरी सब्जियां

   जांजगीर-चांपा, 28 अगस्त, 2021/ महिलाओं और बच्चों के विकास और उनके स्वास्थ्य को बेहतर रखने के उद्देश्य से महिला एवं बाल विकास विभाग के द्वारा लगातार पोषण स्तर में सुधार और  बेहतरी का प्रयास किया जा रहा है। इसी कड़ी में जिले के विभिन्न आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषण वाटिकाएं बनाई जा  रहीं हैं। इन पोषण वाटिकाओं में आंगनबाड़ी परिसर में ही मुनगा, लाल भाजी, पालक भाजी, सहित अन्य पौष्टिक साग-सब्जी व फल उत्पादित किया किए जा रहे हैं। उत्पादित पौष्टिक साग-सब्जियों और फल को आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा हितग्राही बच्चों और महिलाओं के पोषण स्तर में बढ़ोत्तरी के लिए उन्हें आहार के रूप प्रदान किया जा रहा है।
कुपोषण के प्रति जागरूक करने के साथ ही आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा गृह भेंटकर लोगों को अपने घरों में बाड़ियां तैयार करने और उनमें पौष्टिक साग-सब्जी लगाए जाने हेतु प्रेरित किया जा रहा है। जिससे बच्चों को ताजा और बेहतर आहार उपलब्ध हो ओर वे कुपोषण के शिकार न हो। इस विशेष प्रयास से न सिर्फ बच्चों के पोषण स्तर में सकारात्मक असर हो रहा है, बल्कि माताओं को भी पौष्टिक आहार मिलने लगा है। जो कुपोषण दूर करने में काफी सहायक है।
     राज्य सरकार ने बच्चों को कुपोषण से और महिलाओं को एनीमिया की समस्या से निजात दिलाने के लिए महिला एवं बाल विकास विभाग और परिवार एवं स्वास्थ्य कल्याण विभाग के माध्यम से विभिन्न योजनाएं संचालित की जा रहीं हैं। मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान के तहत आंगनबाड़ी केन्द्रो में पंजीकृत बच्चों और महिलाओं को पौष्टिक आहार और आवश्यक दवाइयां जैसे – कृमि नाशक, आयरन टेबलेट आदि उपलब्ध कराई जाती है। पोषण अभियान अंतर्गत महिला एवं बाल विकास परियोजना के अधिकारियों एवं पर्यवेक्षकों के मार्गदर्शन में पोषण वाटिकाओं का निर्माण किया गया है।
     पोषण वाटिका के माध्यम से बच्चों में कुपोषण और गर्भवती महिलाओं में एनीमिया को दूर किए जाने का उद्देश्य है। विभाग की मदद से आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं ने गांव की महिलाओं के साथ मिलकर पोषण वाटिका तैयार की है। इससे अब उन्हें ताजी, हरी-भरी और पोषक तत्वो से भरपूर सब्जियां उपलब्ध हो रही है। पोषण वाटिका में कटहल, पपीता, आम, मुंनगा, पालक, टमाटर, अमरूद, लौकी, भटा सहित अनेक हरि सब्जियों के पौधे लगाकर उन्हें विकसित किया गया है। पोषण वाटिका से गर्भवती महिलाओं एवं कुपोषित बच्चो की सेहत में सुधार आयेगा। स्व सहायता समूह, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं, सहायिकाओं द्वारा गरम भोजन तैयार में पोषण वाटिका की सब्जियों का उपयोग कर सकते हैं। हितग्राही परिवारो को भी निःशुल्क फलदार पौधा उपलब्ध कराकर घर में वाटिका लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है।
      जिले में 9 परियोजनाओं के अंतर्गत आंगनबाड़ी केन्द्र 2076 और मिनीआंगनबाड़ी केन्द्र 179 संचालित है।  मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान, प्रधानमंत्री मातृ वंदना, महतारी जतन योजना, वजन त्यौहार के माध्यम से कुपोषण मुक्ति के लिए विभिन्न गतिविधियां संचालित की जा रहीं हैं।

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