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महात्मा गांधी के नाम, मनरेगा की गारंटी और गरीबों के अधिकारों से किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा- कौशल कुमार सिंह ‘मुन्ना राय’

मनरेगा पर हमला, गरीबों के अधिकारों पर चोट

 ज़िला कांग्रेस कमेटी, आज़मगढ़ ने ज़िलाध्यक्ष कौशल कुमार सिंह ‘मुन्ना राय’ के नेतृत्व में केंद्र सरकार की जनविरोधी और गांधी-विरोधी नीतियों के खिलाफ एक सशक्त विरोध मार्च का आयोजन किया। यह मार्च ज़िला कांग्रेस कार्यालय से प्रारंभ होकर कलेक्ट्रेट मार्ग और रैदोपुर तिराहा होते हुए गांधी प्रतिमा तक पहुँचा, जहाँ कांग्रेसजनों ने लोकतांत्रिक तरीके से अपना विरोध दर्ज कराया।

मोदी सरकार द्वारा मनरेगा (MGNREGA) का नाम बदलने और इसके मूल ढांचे को कमजोर करने का प्रयास केवल नाम परिवर्तन भर नहीं है, बल्कि यह ग्रामीण भारत की जीवनरेखा माने जाने वाले ‘काम के अधिकार’ को खत्म करने की सोची-समझी कोशिश है। मनरेगा को यूपीए सरकार ने एक मांग-आधारित कानून के रूप में लागू किया था, जिसमें काम मांगना मजदूर का कानूनी अधिकार था। आज इसे बजट आधारित बनाकर मजदूरों को उनकी जरूरत के अनुसार काम से वंचित किया जा रहा है।

कांग्रेस का मानना है कि केंद्र सरकार द्वारा अपने वित्तीय दायित्व में कटौती कर राज्यों पर अतिरिक्त बोझ डालना संघीय ढांचे पर सीधा हमला है। पहले जहां केंद्र सरकार अधिकांश खर्च वहन करती थी, वहीं अब राज्यों को मजबूर किया जा रहा है कि वे सीमित संसाधनों में गरीबों की जरूरतें पूरी करें। यह न केवल राज्यों के साथ अन्याय है, बल्कि उन करोड़ों परिवारों के साथ भी अन्याय है जिनका जीवन मनरेगा पर निर्भर है।

इस योजना के नाम से महात्मा गांधी को हटाने का प्रयास राष्ट्रपिता के सम्मान पर आघात है। यूपीए सरकार ने इस योजना का नाम महात्मा गांधी के विचारों और मूल्यों से प्रेरित होकर रखा था, ताकि श्रम, स्वावलंबन और गरिमा का संदेश समाज तक पहुँचे। आज केवल राजनीतिक श्रेय की होड़ में बापू के नाम और विचारधारा को योजनाओं से मिटाने की कोशिश की जा रही है।

इसके साथ ही, एनएमएमएस, आधार आधारित भुगतान और अब एआई ऑडिट जैसी तकनीकी अनिवार्यताओं के नाम पर लाखों गरीब मजदूर पहले ही काम और मजदूरी से वंचित हो चुके हैं। तकनीक का यह कुचक्र गरीबों की मदद के बजाय उन्हें उनके हक से दूर धकेल रहा है।

इस अवसर पर ज़िलाध्यक्ष कौशल कुमार सिंह ‘मुन्ना राय’ ने स्पष्ट कहा कि मनरेगा कोई एहसान नहीं, बल्कि गरीबों का संवैधानिक अधिकार है। कांग्रेस पार्टी इस अधिकार और महात्मा गांधी के सम्मान की रक्षा के लिए सड़क से लेकर संसद तक संघर्ष करती रहेगी और किसी भी कीमत पर इस गरीब-विरोधी कदम को स्वीकार नहीं करेगी।

इस विरोध मार्च में राजाराम यादव, राहुल राय, गिरीश चंद्र चतुर्वेदी, अंसार अहमद, तेज बहादुर यादव, चंद्रपाल सिंह यादव, अजीत राय, बेलाल बेग, सुरेंद्र सिंह, नरेंद्र सिंह, रमेश राजभर, शिव मंगल सिंह, संतोष सिंह, हाजी इफ्तिखार, मो. आमिर, मो. शाहिद, मुरारी राय, नवनीत राय, प्रदीप यादव, हरिओम उपाध्याय , सहित बड़ी संख्या में कांग्रेसजन उपस्थित रहे। आजमगढ़ की सड़कों से यह साफ संदेश गया कि महात्मा गांधी के नाम, मनरेगा की गारंटी और गरीबों के अधिकारों से किसी भी तरह का समझौता नहीं किया जाएगा। कांग्रेस पार्टी हर स्तर पर इस लड़ाई को मजबूती से आगे बढ़ाती रहेगी।

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