गुरुकुल ने यूपीएससी एनडीए परीक्षा में शानदार सफलता का जश्न मनाया

गुरुकुल के 54 छात्रों ने लिखित परीक्षा उत्तीर्ण कर बनाया नया कीर्तिमान।
राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने सभी सफल छात्रों सहित गुरुकुल परिवार को दी बधाई।
कुरुक्षेत्र, वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक 04 अक्टूबर : गुरुकुल कुरुक्षेत्र के ब्रह्मचारियों ने एक बार फिर संस्थान को गौरवान्वित किया क्योंकि यहां के 54 छात्रों ने यूपीएससी एनडीए लिखित परीक्षा उत्तीर्ण की है। गौरव के इन क्षणों को यादगार बनाने के लिए गुरुकुल परिसर में भव्य समारोह का आयोजन किया गया जिसमें सभी छात्र ढोल की थाप पर जमकर थिरके, साथ ही उन्हें मैनेजमेंट सहित तमाम अधिकारियों ने सफलता पर बधाई और शुभकामनाएं दी। गुरुकुल के संरक्षक एवं गुजरात व महाराष्ट्र के महामहिम राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने भी सभी छात्रों को इस बड़ी उपलब्धि पर शुभकामनाएं प्रेषित की हैं। यह उल्लेखनीय उपलब्धि छात्रों के समर्पण और संस्थान के स्टाफ द्वारा प्रदान किए गए सटीक मार्गदर्शन को दर्शाती है।
गुरुकुल परिसर में आयोजित एक सम्मान समारोह में प्रधान राजकुमार गर्ग, निदेशक ब्रिगेडियर डॉ. प्रवीण कुमार शर्मा, प्राचार्य सुबे प्रताप सहित सभी अध्यापकों व संरक्षकों ने सफल छात्रों को फूल मालाएं पहनाकर तथा मिठाइयां खिलाकर उनका उत्साहवर्धन किया एवं छात्रों को उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन और प्रतिबद्धता के लिए हार्दिक बधाई दी गई।
छात्रों को संबोधित करते हुए, निदेशक ब्रिगेडियर डॉ प्रवीण कुमार ने कहा, यह केवल एक परीक्षा में सफलता नहीं है; यह आपकी दृढ़ता, अनुशासन और साहस का प्रतिबिंब है। आगे का सफ़र और भी ज्यादा समर्पण की माँग करेगा। सीखते रहो, प्रयास करते रहो और चुनौतियों को कभी भी खुद को रोकने मत दो। याद रखो, सफलता का असली पैमाना यह है कि तुम अपने देश की सेवा ईमानदारी, सम्मान और करुणा के साथ कैसे करते हो। ऊँचे लक्ष्य रखो, विनम्र रहो और अपनी क्षमता की सीमाओं को आगे बढ़ाते रहो।
निदेशक ने छात्रों से अपने अनुभव साझा करके और दूसरों को उत्कृष्टता के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित करके अपने कनिष्ठों और साथियों को प्रेरित करने का भी आग्रह किया। छात्रों को ऐसे सक्षम अधिकारी बनाने में अपना निरंतर सहयोग देने का आश्वासन दिया जो देश को गौरवान्वित करेंगे।
कार्यक्रम का समापन गर्व और हर्ष की भावना के साथ हुआ क्योंकि गुरुकुल परिवार ने देश के भावी कर्णधारों को तैयार करने की अपनी यात्रा में एक और मील का पत्थर तय किया है।