सांसारिक भोगों की प्राप्ति मानव जीवन का लक्ष्य नहीं : सर्वेश्वर शरण।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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हिसार : पावन पुरुषोत्तम मास में निकटवर्ती गांव कैमरी में स्थित श्री सौंधामल धर्मशाला में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया गया है।
श्रीमद् भागवत कथा के अंतर्गत तीसरे दिन में वृंदावन से पधारे कथावाचक ज.गु.श्री श्री निंबार्काचार्य महाराज के कृपापात्र संगीत भास्कर श्री सर्वेश्वर शरण जी ने श्रीमद् भागवत कथा में उपस्थित श्रद्धालुओं को श्रीमद् भागवत कथा के बारे विस्तार से बताते हुए कहा कि “मानव जीवन का लक्ष्य केवल सांसारिक भोग पदार्थों की प्राप्ति नहीं है” । बहुत ज्यादा धन कमा लेना, पद प्रतिष्ठा ऐश्वर्य की प्राप्ति कर लेना, केवल यही मानव जीवन नहीं है। मानव जीवन का लक्ष्य है सत्कर्मों के द्वारा परमात्मा की प्राप्ति कर लेना। अपने लिए जीवन जीना सच्चा जीवन नहीं। जीवन वही अच्छा माना जाता है जो दूसरे जरूरतमंदों, असहाय, बेसहारा लोगों की सहायता करें। प्राणी मात्र पर दया करना, भगवत भजन के द्वारा अपने मन इंद्रियों को काबू में रखना यही एक सच्चे मानव का धर्म है ।
श्रीमद् भागवत कथा से पूर्व उपस्थित समस्त जिंदल परिवार द्वारा दीप प्रज्ज्वलित किया गया।
कथा वाचक सर्वेश्वर शरण जी ने कहा कि हमे जब भी अवसर मिले श्रीमद् भागवत कथा रूपी गंगा में डुबकी लगाकर अपने जीवन को धन्य बनाना चाहिए।
आयोजित श्रीमद् भागवत कथा के अंतर्गत 13 अगस्त को श्री कृष्ण जन्मोत्सव धूमधाम से मनाया जाएगा ।
पावन आरती के उपरांत उपस्थित श्रद्धालुओं ने प्रसाद ग्रहण किया।