हरियाणा के राज्यपाल प्रो. अशीम कुमार घोष ने किया ‘धरोहर’ संग्रहालय का अवलोकन

हरियाणा की समृद्ध संस्कृति, लोक परंपराओं और जीवंत विरासत को देखकर अभिभूत हुए राज्यपाल।
कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने किया स्वागत।
कुरुक्षेत्र, संजीव कुमारी 15 नवम्बर : हरियाणा के राज्यपाल व कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलाधिपति प्रो. अशीम कुमार घोष ने शनिवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय परिसर स्थित हरियाणा संग्रहालय ‘धरोहर’ का अवलोकन किया। राज्यपाल अपनी धर्मपत्नी के साथ संग्रहालय पहुँचे, जहाँ उन्होंने हरियाणा की समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं, ग्रामीण जीवन शैली, कृषि विरासत, लोक शिल्प, वेशभूषा और ऐतिहासिक धरोहरों को व्यापक रूप से देखा। राज्यपाल प्रो. अशीम कुमार घोष ने धरोहर की विविध दीर्घाओं का अवलोकन करते हुए कहा कि वे यहाँ प्रदर्शित हरियाणा की समृद्ध संस्कृति, लोक परंपराओं और जीवंत विरासत को देखकर अभिभूत हुए। उन्होंने कहा कि “धरोहर में हमारी सांस्कृतिक जड़ों की झलक अत्यंत प्रभावशाली और भावनात्मक रूप से जोड़ने वाली है।”
संग्रहालय का अवलोकन करते हुए राज्यपाल कई स्थानों पर रुके, जहाँ उन्होंने प्रदर्शित वस्तुओं के बारे में विस्तृत जानकारी ली। उन्होंने कहा कि “धरोहर में हरियाणा का इतिहास अपनी संपूर्ण गरिमा के साथ जीवंत रूप में उपस्थित है। यह न केवल संस्कृति का संवाहक है, बल्कि युवाओं को अपनी मिट्टी और मूल्यों से जोड़ने वाला एक प्रभावशाली मंच भी है।”
राज्यपाल प्रो. अशीम कुमार घोष ने यह कहा कि धरोहर जैसे संस्थान किसी प्रदेश की अस्मिता को सुरक्षित रखने का महत्वपूर्ण कार्य करते हैं। यहाँ पारंपरिक शिल्प, लोक मान्यताओं और ग्रामीण जीवन की प्रस्तुति अत्यंत प्रभावशाली और शिक्षाप्रद है। उन्होंने विश्वविद्यालय द्वारा धरोहर को आधुनिक तकनीक और अनुसंधान आधारित संरक्षण पद्धतियों से सुसज्जित किए जाने के प्रयासों की भी प्रशंसा की।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय पहुँचने पर कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने राज्यपाल डॉ. घोष और उनकी धर्मपत्नी का गर्मजोशी से स्वागत किया। कुलपति ने विश्वविद्यालय की शैक्षणिक उपलब्धियों, अनुसंधान गतिविधियों, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय सहयोग, तथा सांस्कृतिक पहलों के बारे में राज्यपाल को जानकारी दी।
इस अवसर पर कुलसचिव डॉ. वीरेन्द्र पाल, युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के निदेशक प्रो. विवेक चावला, डॉ. सलोनी दीवान, मुख्य सुरक्षा अधिकारी डॉ. आनंद कुमार और डॉ. शुचिस्मिता भी उपस्थित रहे। अधिकारियों ने राज्यपाल को धरोहर संग्रहालय की स्थापना, उद्देश्य, विस्तार, प्रमुख संग्रह, और भविष्य की योजनाओं के बारे में विस्तार से बताया।



