बंचारी के गांव की डाक्यूमेंटेशन से उपजा है हरियाणवी रसिया नृत्यः अनूप लाठर

बंचारी के गांव की डाक्यूमेंटेशन से उपजा है हरियाणवी रसिया नृत्यः अनूप लाठर
कुरुक्षेत्र, वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक 28 अक्टूबर : बंचारी गांव की डाक्यूमेंटेशन से उपजा है हरियाणवी रसिया नृत्य। कई बार बंचारी गांव में होली को देखने के लिए जाने का मौका मिला और वहां की होली की डाक्यूमेंटेशन की, उसके बाद विचार आया क्यूं न इस लुप्त होती विधा को जीवित किया जाए। यह जानकारी कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के पूर्व निदेशक अनूप लाठर ने मंगलवार को रत्नावली उत्सव में मीडिया संस्थान द्वारा लगाई गई मीडिया चौपाल में संस्थान के निदेशक प्रो. महासिंह पूनिया से साक्षात्कार के दौरान दी।
रसिया नृत्य के डाक्यूमेंटेशन और उसके पुनर्जीवित के प्रश्न का जवाब देते हुए अनूप लाठर ने बताया कि वह लगातार कई वर्षों तक बंचारी गांव में होली देखने जाते थे और उसकी डाक्यूमेंटेशन करते थे। एक दिन उनके मन में विचार आया क्यूं न रसिया नृत्य को पुर्नजीवित किया जाए। रसिया नृत्य से संबंधित सारी डाक्यूमेंटेशन और वीडियो को कई बार देखा गया और फिर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में एक कार्यशाला का आयोजन किया गया जिसमें प्रदेशभर से छात्रों को छांटा गया और उन्हें रसिया नृत्य की बारीकियों के बारे में विस्तार से बताया गया। पाचं दिनों तक चली कार्यशाला में छात्रों ने कड़ी मेहनत की और फिर इसकी मंचीय प्रस्तुति हुई। इसके बाद कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने रत्नावली उत्सव में रसिया नृत्य को एक विधा के रूप में शामिल किया।




