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समाज में कन्याओं व महिलाओं की सुरक्षा नहीं है तो नवरात्र पूजा व्यर्थ है : महंत राजेंद्र पुरी

समाज में कन्याओं व महिलाओं की सुरक्षा नहीं है तो नवरात्र पूजा व्यर्थ है : महंत राजेंद्र पुरी।

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।

नवरात्र में पूजा नारी के सम्मान का प्रतीक है।

कुरुक्षेत्र, 1 अप्रैल : आजकल लोग चैत्र नवरात्र पूजन कर रहे हैं लेकिन समाज में जो कन्याओं एवं महिलाओं पर अत्याचार की सूचनाएं मिलती हैं। ऐसी घटनाएं देखकर नवरात्र पूजन का कैसा लाभ। जग ज्योति दरबार के महंत राजेंद्र पुरी ने कहा कि हमें नवरात्रों के चलते पहले कन्याओं एवं महिलाओं के सम्मान व सुरक्षा का प्रण लेना चाहिए। तभी यह नवरात्र पूजा सार्थक होगी। महंत राजेंद्र पुरी ने कहा कि नौ दिवसीय नवरात्र पर्व के समापन पर कन्या का पूजन किया जाता है, जिसमें नन्ही कन्याओं को देवी का स्वरूप मानकर उनकी पूजा की जाती है और उन्हें भोजन कराया जाता है, बाद में दान व तोहफे दिए जाते हैं। उन्होंने कहा कि नवरात्र पर्व नारी के सम्मान का प्रतीक है। नौ दिनों तक नवदुर्गा के नौ स्वरूपों की उपासना होती है। कहते हैं कि जिस घर में माता की पूजा होता है, वह सुख-समृद्धि बनी रहती है। देवी पूजा महज माता की प्रतिमा की पूजा मात्र नहीं है, बल्कि यह पर्व मां, बहन, बेटी और समाज की हर नारी के सम्मान का पर्व है। महंत राजेंद्र पुरी ने कहा कि ऐसे में सिर्फ कन्या पूजन ही नहीं, महिलाओं का भी सम्मान करें। अगर आप देवी पूजा करते हैं तो महज नवरात्र के मौके पर नहीं बल्कि महिलाओं के प्रति आदर सदैव बनाए रखें। इन नवरात्रों में देवी के सामने महिला सम्मान का संकल्प लें और अपने आचरण में कुछ बदलाव लाएं, ताकि मां, बेटी और समाज की हर नारी सुरक्षित व सम्मानित महसूस कर सके।
श्रद्धालुओं के साथ महंत राजेंद्र पुरी।

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