समान नागरिक संहिता लागू होने से राष्ट्रीय एकता एवं धर्मनिरपेक्षता को बढ़ावा मिलेगाः डॉ. अर्चना मिश्रा

समान नागरिक संहिता लागू होने से राष्ट्रीय एकता एवं धर्मनिरपेक्षता को बढ़ावा मिलेगाः डॉ. अर्चना मिश्रा।

हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
दूरभाष – 9416191877

शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास द्वारा समान नागरिक संहिता : तथ्य एवं सत्य विषय पर व्याख्यान कार्यक्रम आयोजित।

कुरुक्षेत्र, 24 अगस्त : शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास उत्तर क्षेत्र एवम पश्चिमी उत्तर प्रदेश प्रबोधन वर्ग द्वारा समान नागरिक संहिता : तथ्य एवं सत्य विषय पर व्याख्यान कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, उत्तर क्षेत्र एवं पश्चिम उत्तर प्रदेश क्षेत्र के संयोजक भाई जगराम ने मुख्यातिथि सहित सभी विशिष्ट अतिथियों का परिचय करवाया तथा समान नागरिक संहिता विषय पर होने वाले व्याख्यान कार्यक्रम के उद्देश्य के बारे में प्रकाश डाला। डॉ. अनुज शर्मा, उत्तराखंड, सह-संयोजक ने कार्यक्रम का शुभारंभ गायत्री मंत्र के साथ किया गया। डॉ. विकास ने सभी अतिथियों का स्वागत किया।
कार्यक्रम की मुख्य अतिथि डॉ. भीमराव आंबेडकर नेशनल लॉ विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. अर्चना मिश्रा ने कहा कि आज का विषय सारगर्भित है। समान नागरिक संहिता सत्य और समानता के तथ्यों पर आधारित है। इसका उल्लेख भारतीय संविधान के अनुच्छेद 44 में किया गया है। जो राज्य के नीति तत्व का अंग है जिसमें राज्य क्षेत्र में नागरिकों के लिए समान सिविल संहिता प्राप्त करवाने के प्रयास के बारे में कहा गया है। हम सब एक धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र में रहते हैं और भारत का संविधान भी समानता के अधिकार की बात करता है। समान नागरिक संहिता लागू होने से राष्ट्रीय एकता एवं धर्मनिरपेक्षता को बढ़ावा मिलेगा।
मुख्य वक्ता फैकल्टी ऑफ लॉ, दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रो. सीमा सिंह ने कहा कि समान नागरिक संहिता पर गंभीरता से विचार की आवश्यकता है। भारत एक पुरातन राष्ट्र है। महिला और पुरुष को समान अधिकार है। उन्होंने समान नागरिक संहिता के मुख्य बिंदुओं तथा मैरिज एक्ट के बारे में विस्तार से बताया तथा विभिन्न प्रश्नों के उत्तर देकर न्यास के साथियों व कार्यकर्ताओं की जिज्ञासा को शांत किया।
शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास ब्रज प्रांत के सह-संयोजक डॉ. मनु प्रताप ने कहा कि जिस प्रकार मनुष्य जन्म से मृत्यु तक नवीन कार्य करता रहता है। इस नवीन कार्य में वर्ग भी महत्वपूर्ण योगदान देता है। जिस तरह छात्र को अध्यापक नया ज्ञान देता है वर्ग भी नए-नए विषयों से अवगत करवाता है एवं भारतीय समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने का प्रयास करता है।
अंत में अध्यक्षीय उद्बोधन देते हुए डॉ. विनोद कुमार ने समान नागरिक संहिता के उद्देश्यों व लाभ के बारें में बताते हुए कहा कि समान नागरिक संहिता करीब 150 से अधिक देशों में लागू है। इतने देशों में लागू होने के बाद भारत वर्ष में स्वतंत्रता प्राप्ति के 76 वर्षो बाद हम आज केवल चर्चा कर रहे हैं। यह कार्य आजादी के तुरन्त बाद हो जाना चाहिए था। आज हमें इस बारे में गंभीरता से सोचकर सभी को विभिन्न स्तरों पर जागरूक करने की आवश्यकता है और न्यास इस कार्य को बखूबी कर रहा है। डॉ. ममता नागपाल ने सभी का आभार प्रकट किया।
इस बैठक में शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, हरियाणा के अध्यक्ष व कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. संजीव शर्मा, संयोजक प्रो. हितेन्द्र त्यागी, डॉ. धर्मदेव विद्यार्थी, डॉ. राधे श्याम शर्मा, हिमाचल से संयोजक डॉ. दिनेश लखनपाल, डॉ. बांके बिहारी, डॉ. माला, दीपक वशिष्ठ, डॉ. योगेन्द्र सिंह, सतिन्द्र कुमार सहित विभिन्न प्रांतों के संयोजकों व सह-संयोजकों ने भाग लिया।

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