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स्व. शुभम् की स्मृति में काव्य संध्या के आयोजन में सत्ताइस रचनाकारों ने किया काव्यपाठ

कर गये तुम मेरी आंख नम
दे गये जीवन भर का गम।।

दीपक शर्मा (जिला संवाददाता)

बरेली : शुभम् मेमोरियल साहित्यिक सामाजिक जनकल्याण समिति के द्वारा खुश लोक सभागार में काव्य प्रेमी शुभम् की स्मृति में काव्य संध्या का आयोजन किया गया। समिति की अध्यक्षा सत्यवती सिंह ‘ सत्या ‘ संयोजक रहीं। मुख्य अतिथि समाजसेवी सुरेंद्र लाला , विशिष्ट अतिथि अनिल मुनि और कार्यक्रम अध्यक्ष शायर विनय सागर रहे।
सबसे पहले उपस्थित रचनाकारों ने स्व. शुभम् के चित्र पर माल्यार्पण किया और पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की। कार्यक्रम का प्रारंभ कवि इंद्रदेव त्रिवेदी की वाणी वंदना ” मां शारदे मां भारती – तेरी उतारें आरती ” से हुआ। अपनी भावपूर्ण रचना प्रस्तुत करत हुए राज शुक्ल ” ग़ज़लराज ” ने शुभम् की स्मृति में कविता पढ़कर वातावरण सजल कर दिया ।कर गये तुम मेरी आंख नम दे गये जीवन भर का गम।नाम जीवित रहेगा तेरा हरदम
बाद तेरे जनम दर जनम।।अपनी रचना प्रस्तुत करते हुए समिति की आध्यत्म सत्यवती सिंह सत्या ने शुभम् को इन शब्दों में याद किया –
” आज अपनी वेदना के पार जाना चाहती हूं – उन पलों को मैं ह्रदय से बस भुलाना चाहती हूं।। “अपनी शायरी प्रस्तुत करते हुए शायर विनय सागर ने सामयिक रचना से मन मोह लिया –
” दिखाई दे रहे हैं फिर वही हालात पानी में – गई फिर जिंदगी की आज भी सौगात पानी में।। “कवि इंद्रदेव त्रिवेदी ने मेघ से प्रार्थना इन शब्दों में की –
” मेघा – मेघा तू धरती पर बरसा पानी दे – और साथ में हम बच्चों को कुछ गुड़धानी दे।। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सुरेंद्र लाला ने सभी कवियों की रचनाओं को सराहा और देश हित में इसी प्रकार की रचनाओं को लिखने का आग्रह किया। विशिष्ट अतिथि अनिल मुनि ने सभी रचनाओं को सार्थक बताते हुए कहा कि रचनाकारों ने ही भारतीय संस्कृति को सुरक्षित रखा हुआ है।कार्यक्रम का संचालन कवि मनोज दीक्षित’ टिंकू’ ने किया और सभी का आभार समिति की अध्यक्ष सत्यवती सिंह सत्या ने किया।कार्यक्रम में उपस्थित रचनाकारों में विनय सागर, रणधीर प्रसाद गौड़ धीर, इंद्रदेव त्रिवेदी, सत्यवती सिंह सत्या, मनोज दीक्षित टिंकू, फरीद आलम कादरी, रामकुमार अफरोज, राम प्रकाश सिंह ओज दीपक मुखर्जी दीप, उमेश त्रिगुणायत अद्भुत, रितेश साहनी, गजेंद्र पाल सिंह, नरेंद्र पाल सिंह, बिंदु सक्सेना, मिथिलेश राकेश, रामधनी निर्मल, अवजीत अवि, नीतू गोयल, प्रकाश निर्मल, रामाशंकर शर्मा प्रेमी, अखिलेश गुप्ता, मनोज सक्सेना , डाॅ सुचित्रा डे , राजकुमार अग्रवाल राज ने रचनाएं प्रस्तुत कर समां बांध दिया।

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