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ब्लाक एलाटमेंट के नाम पर हुआ भारी खेंल,जिला लेखा परीक्षा अधिकारी, सहकारी समितियां एव पचायते आडिट आफिस में
अजय सिंह फतेहपुर यूपी
फतेहपुर जनपद में आडिट विभाग में भ्रष्टाचार रूकने का नाम ही नहीं ले रहा हैं यहा पर हर स्तर से भ्रष्टाचार व्यापक रूप से व्याप्त है,कभी आडिट रिपोर्ट नही है तो इससें क्या समझा जाय कि आडीटर काम करते है ?तो कभी माकान किराया भत्ता के नाम पर,तो कभी पूर्व मे रहें “जिला लेखा परीक्षा अधिकारी द्वारा प्रषित एलाटमेंट में व्यापक फेरबदल करना”,एक आडीटर ने तो यहा तक कह दिया कि ब्लाक तो आप भी जानतें होगैं कि ऐसे नहीं मिलता मतलब साफ है कि पैसे लगतें हैं जो कैमरें मे कैंद हो गया हैं जब डिप्टी चीफ से बात कि गयी थी तो इनसे इस बारें मे पूछा गया था कि आपके विभाग के कुछ आडीटर पैसा के बदले ब्लाक की बात कह रहें है तो डिप्टी चीफ प्रयागराज ने गोलमोल जवाब देतें हुये “आडीटर की शिकायतों को” बेबुनियाद बता दिया,
आडिट बिभाग के कर्मचारी नें दबी जुबान से अपना नाम न बतानें की शर्त मे बताया कि इस विभाग मे भ्रष्टाचार की शुरुवात आडिट एलाटमेंट से सुरू होता हैं,जिसमें विभाग के उच्चाधिकारियों की तरफ से खेल खेला जाता हैं, विस्वस्थ सूत्रों के मुताबिक जानकारी मे आया हैं कि आडिट एलाटमेंट वर्ष 2020-21 तत्कालीन जिला लेखा परीक्षा अधिकारी द्वारा एक त्रिस्तरीय कमेटी गठित करवाया गया था,ब्लाक एलाटमेंट में पारदर्शिता एवं निष्पक्षता कों दृष्टिगत रखतें हुये तत्कालीन जिला लेखा परीक्षा महोदय द्वारा उसे अनुमोदनार्थ उप मुख्य लेखा परीक्षा अधिकारी प्रयागराज के समक्ष से भेजा गया था,,किन्तु उक्त मण्डलीय अधिकारी नें अपनें तथाकथित रिस्तेदार जो शायद पुलिस विभाग मे शीर्ष उच्चधिकारी हैं का हवाला देते हुयें अनाधिकृत रूप से उक्त प्रेषित एलाटमेंट में 75% बिना कारण बतायें ही भारी मात्रा मे फेरबदल कर दिया गया है और तौ और देर से जिला फतेहपुर कार्यालय में अगस्त 2020 में बैक डेट मे दिया गया हैं इस भ्रष्टाचार की जड़ की वजह सें आगें भ्रष्टाचार बृहद पैमानें पर हो रहा है इस भ्रष्टाचार में कई उच्चाधिकारी भी सम्मिलित हैं तभीं तो पत्रकारों कों पागल और दिवालियापन जैसे शब्दों से परिलक्षित किया गया है एक पत्र कें माध्यम सें अतएव इस भ्रष्टाचार की जांच शासन स्तर से होनीं चाहिए जिससे शासन का ध्यान इस समाचार पत्र के माध्यम से भ्रष्टाचार की जड़ो तक जाना चाहिये,नहीं तो जनपद कें बडे़ रूप का भ्रष्टाचार फाईलों मे कैद हो कर रह जायेगा और आडीटर रिटायर होकर मौज मारेगें