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साइबर ठगी के दो मामलों में पुलिस ने पीड़ित को वापस दिलाया रुपया

आजमगढ़। जीयनपुर व बरदह थाने की साइबर टीमों ने दो अलग-अलग मामलों में कार्रवाई करते हुए साइबर ठगी का शिकार हुए दो लोगों को उनकी मेहनत की कमाई को वापस दिलाया है।बतादे की पुरा मामला जीयनपुर थाना क्षेत्र का है। जहां के महावतगढ़ निवासी हरिलाल ने बताया कि उन्हें अपने एक रिश्तेदार की फेसबुक आईडी से मैसेंजर पर मैसेज मिला। उसमें कहा गया कि वह घर आ रहा है, बैंक पासबुक भेज दीजिए। हरिलाल ने जैसे ही पासबुक भेजा, उन्हें एक फर्जी मैसेज मिला कि आपके खाते में ढाई लाख रुपये भेजे गए हैं, थोड़ी देर में कॉल आएगा। इसके बाद 96XXXXXXXX नंबर से कॉल आया और पूछा गया कि खाते में पैसे कैसे आए। फिर दोबारा उसी फेसबुक आईडी से मैसेज आया कि मैं इमरजेंसी में फंस गया हूँ, मुझे 97000 हजार रुपये देने हैं। कल पैसे वापस मिल जाएंगे। फिलहाल 45000 भेज दो।
हरिलाल ने विश्वास कर 45000 रुपये भेज दिए। बाद में जब शक हुआ, तो उन्होंने तत्काल साइबर हेल्पलाइन 1930 पर कॉल कर शिकायत दर्ज कराई। जांच उपनिरीक्षक शहादत अंसारी द्वारा की गई। पुलिस अधीक्षक आजमगढ़ के निर्देश पर की गई इस कार्यवाही में 04 अगस्त को हरिलाल के खाते में 9232.38 रुपये वापस कराए गए।दूसरा मामला थाना बरदह का है, यहां दरियापुर बसही गांव निवासी श्रवण पाठक ने 22 जून को मोबाइल से किसी को पैसा भेजते समय गलती से गलत नंबर पर 50000 रुपये ट्रांसफर कर दिए थे। पैसा वापस न मिलने पर उन्होंने 18 जुलाई को NCRP पोर्टल पर शिकायत की (ACK No. 23107250102498)।
साइबर हेल्प डेस्क थाना बरदह ने त्वरित कार्रवाई करते हुए संबंधित बैंक मैनेजर से संपर्क किया। थानाध्यक्ष राजीव कुमार सिंह के निर्देशन में नियुक्त उपनिरीक्षक मनीष सिंह द्वारा की गई कार्रवाई के परिणामस्वरूप श्रवण पाठक के पूरे 50000 रुपये उनके खाते में वापस आ गए। पीड़ित ने साइबर क्राइम के अधिकारियों को बहुत-बहुत धन्यवाद दिया।

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