भारत हमेशा सभी स्वतंत्रता सेनानियों व महापुरूषों का ऋणी: प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा

हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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आत्मनिर्भर भारत का संकल्प ले युवा पीढ़ी: प्रोफेसर सोमनाथ।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में आजादी के अमृत महोत्सव के तहत 73 वें गणतंत्र दिवस कार्यक्रम में कुलपति ने ली परेड की सलामी।

कुरुक्षेत्र, 26 जनवरी : आजादी के अमृत महोत्सव के तहत 73 वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने विश्वविद्यालय प्रांगण में बुधवार को राष्ट्र ध्वज फहराया तथा एनसीसी व एनएसएस कैडेटों की भव्य परेड की सलामी ली। इस मौके पर इंस्टीट्यूट ऑफ इंटीग्रेटेड एंड ऑनर्स स्टडीज, संगीत एवं नृत्य विभाग व यूनिवर्सिटी सीनियर सेकेंडरी मॉडल स्कूल के विद्यार्थियों ने देशभक्ति भरे गीत गाकर देश के महान शहीदों को याद किया व पहली बार कुवि के शारीरिक शिक्षा विभाग की छात्राओं ने सूर्य नमस्कार की विभिन्न आकृतियों द्वारा भारतीय संस्कृति को प्रदर्शित किया।
गणतंत्र दिवस के मौके पर कुलपति ने कहा कि भारत में ’पूर्ण स्वराज’ के लिए भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों ने बहुत संघर्ष किया। उन्होंने अपने प्राणों की आहुति दी जिससे कि हमारी आने वाली पीढ़ी को कोई संघर्ष न करना पड़े और हम देश को आगे लेकर जा सकें। इस अवसर पर कुलपति ने गणतंत्र दिवस के इस विशेष अवसर पर राष्ट्र की आजादी के लिए बलिदान देने वाले स्वतंत्रता सेनानियों के संघर्ष, त्याग व बलिदान को स्मरण कर उन्हें नमन किया।
उन्होंने कहा कि इसके लिए हम सब भारतवासी हमेशा सभी स्वतंत्रता सेनानियों व महापुरूषों के ऋणी रहेंगे। उन्होंने कहा कि 26 जनवरी 1950 को भारतीय संविधान लागू हुआ था और आज के ही दिन 1930 में रावी नदी के किनारे हमारे नेताओं ने पूर्ण स्वराज की घोषणा की थी। कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने प्रदीप की पंक्तियों ऐ मेरे वतन के लोगों जरा आंख में भर लो पानी, जो शहीद हुए उनकी जरा याद करो कुर्बानी के माध्यम से शहीदों को नमन किया।
कुलपति ने कहा कि संविधान के संघीय स्वरूप की रक्षा के लिए, देश की सीमाओं पर तैनात वीर सैनिकों के कारण ही हम आजादी की महक को महसूस कर पा रहे हैं। हमारे वीर सैनिक इस देश की रक्षा के लिए हमेशा प्रतिकूल व विपरीत परिस्थितियों में सीमाओं पर डटे रहते हैं। इसी कारण समस्त भारतवासी इस गणतांत्रिक राष्ट्र में आजादी से जी रहे हैं।
अनेकों लोगों द्वारा विविध क्षेत्रों में नए-नए आयाम स्थापित किए जा रहे हैं। विज्ञान के क्षेत्र मंे भी भारत अग्रणी पंक्ति में खड़ा हो गया है। चन्द्रयान मिशन से हमने विश्व को अपनी अंतरिक्ष विकास यात्रा का उदाहरण दिया है। हम आज विज्ञान, सूचना तकनीक, कृषि, उद्योग, व्यापार, खेल, कला, संस्कृति हर क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं। यह भारत की मेधा शक्ति का प्रकटीकरण है। नए भारत के संकल्प के साथ आगे बढ़ रही युवा शक्ति इन सभी सफलताओं के लिए बधाई की पात्र है। अंतर्राष्ट्रीय मंचों पर भारत का बढ़ता गौरव इस बात का प्रतीक है कि 21वीं सदी का भारत एक नये भारत की ओर उन्मुख हो रहा है। ज्ञान-विज्ञान के साथ-साथ नई तकनीक के क्षेत्र भी भारत अपना योगदान विश्वभर में दे रहा है।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि आज सूचना तकनीकी की प्रमुख कम्पनियों में भारतीय सीईओ प्रमुख है। स्टार्टअप के क्षेत्र में 60 हजार व 75 यूनिकॉर्न के साथ भारत विश्व के दूसरे पायदान है। उन्होंने कहा कि भारत के किसान, जवान, वैज्ञानिकों तथा शिक्षकों ने अपनी मेहनत व लगन से अपने कर्तव्यों को निर्वहन करते हुए सर्वश्रेष्ठ भारत निर्माण में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने कहा कि आज भी देश में 20 प्रतिशत लोग गरीबी रेखा से नीचे है जो आजादी के 75 वें वर्ष में किसी भी देशभक्त को चुनौती का अहसास करवाता है। उन्होंने कहा कि आने वाले समय में भारत का लक्ष्य गरीबीमुक्त व पूर्ण रोजगारयुक्त बनना होगा। हम सब मिलकर 44 करोड़ की युवा शक्ति को उद्यमिता व स्वरोजगार के लिए तैयार करके गरीबीमुक्त भारत का निर्माण करेंगे। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत का संकल्प लेकर हमारे युवा रोजगार मांगने वाले नहीं बल्कि रोजगार देने वाले बनेंगे।
कुलपति ने कहा कि नई शिक्षा नीति का आगाज हो चुका है और इस नीति को लागू करने में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय अग्रणी भूमिका निभा रहा है। नए शैक्षणिक सत्र 2022-23 में नई शिक्षा नीति को पूर्णतया लागू किया जाएगा। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति की आत्मा में भारतीय परम्परा के अनुरूप भारतीय भाषाओं के अंदर शिक्षा, सभी के लिए समान शिक्षा, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, कौशल विकास, इंटर्नशिप, मानवीय मूल्यों पर आधारित शिक्षा का प्रावधान है जो कि न केवल हमारे विद्यार्थियों को देश पर गर्व करने की भावना को जोड़ने का काम करेंगे बल्कि उन्हें रोजगारपरक भी बनाएंगे।
कुवि कुलपति ने कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के एमिरेट्स प्रोफेसर राघवेन्द्र तंवर को साहित्य एवं शिक्षा के क्षेत्र में पदमश्री पुरस्कार मिलने पर शुभकामनाएं दी। इसके साथ ही उन्होंने कुवि की एल्युमनाई व जामिया मिलिया यूनिवर्सिटी की कुलपति नजमा अख्तर को भी पदमश्री मिलने पर शुभकामनाएं दी।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय की फैकल्टी किसी भी शैक्षणिक संस्थान का मजबूत आधार स्तंभ होता है। हमारे पास भी समर्पित व कुशल फैकल्टी है जिस पर विश्वविद्यालय को गर्व है। कुवि अपने शिक्षकों व विद्यार्थियों की समस्याओं को दूर करने के लिए प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में पारदर्शिता व जवाबदेही के लिए आईयूएमएस पोर्टल को लगाया जा रहा है जिससे विद्यार्थियों की परीक्षा व फीस सम्बन्धी समस्याओं का समाधान होगा। कुवि में अनुबंध के आधार पर लगे शिक्षकों व सेल्फ फाईनेंस के तहत् लगे शिक्षकों की समस्याओं का समाधान किया गया है।
विश्वविद्यालय के मजबूत स्तंभ नॉन टीचिंग कर्मचारी है जिनमें से कुछ प्रमोशन भी नियमानुसार की गई है।
कुलपति ने कहा कि भारत ने टोक्यो ओलम्पिक 2020 में 125 वर्षो के इतिहास में अब तक का शानदार प्रदर्शन किया है। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय को गर्व है कि टोक्यो ओलम्पिक के हॉकी खेल में कांस्य पदक विजेता टीम में शामिल खिलाडी सुरेन्द्र पालड़ कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के पूर्व छात्र हैं।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय के रूप में हम अपने कार्य की गुणवत्ता को बढ़ाते हुए इसकी उत्कृष्टता के लिए अपनी ओर से कुछ न कुछ जोड़ते रहेंगें। राष्ट्र प्रथम की भावना राष्ट्र जीवन की ऊंचाईयां को बढ़ाती है। विश्वविद्यालय प्रथम की भावना से विश्वविद्यालय को शिखर पर पहुंचा सकती है।
इस मौके पर विशिष्ट अतिथि स्वदेशी जागरण मंच के सह-संगठक, आर्थिक विशेषज्ञ व समाजसेवी सतीश जी, डॉ. ममता सचदेवा, कुलसचिव डॉ. संजीव शर्मा, अधिष्ठाता शैक्षणिक मामले प्रो. मंजूला चौधरी, छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. अनिल वशिष्ठ, संकाय अधिष्ठाता, संस्थानों के निदेशक, विभागाध्यक्ष, अधिकारीगण, शिक्षकगण, गैर-शिक्षक कर्मचारी व विश्वविद्यालय के छात्र मौजूद रहे।

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