नेशन फर्स्ट, स्वदेशी मस्ट की भावना से भारत बनेगा आत्मनिर्भर : सतीश कुमार

हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
दूरभाष – 94161-91877

संकट के इस दौर में “लोकल“ ने ही हमें बचाया : सतीश कुमार।
लोकल फॉर वोकल आत्मनिर्भर बनने का मंत्र : सतीश कुमार।
उच्च शिक्षा के माध्यम से भारत को आत्मनिर्भर बनाने की योजना : प्रो. सोमनाथ।
नव भारत के निर्माण में आत्मनिर्भर होना बहुत जरूरी : प्रो. सोमनाथ।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद एवं स्वदेशी स्वावलम्बन न्यास के संयुक्त तत्वावधान में ‘आत्मनिर्भर हरियाणा एवं रोजगार विषय पर कार्यक्रम आयोजित।

कुरुक्षेत्र, 2 सितम्बर :- भारत के प्रसिद्ध आर्थिक विशेषज्ञ एवं स्वदेशी जागरण मंच के राष्ट्रीय सह-संगठक माननीय सतीश कुमार ने कहा कि कौशल-विकास के द्वारा रोजगार एवं स्वरोजगार के नए अवसर पैदा किए जा सकते हैं। स्वरोजगार के द्वारा हम भारत को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा सकते हैं। वे गुरूवार को कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के आरके सदन में कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय, हरियाणा राज्य उच्च शिक्षा परिषद एवं स्वदेशी स्वावलम्बन न्यास के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित कार्यक्रम ‘आत्मनिर्भर हरियाणा एवं रोजगार विषय बतौर मुख्य मुक्ता बोल रहे थे। इससे पहले सतीश कुमार, कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा, कुलसचिव डॉ. संजीव शर्मा, प्रो. अनिल वशिष्ठ, प्रो. डीएस राणा व एनएसएस के राज्य संयोजक भगत सिंह ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया व सेंटर फार ट्रैनिंग, इंटर्नशिप तथा एम्पलायमेंट का उद्घाटन भी किया।
माननीय सतीश जी ने कहा कि आज हम परनिर्भर स्थिति से निकलकर परस्पर निर्भरता के साथ आत्मनिर्भर बनने की दिशा की तरफ कदम बढ़ा रहे हैं। उन्होंने इस विषय पर जोर दिया कि आत्मनिर्भर भारत की शुरूआत आत्मनिर्भर हरियाणा की सफलता के साथ भारत वर्ष में सबसे पहले होगी। उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था के स्वदेशी मॉडल को आज के समय की जरूरत बताया। उन्होंने गरीबी रेखा से हर व्यक्ति को ऊपर उठाने के लिए भारतीय स्वदेशी मॉडल को समय की मांग बताया। उन्होंने कहा कि भारत की नई शिक्षा नीति को विश्व को स्व की ओर ले जाने वाली है।
उन्होंने कहा कि हमारे देश के नीति-निर्माता लगातार अर्थव्यवस्था को बेहतर करने के लिए धरातल पर तरह-तरह के प्रयास कर रहे हैं। 12 मई को प्रधानमंत्री मोदी ने अपने राष्ट्र के नाम संबोधन में देश की आम जनता से कहा था कि संकट के इस दौर में “लोकल“ ने ही हमें बचाया है, स्थानीय स्तर पर निर्मित उत्पादों ने ही हमें आगे बढ़ने का रास्ता दिखाया है, हमें इसे ही अपने आत्मनिर्भर बनने का मंत्र बनाना चाहिये, अपने संबोधन में उन्होंने पहली बार “लोकल फॉर वोकल“ का एक नया नारा भी देश की सम्मानित जनता को दिया था।
उन्होंने कहा कि हमें सीखते हुए अर्थात् विद्यार्थी जीवन में ही कुछ कमाई करनी चाहिए जितनी जल्दी हम कमाना सिखेंगे उतना ही हममें आत्मविश्वास आएगा और हम आत्मनिर्भर बनेंगे। हमें रोजगार मांगने वाला नहीं बल्कि रोजगार देने वाला बनना चाहिए। हमें यदि जीवन में कुछ करना है तो हमें नया व बड़ा सोचने की जरूरत है। उन्होंने मेहनत करने, जोखिम लेने वाला नई टैक्नालॉजी व नेशन फर्स्ट, स्वदेशी मस्ट की धारणा को जीवन में अपनाने पर जोर दिया।
कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर सोमनाथ सचदेवा ने कहा कि युवाओं में स्वदेशी स्वावलम्बन का स्वभाव जागृत करना व गरीबी मुक्त एवं सम्पूर्ण रोजगारयुक्त हरियाणा बनाने के लिए हमें धरातल पर कार्य करना होगा और रोजगार केन्द्रित शिक्षा एवं नीतियां बनानी होगी। हमारी नीतियों में विद्यार्थियों को रोजगार की वास्तविक स्थिति का पता होना भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि हरियाणा राज्य के माननीय मुख्यमंत्री मनोहर लाल के निर्देशन में हरियाणा से गरीबी हटाने व आत्मनिर्भर हरियाणा के लिए सरकारी योजनाओं के क्रियान्वन के लिए विशेष कार्यशालाएं एवं जागरूकता अभियान चलाए गए हैं। कृषि क्षेत्र व अव्यवस्थित क्षेत्रों में स्वरोजगार से नए अवसरों को पीढ़ियों तक निश्चित किया जा सकता है।
कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा ने बताया कि युवाओं को रोजगार मिले, बेराजगारी की समस्या का समाधान हो इसके लिए विश्वविद्यालय में सेंटर फार ट्रैनिंग, इंटर्नशिप तथा एम्पलायमेंट का गठन किया है। राज्य के सभी विश्वविद्यालयों में आत्मनिर्भर अभियान चलाया गया है ताकि युवाओं को रोजगार मिल सके। कुलपति ने कहा कि मार्च 2020 में कोविड की विषम परिस्थितियों में भारत के शीर्ष नेतृत्व ने आत्मनिर्भर भारत का नारा देकर जन-जागरण का कार्य किया। भारत ने मास्क, पीपीई किट, वैक्सीन, सेनिटाईजर व वेंटीलेटर उपकरण न केवल अपने देश के लिए बनाकर समाज हित का कार्य किया बल्कि विदेशों में भी उपलब्ध करवाकर मानवता के कल्याण का कार्य किया।
उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय समाज का मजबूत स्तंभ है, इसमें भागीदारी करें। किसी भी चीज को प्रभावशाली बनाने के लिए समाज की सहभागिता जरूरी है। उन्होंने कहा कि युवाओं को शिक्षा के साथ स्वरोजगार परक बनाने का मूल मंत्र नई शिक्षा नीति 2020 में निहित है। उन्होंने गरीबी मुक्त हरियाणा, रोजगार युक्त हरियाणा की बात कही व कहा कि धरातल पर जिले को केन्द्र में रखते हुए उसकी क्षमताओं का उपयोग करके रोजगार कैसे उत्पन्न करें इसके लिए टोलियों का गठन किया गया है। मंच का संचालन डॉ. गुरचरण सिंह ने किया। प्रो. डीएस राणा ने अतिथियों का स्वागत किया। प्रो. अनिल वशिष्ठ ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस मौके पर कुलसचिव डॉ. संजीव शर्मा, आयुष विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ. बलदेव धीमान, छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. अनिल वशिष्ठ, एनएसएस कोर्डिनेटर व चीफ वार्डन प्रो. डीएस राणा व एनएसएस के राज्य संयोजक डॉ. भगत सिंह व विश्वविद्यालय के संकाय अधिष्ठाता, विभागाध्यक्ष, निदेशक, शिक्षक, शोधार्थी, एनएसएस स्वयं सेवक व कर्मचारी मौजूद थे।

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