हमारी नदियां, हमारी संस्कृति” विषय पर अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार सम्पन्न

रिपोर्ट पदमाकर पाठक

“हमारी नदियां, हमारी संस्कृति” विषय पर अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार सम्पन्न।

विश्व नदी दिवस पर हुआ अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार

आजमगढ़। लोक दायित्व के तत्वावधान में विश्व नदी दिवस पर अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन संगोष्ठी का आयोजन किया गया। संगोष्ठी का विषय हमारी नदियां हमारी संस्कृति था।
कार्यक्रम में देश के अन्य प्रांतों सहित नेपाल और भूटान से भी नदियों तथा पर्यवरण पर कार्य करने वालों ने हिस्सा लिया।
विषय प्रवर्तन करते हुए मूल सरयू बचाओ अभियान के संयोजक पवन ने कहा कि नदियो को बचाने के लिए हमें अपने परंपरागत ज्ञान और आधुनिक विज्ञान दोनों को लेकर चलना होगा। यह समस्या आज की नहीं है, वैदिक काल के ऋषियों से लेकर आज तक के ऋषियों की चिंता का विषय हैं नदियां। मुख्य वक्ता राजर्षि गांगेय हंस ने वैदिक काल से वर्तमान तक नदियों की समस्या तथा समाधान पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि वैदिक काल में नदियों के प्रवाह को रोकने वाला असुर कहा गया है। भारतीय संस्कृति नदियों की संस्कृति रही है। वैदिक सभ्यता नदियों के किनारे ही पुष्पित पल्लवित हुई है। डॉ दुर्गा प्रसाद अस्थाना ने अपने संबोधन में कहा की जल ही जीवन है। आजमगढ़ की नदियों पर लोक दायित्व के नेतृत्व में चल रहा शोध कार्य आने वाले समय में छोटी नदियों के लिए वरदान साबित होगा।
विशेषज्ञ अतिथि भूगर्भशास्त्री डॉ प्रफुल्ल सिंह ने कहा की आज भूजल स्तर नीचे गिर रहा है, जिसका प्रमुख कारण भूजल भरण में आ रही कमी है। पर्याप्त मात्रा में जल भरण नही हो पाने से भूजल केंद्र बिखर जा रहे हैं।
मूल सरयू बचाओ अभियान के माध्यम से फिर से लोक जुड़ाव के सिलसिले को आगे बढ़ाना है।
अतिथि विक्रम यादव, संयोजक- कमला बचाओ अभियान, नेपाल राष्ट्र ने नेपाल की नदी कमला के अनुभव को साझा किया। बताया की नदिया और संस्कृति भारत और नेपाल की एक ही है।स्वागत कथन- डॉक्टर संजय सिंह लोक दायित्व के प्रदेश अध्यक्ष ने किया। साथ ही उन्होंने लोक दायित्व द्वारा नदियों और पर्यावरण पर किये जा रहे कार्यों पर प्रकाश डाला। डॉक्टर दिग्विजय सिंह राठौर ने अपने संबोधन में कहा की नदियों को सूखने से बचाने के लिए समाज को आगे आना होगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ दुर्गा प्रसाद अस्थाना, पूर्व प्राचार्य माल टारी ने किया। संचालन- डॉ घनश्याम दूबे, असिस्टेंट प्रोफेसर, DCSK मऊ ने किया। तकनीकी सहयोग डॉ शशांक पांडेय एवं दिवाकर मौर्य ने किया। धन्यवाद और आभार ज्ञापन डा अखिलेश तिवारी प्राचार्य केशव माधव बैजनाथ पीजी कॉलेज मऊ ने किया। इस अवसर पर डॉक्टर विजय, डॉक्टर संतन गाजीपुर, डॉक्टर प्रदीप राय मालटारी, मनोज सिंह अधिवक्ता, राजदेव चौहान, रुद्रप्रताप सिंह, उर्वशी क्षेत्रीय, डॉक्टर रजत गौतम हिमांचल प्रदेश, कृष्ण कुमार मधुकर, कंचन यादव, स्वपनिल, ठाकुर कुश, सर्वजीत, शिव प्रताप, बिरजेश, विजय, संतोष, प्रमोद मिश्रा, महर्षि पांडे, डॉक्टर विद्यानाथ झा, अविष्कार, अरुण सिंह, अखिलेश कोहली, अमलेश, आदि जुड़े रहे।

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