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मां -बाप का फर्ज है संतान को संस्कार देना, कन्यादान के बाद बेटी ससुराल पक्ष की हो जाती है : महंत राजेंद्र पुरी।
हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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परिवार के प्रति जिम्मेदारियों की बात हर मां- बाप को बेटियों को समझानी चाहिए महंत राजेंद्र पुरी।
कुरुक्षेत्र, 8 जनवरी : जग ज्योति दरबार में महंत राजेंद्र पुरी ने श्रद्धालुओं को सत्संग ने संदेश देते हुए कहा कि भारत देश संस्कार और धर्म को मानने वाला देश है। हर मां- बाप को अपने बच्चों को अच्छे संस्कार देने चाहिएं। बच्चों को अपने रीति-रिवाज, अपनी भारतीय संस्कृति के बारे तथा अपने धर्म के बारे जानकारी देनी चाहिए। महंत ने कहा कि आज हमारे समाज की सबसे विडंबना है कि शादीशुदा घर खराब होने तथा तलाक होने मामले देश में बढ़ते जा रहे हैं। जिसका मुख्य कारण मां बाप भी हैं। बेटी की शादी करना हर मां बाप का सपना तो होता ही है परंतु हमारे संस्कारों के हिसाब से बेटी का विवाह करना कन्या दान माना जाता है। जिस कन्या का दान कर दिया, उसपर हक ससुराल पक्ष का हो जाता है। मां बाप उस पवित्र बंधन को निभाने का हर संभव कोशिश प्रयास करना चाहिए। परंतु बेटी के वैवाहिक जीवन में दखल अंदाजी नहीं करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि बेटियों को शिक्षा देनी चाहिए कि विवाह के उपरांत ससुराल ही घर होता है। ऐसा करने से हमारे समाज में तलाक के मामले कम होंगे और समाज में सुख शांति रहेगी। महंत ने बताया कि हमारा समाज अपने संस्कार भूलता जा रहा है, कुछ ऐसे रिश्ते नाते जिनके बिना परिवार अधूरा माना जाता है धीरे धीरे खत्म होते जा रहे है। चाचा-चाची, बुआ-फूफा, मौसा-मौसी इत्यादि के बारे में आने वाले समय में बच्चों को रिश्तों के बारे जानकारी ही नहीं रहेगी। इसके अलावा महंत ने संदेश देते हुए कहा कि हमें अपने धर्म की पालना भी करनी चाहिए और धर्म रक्षा के लिए हर इंसान को अपनी नेक कमाई में भगवान का हिस्सा निकालना आज से ही शुरू कर देना चाहिए। जरूरत पड़ने पर किसी भी धार्मिक कार्य हेतु या जरूरतमंद की सहायता के लिए दान कर देना चाहिए। ऐसा करने से हमें आत्मिक सुख के साथ हमारा धर्म में हिस्सा बनता जायेगा।
जग ज्योति दरबार में महंत राजेंद्र पुरी तथा मौजूद संगत।