श्री जयराम विद्यापीठ में गीता जयंती महोत्सव 2025 के लिए भूमि पूजन,आस्था व विश्वास का खूंटा गाढ़ परम्परा अवसर पर पहुंचे जगद गुरु शंकराचार्य विधु शेखर भारती महाराज

श्री जयराम विद्यापीठ में गीता जयंती महोत्सव 2025 के लिए भूमि पूजन,आस्था व विश्वास का खूंटा गाढ़ परम्परा अवसर पर पहुंचे जगद गुरु शंकराचार्य विधु शेखर भारती महाराज

हरियाणा संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
पूरे विश्व को श्रेष्ठ मार्ग दिखाने वाला ग्रंथ है गीता, श्रीमद्भगवद्गीता दुनिया का एकमात्र ऐसा ग्रंथ है जिसकी जयंती मनाई जाती है : जगद गुरु शंकराचार्य विधु शेखर भारती महाराज।

श्री जयराम विद्यापीठ में अनेक संतों की मौजूदगी में हुआ गीता जयंती महोत्सव 2025 के लिए विधिवत भूमि पूजन।

कुरुक्षेत्र, 11 नवम्बर : पिछले करीब चार दशकों से चली आ रही परम्परा अनुसार कुरुक्षेत्र ब्रह्मसरोवर के तट पर श्री जयराम विद्यापीठ में गीता जयंती महोत्सव 2025 के लिए मंगलवार को श्री शारदा पीठ श्रृंगेरी के अनंत श्री विभूषित जगद गुरु शंकराचार्य विधु शेखर भारती महाराज के सान्निध्य में आस्था व विश्वास का खूंटा गाढ़ने की विधिवत परम्परा सम्पन्न हुई। खूंटा गाढ़ने की परम्परा से पूर्व जगद गुरु शंकराचार्य विधु शेखर भारती महाराज ने श्री जयराम विद्यापीठ में स्थित श्री रामेश्वर महादेव मंदिर में विश्व के दुर्लभ स्फटिक मणि शिवलिंग पर पूजा अर्चना कर पुष्प अर्पित किए। इस मौके पर देशभर में संचालित श्री जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी, स्थानीय विधायक अशोक अरोड़ा एवं विद्यापीठ के ट्रस्टियों ने शंकराचार्य विधु शेखर भारती महाराज का विद्यापीठ में पहुंचने पर मंत्रोच्चारण के बीच स्वागत किया। इस अवसर पर महंत श्री बंसी पुरी, महंत महेश मुनि, महंत लक्ष्मी नारायण पुरी, मुख्य सुचना आयुक्त टीवीएसएन प्रसाद, स्वामी सम्पूर्णानंद महाराज, वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक, विधायक अशोक अरोड़ा, पूर्व मंत्री सुभाष सुधा एवं ट्रस्टी भी मौजूद रहे। ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने शंकराचार्य विधु शेखर भारती महाराज के विद्यापीठ में गीता जयंती शुभारम्भ के लिए भूमि पूजन एवं खूंटा गाढ़ परम्परा अवसर पर पहुंचने के लिए स्वागत किया। उन्होंने कहा कि भगवान के आगमन से पूर्व प्रकाश होता है तो हमारे लिए अच्छे लक्षण है कि गीता जयंती के लिए भूमि पूजन अवसर पर विद्यापीठ में जगद गुरु शंकराचार्य विधु शेखर भारती महाराज का आगमन हुआ है। उन्होंने बताया कि आज जहां गीता जयंती 2025 के शुभारम्भ अवसर पर जगद गुरु शंकराचार्य विधु शेखर भारती महाराज का आगमन हुआ है। इससे पहले 1994 में विद्यापीठ में इनके गुरु जगद गुरु भारती तीर्थ महाराज का आगमन हुआ था। इस अवसर पर जगद गुरु शंकराचार्य विधु शेखर भारती महाराज ने अपने शुभ आशीर्वाद के साथ कहा कि कुरुक्षेत्र जैसी धरती पर ही भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन के माध्यम से पूरे विश्व को गीता का संदेश दिया। उन्होंने कहा कि पूरे संसार को श्रेष्ठ मार्ग दिखाने वाला ग्रंथ गीता है। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भगवद्गीता दुनिया का एकमात्र ऐसा ग्रंथ है जिसकी जयंती मनाई जाती है। गीता को प्रतिदिन पढ़ना चाहिए। गीता अनुसरण कर ही मानव श्रेष्ठ बन सकता है। महंत श्री बंसी पुरी ने भी जगद गुरु शंकराचार्य विधु शेखर भारती महाराज का आभार व्यक्त किया। इससे पूर्व परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने विद्यापीठ की मुख्य यज्ञ शाला में संत महापुरुषों, विद्वानों एवं ब्रह्मचारियों के साथ गीता जयंती महोत्सव 2025 के लिए सभी देवी देवताओं एवं भगवान श्री राम के परम भक्त वीर हनुमान का आहवान कर पूजा अर्चना करते हुए गीता जयंती महोत्सव 2025 का शुभारम्भ किया। श्री जयराम संस्थाओं के परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरुप ब्रह्मचारी ने कहा कि भारतीय संस्कृति व परम्परा के अनुसार धार्मिक आयोजन संतों महापुरुषों के द्वारा ही होते हैं। उन्होंने कहा कि जहां भगवान श्री राम के परम भक्त वीर हनुमान विराजमान हों, धर्म की भावना और विश्वास होता है। परमाध्यक्ष ब्रह्मस्वरूप ब्रह्मचारी ने कहा कि कुरुक्षेत्र तो भगवान श्री कृष्ण के श्री मुख से उत्पन्न पावन गीता की जन्मस्थली एवं कर्म भूमि है। ऐसे गीता जयंती उत्सव के अवसर पर आस्था, श्रद्धा एवं समर्पण भाव होना चाहिए। ब्रह्मचारी ने कहा कि वे तो सेवक के रूप में गुरु परम्परा के अनुसार संतों की सेवा कर रहे हैं। गीता जयंती महोत्सव तो पूरे समाज का सांझा अनुष्ठान है। उन्होंने कहा कि यह सेवा संस्कार की भावना गुरुओं की प्रेरणा एवं संत महापुरुषों की सेवा से मिली है।
इस अवसर पर गणमान्यजन एवं श्रद्धालु भी उपस्थित रहे।
श्री जयराम विद्यापीठ के रामेश्वर महादेव मंदिर में पूजन अवसर पर जगद गुरु शंकराचार्य विधु शेखर भारती महाराज व अन्य। विद्यापीठ में भूमि पूजन उपरांत खूंटा गाढ़ परम्परा अवसर पर जगद गुरु शंकराचार्य विधु शेखर भारती महाराज व अन्य संत।




