भाजपा सरकार में ब्राह्मणों का हो रहा उत्पीड़न सबसे अधिक हुई ब्राह्मणों की हत्या-राष्ट्रीय महस्चुव बसपा
जालौन प्रदेश जनपद जालौन की मुख्यालय उरई में आज बसपा के तत्वावधान में प्रबुद्व वर्ग के सम्मान, सुरक्षा, तरक्की को लेकर आयोजित गोष्ठी के माध्यम से बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश मिश्रा ने ब्राह्मण समाज के ऊपर डोरे डालने का हर संभव प्रयास किया। सपा और भाजपा उनके निशाने पर रही। उन्होंने सबसे पहले समाज के लोगों को विधानसभा में जीत का गणित समझाया और फिर पूर्व की सपा सरकार और मौजूदा भाजपा सरकार में प्रदेश में हुई ब्राम्हणों के साथ घटित घटनाओं का एक-एक कर जिक्र किया। उन्होंने बिकरू प्रकरण का जिक्र किया। कहा कि दो दिन पहले ब्याह कर आई खुशी दुबे को भी नहीं बख्शा गया। अपराधी बनाकर उसे भी जेल के सलाखों के पीछे भेज दिया। लखनऊ में सरेआम समाज के तीन लोगों को गोलियों से भून दिया गया। वर्ष 2022 में ब्राम्हण समाज उत्पीड़न का जबाव देगा। 1630077827013828-1 शुक्रवार को शहर के जानकी पैलेस में बसपा के तत्वावधान में प्रबुद्व वर्ग के सम्मान, सुरक्षा, तरक्की को लेकर गोष्ठी आयोजित हुई। गोष्ठी को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि बसपा के राष्ट्रीय महासचिव सतीश चंद्र मिश्रा ने वर्ष 2005 की यादें ताजा की। कहा उस समय बसपा से ब्राम्हणों को जोड़ने का काम किया था और एक कार्यक्रम में बहिन मायावती को स्मृति चिन्ह भेंट किया था तो उस समय उन्होंने नारा दिया था कि ये हाथी नहीं गणेश है, ब्रम्हा, विष्णु, महेश है। इसके प्रदेश में वर्ष 2007 में वह मुख्यमंत्री बनी। जब सरकार बनी तो मुख्यमंत्री बहन मायावती ने सबसे अधिक सम्मान ब्राह्मणों को दिया। प्रमुख पदों पर ब्राह्मण समाज के लोग बैठाए थे। कैबिनेट में भी सबसे अधिक संख्या ब्राह्मण समाज की थी। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सरकारी आंकड़े भले ही 13 फीसदी ब्राह्मण समाज के दर्ज हो लेकिन हकीकत में 16 फीसदी ब्राह्मण हैं 23 फीसदी दलित समाज हैं और यह आपसी भाई चारा जीतने के लिए अहिम हैं