खुद की परवाह न करके जीवन हमारा संभालते है
खुद को धूप में तपाकर छाव हमे दिलाते है ।
हमे सफलता देने को किसी हद तक जा सकते है
पिता है जनाब कुछ भी करके दिखा सकते है ।।
हमारी शान बनाने के लिए दुनिया से लड़ जाते है
गलती होने पर अनदेखी कर पर्दा सा डाल जाते है ।
ढाल की तरह साथ रहकर दुनिया से बचाते है
पिता है जनाब कुछ भी करके दिखा सकते है ।।
हमे सफल बनाने के लिए खुद काटो पर चल जाते है
जीवन के राह दिखाने को खुद के सपनो को दफनाते है ।
राह न पता होने पर राहगीर से बन जाते है
पिता है जनाब कुछ भी करके दिखा सकते है ।।
हमारी शान बनाने को खुद ही हार मान जाते है
अपनी आँखों से ख़्वाब जब हमे दिखाते है ।
अपने जीवन की सारी पहचान हमे दे जाते है
पिता है जनाब कुछ भी करके दिखा सकते है ।।
सर्व दाता पिता के चरणों मे कोटि कोई प्रणाम करना चाहते है
जीवन मिले तो दुबारा साथ आपके रहना चाहते है ।
ऐ पिता हम आपके लाडले हमेशा रहना चाहते है
हम दुनिया की नही बस आपकी छांव में रहना चाहते है ।।
प्रशान्त पाठक संबाददाता कन्नौज