शिव विवाह की कथा सुनना बड़ा ही पुण्यदाई होता है =नीलमणि शास्त्री

सगड़ी ( आजमगढ़): सगड़ी तहसील के मिश्रपुर लाटघाट में चल रहे शतचंडी महायज्ञ में रविवार को शिव विवाह की महिमा का वर्णन करते हुए नीलमणि शास्त्री ने कहा कि शिव विवाह का श्रवण सब तरह से फलदाई होता है। शिव भक्तों को यह कथा रोमांचित और आनंदित भी करती है। भोलेनाथ की बरात का वर्णन करते हुए नीलमणि शास्त्री ने कहा कि शिवजी जब बरात लेकर चलने लगे तो उनकी बरात में भूत-प्रेत,बेताल सब मगन होकर नाच रहे थे। भगवान शिव स्वयं नंदी पर विराजमान थे और गले में नाग की माला धारण किए हुए थे, साथ में भगवान विष्णु और ब्रह्माजी भी देवताओं की टोली लेकर चल रहे थे। त्रिलोक शिव विवाह के आनंद से मगन हो रहा था। हर तरफ शिवजी के जयकारे लग रहे थे। बरात नगर भ्रमण करते हुए देवी पार्वती के पिता राजा हिमाचल के द्वार पहुंची। द्वार पूजा के समय परीक्षन करने आई महिलाएं उनका स्वरूप देखकर डर कर भाग चली। उनकी सास मैना देवी बेहोश हो गई। कथा पीठ पर ही उन्होंने शिव पार्वती विवाह का मथुरा से आए कलाकारों द्वारा मंचन भी कराया। श्रद्धालुओं ने इस दृश्य का खूब आनंद लिया। यज्ञ के आयोजक ब्लॉक प्रमुख प्रतिनिधि मनीष कुमार मिश्रा ने कथा में पधारे श्रद्धालुओं को अंग वस्त्र देकर सम्मानित किया। भाजपा के वरिष्ठ नेता घनश्याम पटेल, विशाल गुप्ता, प्रेम प्रकाश यादव, रमेश यादव, महात्मा राय, डबलू मिश्रा, टप्पू सिंह आदि लोगों ने भगवान भोलेनाथ की आरती उतारी और कथावाचक नीलमणि शास्त्री को माला अर्पित कर सम्मानित किया।