अयोध्या नगरी में 6 करोड़ साल पुराने शालिग्राम पत्थर से बनेंगी भगवान राम की मूर्ति।
सेंट्रल डेस्क संपादक – वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
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श्री राम की जन्मभूमि धर्मनगरी अयोध्या में हुआ शिलाओं का भव्य स्वागत।
धर्मप्रेमियों एवं षडदर्शन साधुसमाज में खुशी की लहर।
उत्तरप्रदेश अयोध्या : भगवान श्री राम के भक्तों के लिए प्रसन्नता का माहौल है। 373 किलोमीटर और 7 दिन का सफर तय करने के बाद के बाद दो विशाल शालिग्राम शिलाएं धर्मनगरी अयोध्या (अवध पुरी) पहुंच गई हैं। इसी 6 करोड़ साल पुराने शालिग्राम पत्थर से भगवान श्री राम और माता सीता की मूर्ति बनेगी, जो श्री राम दरबार में स्थापित होगी। जैसे ही शालिग्राम शिला धर्मनगरी अयोध्या पहुंची श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय के साथ ट्रस्टी डॉ. अनिल मिश्र, निवर्तमान महापौर ऋषिकेश उपाध्याय सहित अन्य भाजपा नेताओं एवं आमजन ने पुष्प वर्षा कर जोरदार स्वागत किया।
आज सुबह रामसेवक पुरम में 51 वैदिक ब्राह्मणों ने शालिग्राम शिलाओं का पूजन कराया। इसके बाद नेपाल के पूर्व उपप्रधानमंत्री विमलेंद्र निधि और जानकी मंदिर के महंत तपेश्वर दास ने चंपत राय को शालिग्राम शिलाएं सौंप दी। रामनगरी पहुंची शिलाओं को देखने के लिए हजारों की संख्या में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी सैकड़ों गाड़ियों के काफिले के साथ नाचते भक्तों की भीड़ व जय श्रीराम के उद्घोष के बीच शालिग्राम शिलाएं रामसेवक पुरम कार्यशाला पहुंचीं, जहां अयोध्या तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष गोविंद देव गिरी, सृष्टि महंत देवेंद्र दास ने शिलाओं पर पुष्प वर्षा कर स्वागत किया।