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महाशिवरात्रि पर महंत जगन्नाथ पुरी कर रहे है महामृत्युंजय मंत्र जाप

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।

महाशिवरात्रि पर महामृत्युंजय मंत्र का जप करना मोक्ष फलदायी है : महंत जगन्नाथ पुरी।

कुरुक्षेत्र, 24 फरवरी : अखिल भारतीय श्री मारकंडेश्वर जनसेवा ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत जगन्नाथ पुरी द्वारा संत महापुरुषों के साथ सर्वकल्याण की भावना से महाशिवरात्रि के महापर्व पर सवा लाख महामृत्युंजय मंत्रों का जाप किया जा रहा है। महाशिवरात्रि पर महंत जगन्ननाथ पुरी ने सवा लाख महामृत्युंजय मंत्रों के जप के लिए एकांतवास का संकल्प भी लिया। उन्होंने सवा लाख महामृत्युंजय मंत्रों का जाप प्रारंभ करने से पूर्व बताया कि पूरे देश में महाशिवरात्रि के पर्व के कार्यक्रम शुरू हो चुके हैं। ऐसे भगवान भोलेनाथ के भक्तों की धूम है। महंत जगनाथ पुरी ने कहा कि महाशिवरात्रि पर महामृत्युंजय मंत्र का जप करना उतना ही फलदायी माना गया है, जितना शिवजी का रुद्राभिषेक करना। भगवान शिवजी की आराधना महामृत्युंजय मंत्र के बिना अधूरी मानी जाती है। यह मंत्र अकाल मृत्यु के भय से मुक्ति दिलाता है और सभी रोगों को सही भी करता है। महंत जगन्नाथ पुरी ने कहा कि शिव पुराण में बताया गया है कि अगर कोई भक्त महाशिवरात्रि पर महामृत्युंजय मंत्र को पांच लाख बार जप कर लेता है तो उसको शिव साक्षात दर्शन हो जाते हैं। महामृत्युंजय मंत्र का जाप करने से शारीरिक शुद्धि होती है और रोग दोष दूर होते हैं। महामृत्युंजय मंत्र मोक्ष मंत्र है। इसी के साथ सोमवार को विजया एकादशी के अवसर पर स्वामी पृथ्वी पुरी द्वारा पूजा की गई। उन्होंने बताया कि विजया एकादशी की पूजा से आध्यात्मिक साधना की प्राप्ति होती है। विशेषकर साधना, ध्यान और सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा प्राप्त होती है। विजया एकादशी का पर्व जीवन को आध्यात्मिक दृष्टि से समृद्ध बनाने के साथ-साथ धार्मिक और सामाजिक कार्यों में सच्ची विजय प्राप्त करने का मार्ग भी प्रशस्त करता है।
महंत जगन्नाथ पुरी पूजन करते हुए।

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