मानव जीवन में मिली देह को कल्याण के कार्यों में लगाना चाहिए : महंत राजेंद्र पुरी

वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
मनुष्य जीवन में मिली देह देवताओं को भी दुर्लभ है।
कुरुक्षेत्र, 2 मार्च : जग ज्योति दरबार में महंत राजेंद्र पुरी ने रविवार को कहा कि धरती पर मिला मनुष्य जीवन बहुत ही अनमोल है। इस मनुष्य जीवन को कल्याण के कार्यों में लगाना चाहिए। क्षणिक सुखों के लिए जीवन को व्यर्थ नहीं करना चाहिए। उन्होंने कहा कि सबसे पहले मनुष्य जीवन के उद्देश्य एवं महत्व को जानना चाहिए। महंत राजेंद्र पुरी ने कहा कि शास्त्रों में भी बताया गया है कि यह मानव देह देवताओं को भी दुर्लभ है और ऐसी दुर्लभ देह पाकर, इस मानव देह के छूटने के पहले ही भगवान की भक्ति करके उनका दर्शन प्राप्त कर लो। उन्होंने कहा कि अन्यथा करोड़ों करोड़ों कल्पों तक कूकर, शूकर, कीट पतंग आदि योनियों में भ्रमण करना पड़ेगा। शास्त्रों के अनुसार भगवान की भक्ति करने में तथा उनका स्मरण करने में मनुष्य का कुछ भी धन खर्च नहीं होता है क्योंकि भगवान इस संसार के कण कण में विद्यमान हैं। बस हमें उनका स्मरण करते रहना है। गीता में भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन से कहा है कि अर्जुन मैं अत्यंत ही सुलभ हूं बस निरंतर मेरा स्मरण करने मात्र से मैं मिल जाता हूं। अर्जुन मैं स्वयं अपने भक्तों का योग क्षेम वहन करता हूं, मैं स्वयं करता हूं किसी दूसरे को यह जिम्मेदारी नहीं सौपता। जो तुझ को मिलना चाहिए वह मैं दे देता हूं और जो मिला हुआ है उसकी रक्षा करता हूं। कोई तुझसे छीनने न पाये। भगवान श्रीकृष्ण ने इतनी बड़ी बात कही है। संसार में कोई भी ऐसा नहीं कर सकता है जैसा भगवान श्रीकृष्ण ने कहा है। क्योंकि भगवान श्रीकृष्ण, सर्वसमर्थ, सर्वेश्वर, सर्वव्यापक, सर्वनियन्ता, सर्वसाक्षी इत्यादि दिव्य गुणों से युक्त हैं। इस मौके पर मनोहर लाल ग्रोवर, सीमा ग्रोवर, अंजू बाला, जयंत कुमार, मनोज शर्मा, ओम प्रकाश, अजय राठी, विजय राठी एवं मनप्रीत सिंह इत्यादि भी मौजूद रहे।
श्रद्धालुओं के साथ महंत राजेंद्र पुरी।