Uncategorized

कुरुक्षेत्र में मास्टरजी का आह्वान : युवा जागृति और गीता ज्ञान का संगम

कुरुक्षेत्र, वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक 27 नवंबर : पवित्र कुरुक्षेत्र आज एक विशेष आध्यात्मिक ऊर्जा से गूँज उठा जब प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु मास्टरजी यहाँ आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करने पहुँचे। उनका आगमन इंटरनेशनल गीता महोत्सव में बढ़ रही आध्यात्मिक चेतना को और गहरा करता है, जहाँ वे गीता-आधारित जागृति, जीवन-दर्शन और आंतरिक शांति के संदेश को जन-जन तक पहुँचा रहे हैं।
इस वर्ष कुरुक्षेत्र में मास्टरजी युवाओं और श्रीमद्भगवद्गीता के ज्ञान का एक अनूठा संगम कराने का विशेष प्रयास कर रहे हैं। आज का युवा वर्ग अवसाद, तनाव और नशे की प्रवृत्तियों से जूझ रहा है, और ऐसे समय में गीता का सार उनके लिए दिशा, स्थिरता और आंतरिक शक्ति का स्रोत बन सकता है। मास्टरजी ने कहा कि “भगवद्गीता सिर्फ़ पढ़नी नहीं—समझनी है। तभी जीवन का सच्चा उद्धार होता है ।”
इंटरनेशनल गीता महोत्सव में ब्रह्मसरोवर के तट स्थित स्टॉल 646 एवं सुकन्या घाट पर श्रद्धालुओं की निरंतर भीड़ उमड़ रही है, जहाँ मास्टरजी की वाणी सुनने व जीवन के गहरे प्रश्नों के उत्तर खोजने के लिए लोग उत्सुक हैं। उनके अनुयायी आने वाले लोगों को गीता के सार और जागरूकता की शक्ति से परिचित करा रहे हैं। नियमित रूप से वाणी को ध्यानपूर्वक सुनने से मन शांत होता है, जागरूकता बढ़ती है और व्यक्ति कृतज्ञता एवं संतोष के साथ जीवन जीने लगता है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में मास्टरजी ने विशेष रूप से युवाओं में बढ़ती मानसिक स्वास्थ्य चुनौतियों – तनाव, चिंता, अवसाद, नींद की समस्याएँ, आत्मघाती विचार और नशे की लत – को गहराई से समझने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा: “जब हम आत्मा और जीवन के गहरे ज्ञान को समझ लेते हैं, तब हम अपने सच्चे स्व से जुड़ते हैं। यही जुड़ाव हमें हर परिस्थिति को स्वीकार करने की शक्ति देता है – और यही स्वीकार्यता धीरे-धीरे हमें मानसिक शांति और आंतरिक रूपांतरण की ओर ले जाती है। मास्टरजी को 2007 में आत्मबोध हुआ यानी गीता का दर्शन हुआ और पिछले 18 वर्षों में उन्होंने अपने अनुभवों को लाखों लोगों के साथ एक-एक करके, यानी व्यक्तिगत रूप से साझा किया है बिना किसी सार्वजनिक या सोशल मीडिया मंच पर आए। उन्होंने देखा कि 10 वर्ष के बच्चे से लेकर 80 वर्ष की दादी तक चार पीढ़ियाँ एक साथ आनंद और शांति का अनुभव करती हैं।
इसी अनुभूति के आधार पर दिसंबर 2023 में उन्होंने अपने ज्ञान को विश्व के स्तर पर पहुँचाने का निर्णय लिया और “मास्टरजी” के नाम से सभी सार्वजनिक मंचों व सोशल मीडिया पर आए। उन्होंने “मिशन 800 करोड़” की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य है—दुनिया के अंतिम व्यक्ति तक जागृति और खुशी पहुँचाना। उनका सूत्र वाक्य है: “हैप्पीनेस गैरंटीड – मौज की गारंटी। ” सार्वजनिक रूप से कार्य शुरू करने के बाद से मास्टरजी अब तक 250 से अधिक प्रभावशाली कार्यक्रम कर चुके हैं, जिन्होंने समाज के विभिन्न क्षेत्रों में सकारात्मक परिवर्तन की लहर उत्पन्न की है। जैसा कि वे कहते हैं: “रोज़ की एक वाणी रखे दुखों से दूर।”मास्टरजी की सभी प्रेरणादायी ‘वाणी’ उनके यू ट्यूब चैनल “मास्टरजी” पर निःशुल्क उपलब्ध हैं।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button
plz call me jitendra patel