माधोपुर महोत्सव में नाम उपनिषद् की रचना हुई: समर्थगुरु सिद्धार्थ औलिया

माधोपुर महोत्सव में नाम उपनिषद् की रचना हुई: समर्थगुरु सिद्धार्थ औलिया।
वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक।
कुरुक्षेत्र : समर्थगुरु संघ, हिमाचल प्रदेश के स्टेट कोऑर्डिनेटर आचार्य कुंजबिहारी ने जानकारी देते हुए बताया कि 14-20 अप्रैल 2025 को माधोपुर महोत्सव रावी नदी के किनारे समर्थगुरु धाम माधोपुर आश्रम में बड़ी धूमधाम से विभिन्न राज्यों से आए लगभग 300 साधकों के साथ मनाया गया।
समर्थगुरु धाम मुरथल के केंद्रीय संयोजक आचार्य दर्शन ने बताया कि माधोपुर महोत्सव में ‘नाम उपनिषद्’ की दिव्य चर्चा हुई। यह आध्यात्मिक उपनिषद् बहुत ही अमूल्य रहा।
जिसमें आदरणीय समर्थगुरु सिद्धार्थ औलिया ने साधकों को कुण्डलिनी सिद्धि के गहरे रहस्यों और सूत्रों से परिचित करवाया।
सभी साधकों ने हर्ष और आनंद के साथ उत्सव मनाया। यह महोत्सव हर साधक के लिए आत्मिक उन्नयन का अद्वितीय अवसर रहा। समर्थगुरू धाम पंजाब के कोऑर्डिनेटर आचार्य मुनीश, आचार्य गोपाल,आचार्य मस्ताना ,आचार्य कुलदीप, हरियाणा के कोऑर्डिनेटर आचार्य सुभाष, संदीप नैन और राजू स्वामी और सच्ची मीराबाई जी का अद्भुत अनुभव रहा।
समर्थगुरू संघ हिमाचल के जोनल कोऑर्डिनेटर डॉ. मिश्रा ने बताया कि परमात्मा की अति कृपा से ही सच्चे साधक के जीवन में ही समर्थगुरु आते है ।
परमात्मा के नाम से जोड़ते है। साधना करवाते है। साधना में साधक को अनुभव होता है और उसका श्रद्धा और प्रेम अपने सदगुरु और भगवान से बढ़ता है।
ट्विटर के माध्यम से समर्थगुरु सिद्धार्थ औलिया ने बताया कि अध्यात्म उनके लिए नहीं, जो रोज़मर्रा की ज़िंदगी में व्यस्त व संतुष्ट हैं। यह तो जीवन का अर्थ जानने के इच्छुक साधकों का मार्ग है। यह मनोरंजन नहीं, मनोभंजन का मार्ग है। यह विद्वत्ता नहीं, विवेक का मार्ग है। कट्टरता नहीं, क्रांति का मार्ग है।