एसवीएसयू में तकनीकी शिक्षा एवं कौशल पर होगा राष्ट्रीय सम्मेलन

श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय एवं विज्ञान भारती के संयुक्त तत्वावधान में होगा आयोजन, हिन्दी में प्रस्तुत किए जाएंगे 100 से भी अधिक शोधपत्र।
पलवल, प्रमोद कौशिक : श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय में मंगलवार को तकनीकी और कौशल शिक्षा की परिवर्तनकारी गतिशीलता पर राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन होगा। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय एवं विज्ञान भारती के संयुक्त तत्वावधान में इस सम्मेलन में 100 से भी अधिक शोधपत्र प्रस्तुत किए जाएंगे। विश्वविद्यालय के कुलगुरु प्रोफेसर दिनेश कुमार ने इस सम्मेलन को कौशल एवं तकनीकी शिक्षा के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा कि इसके माध्यम से तकनीकी एवं कौशल शिक्षा के क्षेत्र में चुनौतियों एवं अवसरों पर चिंतन-मंथन होगा। पूर्णत: हिंदी में आयोजित हो रहे इस सम्मेलन से विकसित भारत हेतु तकनीकी एवं कौशल विकास की संभावनाओं पर भी चर्चा होगी।
विज्ञान भारती के राष्ट्रीय संगठन मंत्री डॉ. शिवकुमार इस सम्मेलन के उद्घाटन सत्र में मुख्यातिथि होंगे। राष्ट्रीय तकनीकी शिक्षक प्रशिक्षण एवं अनुसंधान संस्थान के निदेशक प्रोफेसर सीसी त्रिपाठी और आईयूएसी के निदेशक अविनाश पांडे विशिष्ट अतिथि के रूप में कार्यक्रम में सम्मिलित होंगे। समापन सत्र में हरियाणा के स्वर्ण जयंती राजकोषीय प्रबंधन संस्थान के महानिदेशक एवं मुख्यमंत्री के विशेष कर्तव्य अधिकारी डॉ. राज नेहरू मुख्यातिथि होंगे, जबकि जेसी बोस विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजीव कुमार और दिल्ली कौशल विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर अशोक कुमार विशिष्ट अतिथि के रूप में उपस्थित रहेंगे। श्री विश्वकर्मा कौशल विश्वविद्यालय के अकादमिक अधिष्ठाता प्रोफेसर विक्रम सिंह, कौशल अनुप्रयुक्त विज्ञान और मानविकी संकाय के अधिष्ठाता प्रोफेसर आर एस राठौड़ और राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, कुरुक्षेत्र के प्रोफेसर सतहंस इस सम्मेलन के संयोजक हैं। प्रोफेसर आर एस राठौड़ ने बताया कि इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य तकनीकी और कौशल शिक्षा के क्षेत्र में वैश्विक सहयोग और ज्ञान के आदान-प्रदान को बढ़ावा देना है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के क्रियान्वयन की दिशा में तकनीकी शिक्षा की सामग्री हिंदी में भी उपलब्ध हो यह भी एक उद्देश्य है। प्रोफेसर आर एस राठौड़ ने बताया कि इस सम्मेलन में प्रस्तुत चुनिंदा शोधपत्र विज्ञान भारती के शोधपत्र विज्ञान प्रकाश में प्रकाशित किए जाएंगे।