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आलोचक मधुरेश के साहित्यिक अवदान पर राष्ट्रीय संगोष्ठी 20 अप्रैल को जुटेंगे देश के जाने-माने साहित्यकार

आलोचक मधुरेश के साहित्यिक अवदान पर राष्ट्रीय संगोष्ठी 20 अप्रैल को जुटेंगे देश के जाने-माने साहित्यकार

दीपक शर्मा (जिला संवाददाता)

बरेली : हिंदी आलोचना के शिखर पुरुष, बरेली की विभूति मधुरेश के छह दशकों के अनवरत साहित्यिक अवदान पर 20 अप्रैल को रोटरी भवन में राष्ट्रीय साहित्यिक संगोष्ठी भारतीय पत्रकारिता संस्थान तथा मानव सेवा क्लब के संयुक्त तत्वावधान में होगी।इस साहित्यिक संगोष्ठी में लखनऊ के वरिष्ठ साहित्यकार शैलेंद्र सागर, मुक्तेश्वर, उत्तराखंड के डॉ. कर्ण सिंह चौहान, दिल्ली की वरिष्ठ साहित्यकार डा. साधना अग्रवाल, जयपुर के वरिष्ठ साहित्यकार हरिशंकर शर्मा सहित अनेक विद्वान मधुरेश के आलोचना-कर्म पर प्रकाश डालेंगे।क्लब के कहरवान स्थित कार्यालय पर शुक्रवार को हुई प्रेस वार्ता में एक प्रश्न के उत्तर में जानकारी देते हुए, मानव सेवा क्लब के अध्यक्ष सुरेन्द्र बीनू सिन्हा ने बताया कि कार्यक्रम में मधुरेश की सद्यः प्रकाशित चार पुस्तकों कथा वार्ता, सीढ़ियों पर उपन्यास, अपनों के बीच तथा राजेंद्र यादव और मन्नू भंडारी पर केंद्रित ‘तोता मैना की कहानी’ का विमोचन भी होगा।
उल्लेखनीय है कि 10 जनवरी 1939 को बरेली में जन्मे मधुरेश 1962 से आलोचना के क्षेत्र में निरंतर सक्रिय हैं। उनकी अब तक 70 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं जिनमें हिंदी आलोचना का विकास, हिंदी कहानी का विकास, हिंदी उपन्यास का विकास, आलोचना का संकट, समय समाज और उपन्यास, , होना भीष्म साहनी का, शिनाख्त, अमृत लाल नागर: व्यक्तित्व और रचना संसार, ,ऐतिहासिक उपन्यासः इतिहास और इतिहास दृदृष्टि काफी चर्चित हुई हैं। प्रेस वार्ता में प्रमुख रूप से मानव सेवा क्लब के अध्यक्ष सुरेन्द्र बीनू सिन्हा, महासचिव प्रदीप माधवार,डा.अवनीश यादव, रणजीत पांचाले, इन्द्रदेव त्रिवेदी तथा देवेन्द्र उपाध्याय उपस्थित रहे।

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