पूरे देश में हरियाणा नै नम्बर एक बनावैंगे : नवीन जिंदल

हरियाणवी बोली बोलन व सुनन में आवै घना मजा : नवीन जिंदल
कुरुक्षेत्र, वैद्य पण्डित प्रमोद कौशिक 31 अक्टूबर : पूरे देश में हरियाणा नै नम्बर एक बनावैंगे इसके वास्ते दिन रात काम करेंगे। हरियाणवी बोली बोलन व सुनन में आवै घना मजा आवै सै। कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय ने हरियाणवी बोली नै भाषा बनान वास्ते जो प्रयास किया सै मैं उसकी घनी तारीफ करूं। मैने भी 2012 में संसद में हरियाणवी बोली को भाषा का दर्जा देने की बात उठाई थी। इसी वास्ते मैं अपना भाषण भी हरियाणवी बोली में दैण लागरया हूं। यह विचार कुरुक्षेत्र के सांसद नवीन जिंदल ने शुक्रवार को राज्य स्तरीय हरियाणा दिवस रत्नावली समारोह के अंतिम दिन सुबह के सत्र में बतौर मुख्यातिथि व्यक्त किए। इससे पूर्व रत्नावली समारोह में पहुंचने पर कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सोमनाथ सचदेवा, कुलसचिव डॉ. वीरेन्द्र पाल, केडीबी मानद सचिव उपेन्द्र सिंघल, समाजसेवी विजय नरूला, युवा एवं सांस्कृतिक कार्यक्रम विभाग के निदेशक प्रो. विवेक चावला, लोक सम्पर्क विभाग के निदेशक प्रो. महासिंह पूनिया ने उनका स्वागत किया।
सांसद नवीन जिंदल ने कहा कि जब मैं तीसरी व चौथी कक्षा में था तो स्कूल की अध्यापिका ने मेरे तै एक प्रश्न पूछया मैनें जवाब में कहा कि बैरा कोनी। हरियाणवी भाषा को बोलने व सुनने में उसका स्वाद किमैं ओर ही हौवे से। हरियाणा की लोक कला, गीत, नाच देख के मन जमीं राजी हो गया। हम सबनै मिलकर कड़ी मेहनत करनी होगी और अपने हरियाणा नै पूरे देश में नम्बर एक पर लेकर जावैंगे। प्रदेश के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी के मार्गदर्शन में हरियाणा तरक्की की ओर अग्रसर सै और देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी की सोच के कारण देश विकसित भारत बनने की ओर अग्रसर है।
इससे पूर्व मुख्यातिथि सांसद नवीन जिंदल ने रत्नावली समारोह में लगे हस्तशिल्प मेले का अवलोकन किया और छात्रों द्वारा बनाई गए उत्पादों की बड़ी बारीकी से जानकारी ली और खुले कंठ से छात्रों के प्रयासों की सराहना की। सांसद नवीन जिंदल हरियाणा की लोक संस्कृति के रंग में रंगे नजर आए। उन्होंने नगाड़ा बजाकर कलाकारों का हौंसला भी बढ़ाया। मंच का संचालन डीवाईसीए निदेशक प्रो. विवेक चावला ने किया।
इस अवसर पर कुलसचिव डॉ. वीरेन्द्र पाल, केडीबी मानद सचिव उपेन्द्र सिंघल, छात्र कल्याण अधिष्ठाता प्रो. एआर चौधरी, प्राक्टर डॉ. अनिल गुप्ता, समाजसेवी विजय नरूला, सांस्कृतिक परिषद के अध्यक्ष डॉ. ऋषिपाल, लोक सम्पर्क विभाग के निदेशक प्रो. महासिंह पूनिया, उप-निदेशक डॉ. सलोनी दिवान सहित डीन, निदेशक, शिक्षक व विद्यार्थी मौजूद थे।
 
				 
					 
					



